राष्ट्र तथा धर्मके विचार विद्यार्थियोंसे लेकर बडोंतक पहुंचानेवाले प्रा. दुर्गेश परुळकर ! – भाग २
राष्ट्र, तथा धर्मपर १० पुस्तकोंका लेखन; प्रबोधन, प्रवचन, व्याखानोंके माध्यमसे; सत्य तथा ज्वलंत इतिहास समझानेके माध्यमसे ज्येष्ठ पत्रकार एवं प्रा. दुर्गेश परुळकर राष्ट्रकार्य कर रहे हैं । Read more »
द्वितीय ‘अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशन’की फलनिष्पत्ती
हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके लिए किए जानेवाले प्रयत्नोंके लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण चरणके रूपमें इस अधिवेशनका इतिहासमें उल्लेख होगा ! इस अधिवेशनका उद्देश्य १०० प्रतिशत सफल हुआ है । Read more »
आडवाणीजीद्वारा भाजपाके सर्व पदोंका त्यागपत्र
भारतीय जनता दलके ज्येष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणीद्वारा १० जूनको दलके सर्व पदोंका त्यागपत्र दिया गया । Read more »
भारतको अराजकताकी देहलीपर लाकर खडा करने हेतु उत्तरदायी लोकराज्यके चार स्तंभ !
शासन,पुलिस,न्यायव्यवस्था, प्रसारमाध्य ये चार स्तम्भ खोकले होने से देश की उनत्ती रुक गयी है Read more »
न्यायालयद्वारा शिवाजी महाराजके छायाचित्रवाली बहीके विरोधमें प्रविष्ट अभियोग ठुकराया गया
शिवाजी महाराजका छायाचित्रवाली सनातन बहीके वितरणसे समाजमें जातीय दुश्मनी उत्पन्न होनेकी संभावना है, इस प्रकारके परिवादको लेकर चलाया जानेवाला अभियोग केरलके कासारगौडके न्यायालयद्वारा निरस्त किया गया । Read more »
हिंदू समाजके लिए हमें समय देना ही होगा ! – श्री. राजासिंह ठाकुर
भाग्यनगर (हैदराबाद) स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिरकी रक्षा हेतु जारी संघर्ष इस विषयपर बोलते हुए श्री. राजासिंह ठाकुरने कहा, भाग्यनगरका श्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर चारमिनारसे भी प्राचीन है । Read more »
हिंदू राष्ट्रकी स्थापना होने हेतु त्यागकी आवश्यकता ! – श्री. दासकमल अग्रवाल, आंध्रप्रदेश
भारत हिंदू राष्ट्र है ही, हमें उसका केवल पुनर्निमाण करना है । हमें संगठित विचारोंके माध्यमसे क्रांतिका बिगुल बजाना है ।ऐश्वर्यसंपन्न और शक्तिशाली हिंदू राष्ट्रके लिए हम सभीको प्रयत्न करने होंगे । Read more »
‘देशकी समस्याएं दूर होनेके लिए हिंदू राष्ट्र शीघ्रातिशीघ्र स्थापित होना आवश्यक !’
विभाजनके समय मुसलमान ३ करोड थे, इसलिए अल्पसंख्यक थे । अब वे ३० करोड हो गए हैं, तब भी अल्पसंख्यक ही हैं क्या ? अब तो अनुसूचित जातर्तिंयोंका आरक्षण भी मुसलमानोंको मिलेगा । Read more »
धर्मसंस्थाको कोई भी अधिकार न होनेके कारण भारतकी अधोगति ! – प्रा. रामेश्वर मिश्र
प्रा. रामेश्वर मिश्रने कहा, यूरोपके देशोंमें वहांकी धार्मिक व्यवस्थाको विशेष अधिकार हैं, साथ ही वहांके नागरिक अपने देशकी कभी निंदा नहीं करते । भारतमें ऐसा नहीं है । Read more »
भारत हिंदू राष्ट्र बने, इस हेतु राष्ट्रव्यापी हिंदूसंगठनका निर्धार !
अधिवेशनमें सहभागी हुए २१ राज्योंके हिंदुत्ववादी संगठनोंके २५० से भी अधिक पदाधिकारियोंने भारतको हिंदू राष्ट्र बनाने हेतु राष्ट्रव्यापी हिंदूसंगठनका समान कृति योजना निश्चित की । Read more »