दीपावली शब्द दीप एवं आवली की संधिसे बना है । आवली अर्थात पंक्ति । इस प्रकार दीपावली शब्दका अर्थ है, दीपोंकी पंक्ति । दीपावलीके समय सर्वत्र दीप जलाए जाते हैं, इसीलिए इस त्योहारका नाम दीपावली है । भारतवर्षमें मनाए जानेवाले सभी त्यौहारोंमें दीपावलीका सामाजिक एवं धार्मिक इन दोनों दृष्टियोंसे अत्यधिक महत्त्व है । इसे दीपोत्सव भी कहते हैं । ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय ।’ अर्थात अंधेरेसे ज्योति अर्थात प्रकाशकी ओर जाइए’ यह उपनिषदोंकी आज्ञा है । अपने घरमें सदैव लक्ष्मीका वास रहे, ज्ञानका प्रकाश रहे, इसलिए हरकोई बडे आनंदसे दीपोत्सव मनाता है । प्रभु श्रीराम चौदह वर्षका वनवास समाप्त कर अयोध्या लौटे, उस समय प्रजाने दीपोत्सव मनाया । तबसे प्रारंभ हुई दीपावली ! श्रीकृष्णने आसुरी वृत्तिके नरकासुरका वध कर जनताको भोगवृत्ति, लालसा, अनाचार एवं दुष्टप्रवृत्तिसे मुक्त किया एवं प्रभुविचार (दैवी विचार) देकर सुखी किया, यह वही ‘दीपावली’ है ।