रामनाथी (गोवा) – हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने अधिवेशन के द्वितीय उद्बोधन सत्र में उपस्थितों को संबोधित करते हुए कहा कि, सर्व पशुआें की चिंता करनेवाला अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘पेटा’ केरल में हुई गोहत्या के संबंध में मौन क्यों धारण करता है ? कहीं राहुल गांधी ने क्षमा मांगी; इसलिए उनका अभिनंदन करता है । यह विदेशी संस्थाआें का गोद्रोह ही है । अजमेर दरगाह के राष्ट्रप्रेमी दीवान कहते हैं, हमारी अजान भारत के हिन्दू सुनते हैं, तो हम उनकी गोमाता को माता क्यों नहीं मानें ? दिन में पांच बार मुसलमानों की अवैधानिक बांग सुननेवाले राज्यकर्ता गोरक्षा हेतु हिन्दुआें का आक्रोश क्यों नहीं सुनते ? स्वतंत्रता से पूर्व अंग्रेजों से गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनेवाली कांग्रेस ने मतों की चापलूसी के लिए गोहत्या पर प्रतिबंध के लिए पीछे हट गई । गाय केवल हिन्दुआें का ही नहीं, अपितु पारसी, जैन आदि पंथियों का भी श्रद्धास्थान है, तब भी धर्मनिरपेक्ष शासन गोहत्या क्यों होने देता है ?
समाज के कथित धर्मनिरपेक्षतावादी लोग वेदों का मनमाना अर्थ लगाकर गोहत्या का समर्थन करते हैं । हमें उन्हें बताना है कि अथर्ववेद में कहा है कि ‘गोहत्या करनेवाले को सीसे की गोली मारकर उसकी हत्या करनी चाहिए’, उस विषय में उनका क्या मत है ? हमारी मांग केवल गोहत्या बंदी नहीं अपितु शासन के पास जो चरान भूमि है, उसे गोमाता को लौटाएं तथा उस स्थान पर गोअभयारण्य बनाए जाएं । इसके लिए हिन्दुआें का दबावतंत्र बनाएं !
इस समय पारित किए गए ज्वलंत गोरक्षा प्रस्ताव !
१. संपूर्ण देश में गोहत्या प्रतिबंधित करें !
२. गाय को ‘राष्ट्रीय प्राणी’ घोषित करें !