अधिक वार्ता

वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र अधिवेशन का पांचवां दिन (२८ जून) : मंदिरों का सुव्‍यवस्‍थापन

मतों की राजनीति से निशुल्क सुविधा अथवा वस्तु देने की पद्धति बढ गई है । केवल भारतीय अर्थशास्‍त्र आत्‍मनिर्भर बनाता है । सनातन धर्म के अर्थशास्‍त्र में मंदिरों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है । सनातन धर्म में मंदिरों के अर्थकारण से शिक्षाप्रणाली चलाई जा रही है । मंदिरों की अर्थव्यवस्था पर गांवों की निर्मिति हो रही है । मंदिरों की अर्थव्‍यवस्‍था नष्ट हो जाने के कारण ही भारत में साम्यवाद और पूंजीवाद आया । Read more »

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव का चौथा दिन (२७ जून) : धर्म के प्रति जागरुकता लाने हेतु प्रयास

संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म ही सत्य है, अन्य सभी असत्य हैं । ईसाई, इस्लामी तथा नास्तिक अर्थात वामपंथियों द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है । झूठी कथाएं रची जा रही हैं । इसका सामना करता समय सनातनधर्मीय सुरक्षात्मक नीति अपना रहे हैं; परंतु अब इसका समय आ गया है कि इस दुष्प्रचार का सामना करते समय हमें आक्रामक नीति अपनाना आवश्यक है । Read more »

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का चौथा दिन (२७ जून) : राष्ट्र, धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के प्रयास कैसे करने चाहिए ?

धर्मसंस्था, राष्ट्रवाद एवं शिक्षाव्यवस्था संस्कृति के आधार हैं; इसलिए उन्हें नष्ट करने का प्रयास किया गया । हमारी संस्कृति यदि नष्ट हुई, तो हमारा अस्तित्व मिट जाएगा । इसलिए इस आक्रमण को समझ लेना पडेगा । इसके लिए उनके मुखौटों को पहचानकर हमें उनके विरुद्ध लडना चाहिए । Read more »

वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र अधिवेशन का चौथा दिन (२७ जून) : ओटीटी और हिन्दी चलचित्र जगत

आज समूचा विश्व हिन्दू धर्म और संस्‍कृति को नष्‍ट करने का प्रयत्न कर रहा है । इसलिए, हमें संगठित होकर इसका सामना करना पड़ेगा । हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए धार्मिकता और आध्‍यात्मिकता से युक्त एक बड़ा जनांदोलन खड़ा करना आवश्‍यक है । Read more »

वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र महोत्‍सव का चतुर्थ दिन (२७ जून) : हिन्दू राष्‍ट्र हेतु वैचारिक आंदोलन

फिल्मी जगत, सामाजिक माध्‍यम, न्‍यायव्‍यवस्‍था, राजनीति, क्रीडा, कला आदि माध्‍यमों से राष्‍ट्र एवं हिन्दू धर्म के विरुद्ध नैरेटिव तैयार करने का काम जोर-शोर से शुरू है । पिछले १० वर्षों में इन सभी क्षेत्रों में बडी मात्रा में वैचारिक ध्रुवीकरण हुआ है । इस कारण आगामी ५ वर्ष हमारे लिए महत्त्वपूर्ण हैं । ‘ब्रेन वॉशिंग’ अर्थात वास्तव में बुद्धि शुद्ध कर बौद्धिक युद्ध में सम्मिलित होना होगा । Read more »

छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता को कम करने के लिए हिन्दू विरोधी नैरेटिव ! – श्री. उदय माहुरकर, पूर्व सूचना आयुक्त, भारत सरकार

स्वतंत्रता के बाद हमारे इतिहास को विकृत करके और बहुसंख्यक हिन्दुओं पर मुगलों का महिमामंडन करनेवाला झूठा इतिहास थोपकर हिंदुओं में भ्रम, भेदभाव और हीनता पैदा करने के लिए कई हिन्दू विरोधी नैरेटिव अभी भी रचे जा रहे हैं । इसके विरुद्ध अब हिंदुओं को जागना होगा और हिन्दू विरोधी नैरेटिव को पहचानना होगा । हिन्दुओं को नैरेटिव (झूठे कथानक) की लड़ाई जीतना सीखना होगा । Read more »

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव तृतीय दिन (२६ जून) : भारतीय शिक्षाप्रणाली

जब भारत में मेकॉले शिक्षापद्धति आरंभ हुई, तब से शिक्षा का पतन हो गया और इसकारण देश का भी पतन हुआ । मुगलों के काल में भी राजा छत्रसाल, छत्रपति शिवाजी महाराजजी के राज्य ‘हिन्दू राष्ट्र’ थे । ‘वसुधैव कुटुंबकम्’, ऐसा हिन्दुओं के अतिरिक्त कोई नहीं बोल सकता । भारत में गुरुकुल शिक्षापद्धति आरंभ होगी । तब हिन्दू राष्ट्र में निखार आएगा । Read more »

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव तृतीय दिवस (२६ जून) : देश की सुरक्षा एवं धर्मरक्षा

विगत अनेक शताब्दियों से भारत पर इस्लामी आक्रमण हो रहे हैं । संबंधित कालावधि में आक्रांताओं ने आक्रमण की पद्धति बदली है । विश्व पर राज करने हेतु अर्थव्यवस्था मजबूत करनी पडेगी, यह बात ध्यान में आने पर प्रथम ‘इस्लामिक बैंकींग’ आरंभ हुआ । Read more »

लोकसभा में ‘फिलीस्तीन’ की विजय का नारा देनेवाले असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द करें !

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में असदुद्दीन ओवैसी की कडी निंदा कर लोकसभा के अध्यक्ष तथा केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री से असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग करने का प्रस्ताव पारित किया गया । ‘एम्.आई.एम्’ के भाग्यनगर के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में ‘लोकसभा की सदस्यता’की शपथ लेते समय ‘जय भीम, जय मीम’, ‘अल्लाहू अकबर’ इन नारों के साथ ही ‘जय फिलीस्तीन ( पैलेस्टाइन), यह भी नारा लगाया । Read more »

वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का तीसरा दिन : भारतविरोधी शक्तियां

आज समाज का प्रत्येक सेवा क्षेत्र मुसलमानों के नियंत्रण में जा रहा है । इस माध्यम से मुसलमानों ने हलाल अर्थव्यवस्था ‍समान ही एक बडी ‘कैश अर्थव्यवस्था’ निर्माण की है । यदि कोई सेवाक्षेत्र अपने हाथों से चला गया, तो पुन: वह अपने हाथों में कभी नहीं आएगा । उसके लिए हमें ‘हिन्दू सर्विस सेक्टर’ (हिन्दू सेवा क्षेत्र)  निर्माण करने चाहिए । Read more »

1 2 3 4 5 6 1,835