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‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत महाराष्ट्र में आयोजित किए गए चैतन्यदायी उपक्रमों को जिज्ञासुओंद्वारा उत्स्फूर्त प्रतिसाद !

सांगली के गवळीवाडी-खंडेराजुरी में ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ आयोजित करने हेतु धर्माभिमानियों ने किया नेतृत्व !

गवळीवाडी-खंडेराजुरी : यहां ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ संपन्न हुई। सभा की सभी सिद्धता गांव के हिन्दू धर्माभिमानियों ने नेतृत्व में की गई थी। सभा के लिए ७० पुरुष तथा २५ महिलाएं उपस्थित थी।

सभा में व्यक्त किए गए हिन्दू जनजागृति समिति के वक्ताओं के विचार !

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ अध्यात्म के उच्च शिक्षण तथा आध्यात्मिक संशोधन के लिए कार्यरत रहेगा ! – कु. प्रतिभा तावरे

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने साधना के सर्वांगों को स्पर्श करनेवाले वैज्ञानिक भाषा की ग्रंथसंपदा निर्मित की है। अध्यात्मशास्त्र, देवताओं की उपासना, साधना, आचारधर्म, बालसंस्कार, राष्ट्ररक्षण, धर्मजागृति, ईश्वरप्राप्ति के लिए कला, संमोहन उपचार आदि विविध विषयों पर मार्च २०१७ तक सनातन-निर्मित २९९ ग्रंथों की १५ भाषाओं में ६८ लक्ष ३९ सहस्त्र प्रति प्रकाशित की गई हैं। अभी भी परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के संग्रह में ८ सहस्त्र ग्रंथ प्रकाशित हो संकेगे, इतना ज्ञान शेष है !

तक्षशिला, नालंदा आदि प्राचीन विश्वविद्द्यालयों समान रहनेवाला ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन में स्थापित किया जा रहा है। यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा तथा आध्यात्मिक संशोधन के लिए कार्यरत रहेगा !

‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना कार्य में सहभागी होना, यही कालानुसार साधना है ! – श्री. प्रशांत चव्हाण

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने भक्तियोग, कर्मयोग, ध्यानयोग तथा ज्ञानयोग इन साधनामार्गों का संगम कहलानेवाला तथा शीघ्र गति से आध्यात्मिक उन्नति करवानेवाला ‘गुरुकृपायोग’ यह साधनामार्ग विकसित किया है। ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना कार्य में सहभागी होना, यही कालानुसार साधना है ! ‘हिन्दू संघटन’ की दृष्टि से प्रयास करना, यह भी ‘समष्टि’ साधना का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है !

हिन्दू धर्मजागृति सभा के लिए उपस्थित ग्रामस्थ

क्षणिकाए

१. यहां धर्मशिक्षण फलक लगाए गए थे !

२. सभा के स्थान पर कुछ अलग ही चैतन्य प्रतीत हो रहा था !

सांगली में स्थित आदर्श गांव गवळीवाडा-खंडेराजुरी की ग्रामदेवता श्री महालक्ष्मी देवी से मांगी गई मन्नत !

‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत ४ मई को गवळीवाडी की ग्रामदेवता श्री महालक्ष्मी देवी की भावपूर्ण गोद भराई की गई। उस समय ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना करने हेतु मन्नत मांगी गई। उस समय सर्वश्री युवराज गवळी, अरविंद गवळी, अनिल गवळी, नितीश गवळी, अमोल गवळी, विक्रम गवळी, केदार गवळी, हिन्दू जनजागृति समिति के सर्वश्री मनोज गवळी, गिरीष पुजारी, सनातन संस्था की कु. सुरेखा आचार्य तथा श्रीमती स्नेहा पुजारी उपस्थित थी।

गवळीवाडी एक आदर्श गांव !

इस गांव की विशेषता यह है कि, इस गांव में एक भी अहिन्दू नहीं है ! गांव का एक भी विवाद पुलिस थाने तक नहीं जाता। गांव के लोग आपस में बैठकर विवादों का निराकरण करते हैं। गांव में वारकरियों की संख्या लक्षणीय है। गांव से प्रतिवर्ष पंढरपुर दिंडी का आयोजन किया जाता है।

‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ में किस प्रकार से सम्मिलित हो सकते हैं ?

विभिन्न संप्रदायों के अनुयायी अपने संप्रदायों के कार्यक्रमों में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत आयोजित किए जानेवाले उपक्रम आयोजित कर सकते हैं, साथ ही सांप्रदायिक एकता हेतु ‘हिन्दू एकता दिंडी’ का आयोजन करना, आदि

(ये अभियान आयोजित करने हेतु संपर्क क्रमांक : श्री. अभय वर्तक – ७७७५८ ५८३८७)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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