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वेब सीरीज को सेन्सर बोर्ड जैसे केंद्रीय प्रमाणपत्र प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार में लाया जाए !

हिन्दू जनजागृति समिति की मांग

भारत में प्रतिदिन महिलाओं पर अत्‍याचार की घटनाएं बढ रही हैं । बलात्‍कार की संख्‍या बढ रही है । ऐसे समय इस विषय में प्रबोधन करनेवाले कार्यक्रम न कर, इसमें वृद्धि हो; भोगवादी समाज निर्माण हो; नैतिकता, संस्‍कार समाप्‍त हो, व्‍यभिचार और स्‍वैराचार बढे, ऐसे कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं । इस प्रकार भारतीय संस्‍कृति पर आघात करनेवाले कार्यक्रम उदा. गुरु-शिष्‍य लैंगिक संबंध, हिन्‍दुओं की धार्मिक प्रथाओं का विकृतिकरण, हिन्‍दू समाज को बदनाम करना आदि ‘नेटफ्‍लिक्‍स’ (Netflix) अमेजॉन प्राईम Amazon Prime वेब सिरीज पर दिखाए जा रहे हैं ।

‘नेटफ्‍लिक्‍स’ (Netflix) ऐमेजॉन प्राईम Amazon Prime में प्रदर्शित वेब सिरीज पर बहुत आपत्तिजनक कार्यक्रम होते हैं । तो क्‍या इस कार्यक्रम के आयोजन में विदेशी षड्‌यंत्र भी है, इस कार्यक्रम के लिए पैसा कौन देता है आदि की गहन जांच होनी चाहिए । इस जांच में जो दोषी पाए जाएं, उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाए ।

वेब सीरीज कि उपलब्धता बेहद आसान है। ऐसे में बेलगाम संवाद व कहानियों, अनायास गाली गलौच, अश्लीलता की हदें, धार्मिक, जातीय व क्षेत्र विशेष के आधार पर गुंडागर्दी व दबंगई से सजी वेब सिरीज आज की युवा पीढी के समक्ष प्रस्तुत की जा रही है। बिना ये सोचे समझे कि, इसका सामाजिक व मानसिक स्तर पर क्या प्रभाव पडेगा ? मनोरंजन के नाम पर परोसी जा रही वैमनस्यता व असभ्यता एक चिंतनीय पहलू है ।

 

पढें : अश्लीलता, हिंसा, हिन्दूद्वेष परोसने वाले वेब सीरीज को सेंसर करने की मांग को लेकर ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #CensorWebSeries


वेब सीरिज और लाइव स्ट्रीमिंग को सेंसर के दायरे में लाया जाएं – नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री मोदी से मांग

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में बिहार के सीएम ने वेब सीरीज, लाइव स्ट्रीमिंग और टीवी सीरियलों के जरिए अश्लीलता के प्रसार पर चिंता जताया है। साथ ही नीतीश कुमार ने इसका देश की महिलाओं और बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव का जिक्र करते हुए पीएम मोदी से अपील की है कि टीवी पर प्रसारित होने वाले सीरियल और लाइव स्ट्रीमिंग सर्विस को भी सेंसर के दायरे में लाया जाए। उन्होंने कहा है कि ऐसे कार्यक्रमों में अश्लील और हिंसक चित्रण के कारण आपराधिक गतिविधियां बढ रही हैं।
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हिन्दुओं की धार्मिक और राष्ट्रीय भावना का अपमान करनेवाली और अश्लीलता को बढावा देनेवाली वेब सीरीज

ALT Balaji : XXX 2

नए नए अश्लील वेब सीरिज निकालकर चर्चा में रहनेवाली अल्ट बालाजी अब भारतीय सेना को बदनाम कर रही है । ‘हिंदुस्तानी भाऊ’ नाम से प्रसिद्ध युट्यूबर विकास पाठक ने अल्ट बालाजी की एकता कपूर तथा शोभना कपूर के विरूद्ध FIR दर्ज की है । विकास जी कहना है कि, XXX 2 वेब सीरिज के एक एपिसोड में दिखाया गया है कि जब एक सेना का जवाब बॉर्डर पर देश सेवा के लिए चला जाता है तो उसकी बीवी बॉयफ्रेंड को घर बुलाती है और पति की आर्मी यूनिफॉर्म पहनाकर सेक्स करती है। इंटिमेट सीन के दौरान महिला आर्मी यूनिफॉर्म को फाड़ती है और उसका मजाक उड़ाती है।

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Amazon Prime : पाताल लोक

पाताललोक वेब सीरीज राष्ट्रवाद तथा हिन्दू धर्म को बदनाम करने और खुली गाली देने का षड्यंत्र है । इस फिल्म की प्रोड्यूसर अनुष्का शर्मा और डायरेक्टर और पटकथा लेखक सुदीप शर्मा हैं ।

1. इस वेब सीरीज में एक ‘प्राइम टाइम पत्रकार’ की कुतिया का नाम सावित्री दिखाया गया है ।
2. शुक्ला नामक ब्राह्मण पात्र संबंध बनाते हुए कान पर जनेऊ चढाता है ।
3. एक ‘साधु महाराज’ मंदिर के प्रांगण में मां की गालियां बकते हैं और मांस खाते-परोसते हैं ।

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ट्विटर पर भी इसका भारी मात्रा में विरोध हुआ है । धर्मप्रेमियों ने #BanPataalLok यह ट्रेंड किया तथा इसपर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की ।

नेटफ्लिक्स : Sacred Games, Ghoul और लैला

अमेरिकी मनोरंजन कंपनी नेटफ्लिक्स की प्रसारित की गई कमोबेश सभी सीरीज में विश्वस्तर पर भारत को बदनाम करने की कोशिश की गई है। देश की खराब छवि दिखाने के पीछे ‘नेटफ्लिक्स इंडिया’ हिंदुओं के प्रति दुर्भावना साफ नजर आती है।

Sacred Games में गुरु–शिष्य के संबंध दिखाकर इस परंपरा का  घोर अपमान किया गया है ।

साथ ही लैला नामक वेब सीरीज में एक ऐसे काल्पनिक भविष्य की कल्पना की गई है जहां ‘हिन्दू राष्ट्रवादियों’ का राज्य की मशीनरी पर कब्जा हो जाता है।

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Alt Balaji तथा Zee 5 : Code M

Alt Balaji के लिए जुगोरनॉट प्रोडक्शंस तथा जी ५ द्वारा बनाई गई ‘कोड-एम‘ इस वेब-सीरीज के लिए शो के निर्माता ने समापन के अंत में भारतीय सेना के सभी अधिकारियों और सैनिकों को राष्ट्र की नि: स्वार्थ सेवा के लिए धन्यवाद देकर सलाम किया है । इसमें यदि यह एकमात्र ऐसी चीज है जिसे आप देखकर इस वेबसीरीज को अच्छा कहते हैं, तो आप गलत है । इसके ८ एपिसोड में भारतीय सेना का अपमान किया गया है ।

इसमें जाति से राजपूत एक वरिष्ठ अधिकारी है, जो अपनी बेटी की ‘समस्या’ को ‘निचली जाति’ के अधिकारी से, समलैंगिकता से, भाई-भतीजावाद और भाई-भतीजावाद से ‘समस्या’ से निपटाता है – श्रृंखला हर बुराई को रटने की कोशिश करती है, जो 8 एपिसोड में सामने आ सकती है। और हां, हमारे पास मुसलमान आतंकवादियों को निर्दोष रूप में चित्रित करना इनका पसंदीदा विषय हैं और हमारी सेना नकली मुठभेड करती है और किसी को संदेह न हो इसलिए घटना के मुख्य विषय को अच्छी तरह कवर भी करती है, यह संदेश इस वेब सीरीज से दिया गया है। यहां तक ​​कि श्रृंखला को एक ‘जांच’ के रूप में पेश किया गया है, यह मामला कई खुलासे करता है जो पूरे भारतीय सेना के माध्यम से लहर भेजते हैं ’।

अगर इस तरह से जगरनॉट, एएलटी बालाजी और ZEE5 सेना का आभार व्यक्त करते हैं, तो दुश्मन हमसे बेहतर हैं जो भारतीय सेना की खुलेआम आलोचना करते हैं। कम से कम वे पीछे से वार तो नही करते ।

हम यह समझने में विफल हुए हैं कि, निर्माताओं के पास फिल्म बनाने के लिए अन्य बहुत सारी चीजें थी, किंतु उसे खराब करने के लिए कुछ देशविरोधी तत्त्वों की  सहायता से यह बनाई गई है । भारतीय सेना को ये इस तरह भी बता सकते थे..

१. जम्मू कश्मीर में बच्चों के लिए उन्होंने विद्यालय शुरु किए ।

२. आपदा के समय स्थानिक लोगों को बचाकर उनके निवास का बंदोबस्त किया ।

३. जनता की रक्षा हेतु दिन-रात पहरा देकर, अपने प्राणों की आहुती देकर कार्य कर रहे है ।

परंतु हमारे सेना को इसके बदले में क्या मिला ? धर्मांध लोग सेना पर पथराव करते है । किंतु यह सच होते हुए भी यह बात किसी वेबसीरीज में नहीं दिखाई जाती ।

ओटीटी प्लेटफॉर्म लाभ के लिए हमारे कानूनों का कैसे फायदा उठा रहे हैं?

ये ओटीटी प्लेटफार्म सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के दायरे में नहीं आते हैं । इसलिए ओटीटी प्लेटफार्म इस अधिनियम के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने है, तो इनपर कार्यवाही का कोई प्रावधान नहीं हैं । आज चलच्चित्र या टीवी सिरीयल बनानेवाले सभी को उपरोक्त अधिनियम का पालन करना बाध्य हैं और इसी अधिनियम के दिशानिर्देशों के आधार पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड उसे मंजूरी देता है या फिल्म में कटौती का सुझाव देता है । जबकि मूवी ट्रेलर (2 मिनट से कम समय का वीडियो) या मूवी पोस्टर को सीबीएफसी द्वारा जनता को प्रदर्शित करने के लिए मंजूरी देनी होती है, लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म खुले तौर पर किसी भी प्रमाणन के बिना हिंसक, आपराधिक, मानहानि, अपमानजनक और शीर्षक वाली सामग्री साझा करते हैं। केबल टेलीविजन (रेगुलेशन) अधिनियम 1995 भी इन ओटीटी प्लेटफार्म को कवर नहीं करता है। इसलिए इन पर नियंत्रण के लिए कोई रेगुलेशन नहीं है ।

प्रत्येक सर्टिफिकेशन को एक शुल्क की आवश्यकता होती है जिसे संबंधित प्राधिकरण द्वारा एकत्र किया जाता है, लेकिन इन वेब-श्रृंखलाओं को प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं है, इसलिए सरकार राजस्व का नुकसान झेल रही है। इसके अलावा, लगभग हर वेब सीरीज में पात्रों को सिगरेट फूंकते हुए और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करते दिखाया जाता है। हालांकि, इनमें से कोई भी दृश्य तंबाकू या शराब के सेवन के खिलाफ अनिवार्य संदेश नहीं देता है। सिनेमा और टीवी शो को कानून द्वारा तंबाकू और शराब के दुष्प्रभावों को बताने का संदेश प्रदर्शित करने के लिए अनिवार्य किया गया है किंतु, ओटीटी प्लेटफॉर्म किसी भी नियम से बाध्य नहीं हैं, इसलिए वे दर्शकों के मन को प्रभावित करने के लिए स्वतंत्र है तथा उन्हें तंबाकू, शराब या अन्य व्यवसनाधीन उत्पाद को सेवन करने के लिए सहाय ही कर रहे है।

वेब सीरीज को सेंसर करने की मांग

इसलिए हम आपसे निवेदन करते हैं कि, आप इस मामले को सार्वजनिक हित में गंभीरता से लें और

१. सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952 या केबल टेलीविजन (रेगुलेशन) अधिनियम 1995 जैसे संबंधित अधिनियमों में आवश्यक संशोधन करें – यदि आवश्यक हो तो कृपया एक अध्यादेश पारित करें।

२. ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के लिए) के लिए एक नियामक प्राधिकरण (रेगुलेटरी ऑथोरिटी) की स्थापना की जाए तथा उनपर प्रसारित किए जानेवाले फिल्म्स को प्रमाणित करने का काम उन्हें सौंपा जाए, जिसे ओवर-द-टॉप मीडिया सर्विसेज (ओटीटी प्लेटफार्मों) के माध्यम से आगे पास किया जाएगा।

३. वेब-सीरीज / एपिसोड बनाने वाली सभी कंपनियों को जीएसटी या ऐसे किसी अन्य कर सेवा के माध्यम से सरकार को आवश्यक शुल्क का भुगतान करने का नियम बनाएं ।

४. भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (2000) की प्रासंगिक धाराओं का उपयोग कर प्रासंगिक स्थानों पर आवश्यक अपराधिक कार्यवाही शुरू करें।

हमें विश्वास है कि, माननीय मंत्रीजी जल्द से जल्द उचित कदम उठाएंगे और साथ ही ओटीटी प्लेटफार्म जनता को कौनसी सामग्री दे रहे है उसका उत्तरदायित्व भी उनका ही हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाएं !

विविध वेबसीरीज पर दर्ज हुई शिकायतें

1. गाजियाबाद के लोनी विधानसभा से भाजपा के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बॉलीवुड एक्ट्रेस और पाताल लोक की प्रोड्यूसर अनुष्का शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है । उनका आरोप है कि सीरीज में बिना अनुमति के उनकी और सांसद अनिल अग्रवाल की फोटो इस्तेमाल की गई है । इसके अलावा इस वेब सीरीज में गुर्जर जाति का चित्रण डकैत एवं गलत कार्यो में शामिल दिखाया गया है ।

2. अरुणाचल प्रदेश में ऑल अरुणाचल प्रदेश गोरखा यूथ एसोसिएशन (एएपीजीवाईए) के नामसाई इकाई के अध्यक्ष बिकास भट्टाराई ने वेब सीरीज ‘पाताल लोक’ के एक दृश्य में गोरखा समुदाय पर कथित “लिंग भेदी टिप्पणी’ करने के लिए अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में शिकायत दर्ज कराई है ।

साथ ही जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने पर अकाली दल के मजिंदरसिंह शिरसा ने भी विरोध कर पाताल लोक पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है । सिरसा ने कहा है कि ‘पूरी दुनिया में सिख मानवता की सेवा करने के लिए जाने जाते हैं.. और खासतौर पर अगर किसी अबला पर किसी ने वार किया तो सिख समुदाय अपनी जान देने के लिए जाने जाते हैं। ‘पाताल लोक’ में एक सिख को रेप करते हुए दिखाया जा रहा है और एक अमृतधारी सिख को बेबस वहां पर दिखाया गया है। इसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। एक अमृतधारी सिख कोई अत्याचार होता हुआ नहीं देख सकता।’

इससे पहले ‘सॅक्रीड गेम्स’ में सिखों की धार्मिक भावना आहत करने के लिए सैल अली खान के विरूद्ध मजिंदर शिरसा ने Netflix पर प्रतिबन्ध की मांग की थी । अनुराग कश्यप के साथ इस सीरीज के निर्माताओं को चेतावनी देते हुए यह दृश्य हटाने की मांग की थी ।

दिल्ली के भाजपा प्रवक्ता तेजेंदरसिंग बग्गा ने भी उक्त वेब सीरीज में धार्मिक भावना आहत होने के चलते पुलिस में शिकायत दर्ज की थी ।

ALT Balaji इस OTT एप पर प्रसारित हुए ‘गंदी बात’ इस वेब सीरीज के विरोध में अधिवक्ता दिव्या गोंतिया ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के नागपुर बेंच में भी PIL दाखिल की थी । इस में काफी मात्रा में अश्लीलता परोसी गई है । पीआयएल में कहा गया है कि, स्क्रिनिंग में ही अश्लीलता, गाली-गलौच, हिंसा दिखाकर इसके द्वारा भारतीय संस्कृती एवं नैतिकता का हनन करने का प्रयास किया गया है ।

मूलत: यूएस स्थित Netflix सीरीज के Sacred Games, Leila, standup acts by Hasan Minhaj तथा Ghoul इन वेबसीरीज ने हिन्दू संस्कृति एवं धर्म की छवी खराब करने का प्रयास किया है । इस विषय में शिवसेना आइटी सेल के रमेश सोलंकी ने पुलिस में शिकायत दर्ज की थी ।

वेब सीरीज को सेंसर करने की मांग

वर्तमान में, नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार, Jio, Voot, Zee5, Arre, SonyLIV, ALT बालाजी और इरोस नाउ ने एक सेल्फ-सेंसरशिप कोड पर हस्ताक्षर किए हैं, जो कुछ प्रकार की सामग्री और सेट दिखाने से अधिक (OTT) ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को प्रतिबंधित करता है। अमेज़ॅन ने इस कोड पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है, कहा गया है कि वर्तमान नियम पर्याप्त हैं।

इसलिए हमारी मांग है कि, इन OTT प्लॅटफॉर्म्स पर कोर्इ भी वेब सीरीज दिखाने से पहले फिल्म्स की तरह इनका भी सेन्सर हों, साथ ही एक परिनिरीक्षण बोर्ड (सेन्सॉर बार्ड) की स्थापना की जाए, जो स्वतंत्र रूप से वेब सीरीज की पडताल कर उसे अनुमती देना है या नहीं यह तय करेगी । साथ ही बच्चों तक हिंसा / व्यवसनाधीनता तथा पॉर्न दिखाने वाली वेब सीरीज ना पहुंचे, इसके लिए भी कुछ नियम बनाने चाहिए ।