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इतिहास

भक्तिमती शबरीमैया

रत्नगर्भा वसुुंधराका एक अंश इस देवभूमि भारतके, गर्भसे न जाने कितने अनमोल रत्नोंका उदय हुआ है । जीवनके प्रत्येक क्षेत्रमें उनके नाम और कार्यके बलपर युगो-युगोंसे इस भूमिकी पवित्रता अक्षुण्ण रही है । ऐसा ही एक भक्तिरत्न है, ‘शबरी’, जिसकी जीवनचर्या आज भी हमें हिन्दू धर्मकी महानताका, श्रीगुरुके चैतन्यमय वचनपर दृढ श्रद्धाका तथा भगवद्भक्तिका पाठ पढाती है ।

धनुषकोडी – एक ध्वस्त और उपेक्षित तीर्थस्थल !

धनुषकोडी, भारतके दक्षिण-पूर्वी शेष अग्रभागपर स्थित हिन्दुआेंका यह एक पवित्र तीर्थस्थल है ! यह स्थान पवित्र रामसेतुका उगमस्थान है । ५० वर्षोंसे हिन्दुआेंके इस पवित्र तीर्थस्थलकी अवस्था एक ध्वस्त नगरकी भान्ति हुई है । २२ दिसम्बर १९६४ मेें इस नगरको एक चक्रवातने ध्वस्त किया । तदुपरान्त शासनद्वारा इस नगरको ‘भूतोंका नगर’ घोषित कर उसकी अवमानना की गई ।