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‘सांप्रदायिक एवं लक्ष्यित हिंसा प्रतिबंधक अधिनियम’ का संकट और उपाय !

‘सांप्रदायिक एवं लक्ष्यित हिंसा अधिनियम’ – हिंदुत्व को समाप्त करने का षड्यंत्र, उसका वास्तविक स्वरूप, और ‘समर्थ’ संगठन के प्रयत्न Read more »

आंग्ल शिक्षाव्यवस्था – भारतीय विद्यालय धर्मनिरपेक्ष तथा अहिंदू बनानेका षडयंत्र

स्वतंत्रताके पश्चात अर्थात १९४७ से जो राजनीतिक लोग भारतके शासक बने, वे सभी प्रतिभाशून्य थे । अंग्रेज धूर्ततापूर्वक सबसे दुर्बल लोगोंके हाथोंमें देश सौंपा । – प्रा. रामेश्वर मिश्र, हिंदू विद्या केंद्र Read more »

धर्मांतरणकी बढती समस्या तथा उसका समाधान !

८ वीं शताब्दीके प्रारंभमें मोहम्मद कासिमद्वारा किया आक्रमण केवल संपत्ति तथा राज्यके लिए नहीं था । उसने लूटपाटके साथ यहांके धर्म, संस्कृति तथा संप्रदायोंपर भी आक्रमण किया । तबसे हम इन धर्मांधोंके आक्रमण झेल रहे हैं । Read more »

मंदिर विधेयकके समर्थनार्थ कश्मीरी हिंदुओं द्वारा मोर्चा !

कश्मीर घाटीमें मंदिरोंकी देखभाल करनेवाली संस्थाकी स्थापना करने हेतु मंदिर विधेयक तुरंत सम्मत हो, यह मांग करते हुए कश्मीरी हिंदुओंद्वारा शहरमें मोर्चा निकाला । काश्मीरी हिंदू मंदिर विधेयक अभी (फिलहाल) कश्मीर विधानसभामें प्रलंबित है । Read more »

समाजवादी दलकी सरकारद्वारा भगवान श्रीकृष्णकी मथुरा नगरीको तीर्थक्षेत्र घोषित करनेमें टालमटोल

धार्मिक मथुरा नगरीको `तीर्थक्षेत्र’ घोषित करने हेतु सरकारद्वारा टालमटोल की जाती है । मथुराके विधायकद्वारा विधानसभाके अगले अधिवेशनमें यह सूत्र उपस्थित करनेका विचार किया जा रहा है । Read more »

इतिहासका विकृतिकरण रोकनेके लिए क्रियाशील हों !

बी.एड्. तथा डी.एड्. का पाठ्यक्रम पूरा करनेवाले विद्यार्थी भविष्यमें शिक्षक बनते हैं, इसलिए हम प्रबोधन कर उन्हें उचित इतिहास बता सकते हैं । Read more »

असममें बांगलादेशी घुसखोरोंको सुरक्षा प्रदान करनेवाला राष्ट्रघाती आइएमडीटी अधिनियम !

१९८३ में संसदमें आइ.एम.डी.टी. पारित किया गया था । इस अधिनियम द्वारा असममें बांगलादेशी घुसपैठी मुसलमानोंके रहनेकी पूरी व्यवस्था की गई । Read more »

भारतको बलपूर्वक हडपनेका प्रयत्न करनेवाले बांग्लादेशी घुसपैठिए !

भारतमें पहलेसे ही घुसपैठ जारी है, जो आज भी चल रही है । विशेषतः बांग्लादेशके निर्माणके उपरांत धर्मांधोंकी ही घुसपैठ हो रही है । प्रतिदिन औसतन ५,००० धर्मांध भारतमें आते हैं । Read more »

हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाका कार्य अर्थात हिंदुत्वनिष्ठोंका निष्काम कर्मयोग !

हमारे यंत्रके कुछ भाग काम नहीं कर रहे थे, कुछ अधिक चल रहे थे, कुछ ढीले पड गए थे, तो कुछ बहुत पक्के थे । इस अधिवेशनके कारण सभी भाग काम करनेकी स्थितिमें आ गए । हिंदू राष्ट्र-स्थापना हेतु फलकी अपेक्षा न रख निष्काम कर्म करते रहें । Read more »

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