बिश्वो गो सुरख्या बाहिनी के राज्य अध्यक्ष सुरेशचंद्र पंडा ने अधिवेशन के द्वितीय उद्बोधन सत्र में उपस्थितों को संबोधित करते हुए कहा कि, गोरक्षा हेतु सक्षम कानून होना आवश्यक है । कानून बनाए बिना गोरक्षा की संभावना अल्प है, यह हमें जान लेना चाहिए । आज कानून न होने के कारण पुलिस-प्रशासन गोरक्षकों की नहीं सुनते । मैं ने कर्करोग जैसी दुर्धर व्याधि से गोमाता की कृपा के कारण बचने का अनुभव लिया है । गोरक्षा करते समय कसाइयों द्वारा हुए अनेक प्राणघाती आक्रमणों से गोमाता की कृपा से मैं बचा हूं । ओडिशा में ५ सहस्र से अधिक गायों को हमने हत्या से बचाया है । इसके साथ ही गोशाला चलाकर उनका संवर्धन किया है।
अधिवक्ता सुरेशचंद्र पंडा ने आगे कहा, ‘‘गोरक्षा करना हमारा कर्तव्य ही है । जब तक कानून नहीं बनता, तब तक गोरक्षा का कार्य हमें करना ही है; परंतु गोरक्षा का कार्य वास्तविक अर्थों में पूर्ण होने के लिए कानूनी पद्धति से गोरक्षा होना आवश्यक है । इसके लिए गोरक्षा का कानून बनना चाहिए । हमारा पक्ष सत्य का पक्ष है । देवता, गोमाता के आशीर्वाद से हमें संवैधानिक मार्ग से गोरक्षा करनी है ।’’