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अधिवेशन अर्थात उच्चवर्गीय हिन्दुओं का मुसलमानों के विरोध में षड्यंत्र ! – रजा अकादमी के मौलाना नूरी

रजा अकादमी के मौलाना नूरी ने अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन पर उगला जहर !

मुंबई के आजाद मैदान में दंगा कर प्रसारमाध्यमों की ओबी वैन जलानेवाली तथा महिला पुलिसकर्मियों पर अत्याचार करनेवाली रजा अकादमी ने हिन्दू अधिवेशन पर बोलना ही नहीं चाहिए !

मुंबई : अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन उच्चवर्गीय हिन्दुओं का मुसलमानों के विरोध में षड्यंत्र है ! उनकी ‘हिन्दू राष्ट्र’ की अवधारणा में मुसलमान, पिछडे एवं आदिवासियों को दूसरा स्थान दिया गया है। मुसलमानों की स्थिति पिछडे लोगों से भी दयनीय है। (षडयंत्रकारी मुसलमान ! पिछडे एवं आदिवासियों को अपने पक्ष में कर हिन्दुओं में अंतर करनेवाले मुसलमान ! कानून हाथ में लेकर दंगा करनेवाले, पुलिस पर आक्रमण करनेवाले एवं हिन्दुओं की हत्या करनेवाले इन धर्मांधोंद्वारा उनकी परिस्थिती दयनीय है, तो यह ‘उलटा चोर कोतवाल को डांटे’ ऐसी बात हो गई ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) ऐसी स्थिति में भी हमारी (मुसलमानों की) चापलूसी हो रही है, ऐसा झूठा प्रचार हिन्दू संघटन कर रहे हैं। रजा अकादमी के प्रधान सचिव मौलाना नूरी ने ऐसी आलोचना की। (भारत में स्वातंत्र्य प्राप्ति के पश्चात शासकीय योजनाओं के नाम पर मुसलमानों ने जितनी सुविधाओं का लाभ उठाया, अन्य किसीने भी उतना लाभ नहीं उठाया, इस सत्य को अस्वीकार कर मुसलमान नेता सहानुभूति प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १४ से १७ जून की कालावधि में गोवा में अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन हो रहा है। इस पर नूरी ने ऐसी आलोचना की है ! उनका यह वक्तव्य हिन्दुस्तान टाइम्स अंग्रेजी दैनिक के ९ जून के अंक में प्रसिद्ध हो गया है।

हिन्दुस्तान टाइम्सद्वारा प्रसारित समाचार में अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों के विचारों को भी प्रसिद्धि दी गई है . . .

१. भारत के हिन्दुत्व के कारण पूरे संसार के लोग भारत की ओर आकर्षित होते हैं। यदि हिन्दुओं ने धर्मानुसार आचरण किया, तो भारत पुनः महासत्ता बन सकता है। – श्री. राहुल कौल, यूथ फॉर पनून कश्मीर

२. ‘यदि भारत ‘हिन्दू राष्ट्र’ बना तो सभी को समान न्याय दिया जाएगा। इसलिए देश की जनता शांति से जीवनयापन कर सकेगी !’ – श्री. अनिल धीर, भारत रक्षा मंच

३. ‘हम ‘हिन्दू राष्ट्र’ का सांस्कृतिक दृष्टि से विचार करते हैं !’ – श्री. अशोक चौगुले, विश्‍व हिंदु परिषद

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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