विद्याधिराज सभागृह, रामनाथी (गोवा) : कट्टरपंथियों ने अफगानिस्तान लिया, पाक लिया अब वे कश्मीर से हिन्दूआें को निकालना चाहते है तथा देहली में आना चाहते हैं । यह जिहादी आतंकवाद रोकने के लिए केंद्रशासित प्रदेश के रूप में ‘पनून कश्मीर’ का निर्माण आवश्यक है । एेसा प्रतिपादन ‘यूथ फॉर पनून काश्मीर’ के उपाध्यक्ष श्री. राहुल राजदान ने किया !
श्री. राजदानजी ने आगे कहां,
१. कश्मीर घाटी से वर्ष १९९० में साढे-चार लाख कश्मीरी हिन्दुआें को निकाल दिया गया । कश्मीर के उस समय के और वर्तमान के कट्टरपंथियों की मनःस्थिति में बहुत अंतर दिखाई देता है ।
२. ‘कश्मीरी हिन्दुआें को देश के हिन्दू साथ देंगे’, ऐसा डर उस समय के कट्टरपंथियों कोे था । अब यह डर नहीं रहा ।
३. ऐसा बताया जाता था कि पहले के कट्टरपंथियों के नेता राजनीतिक अन्याय के कारण हाथ में पिस्तुल लेतेे थे; परंतु अभी के नेता ‘कश्मीर की लढाई’ यह ‘इस्लाम की लढाई है’ ऐसा खुलकर बताते हैं । इतना ही नहीं तो कश्मीर की समस्या को ‘राजनीतिक समस्या’ समझनेवाले अलगाववादियों को भी मारने की धमकियां दी जाती है ।
४. कश्मीर में केवल सेना के नियंत्रण में जो मंदिर हैं, वहीं शेष हैं । वहां कट्टरपंथियों की कट्टरता बढी है । वहां की कश्मीरी भाषा नष्ट कर ‘उर्दू’ भाषा की जडें जमाई जा रही है ।
५. कश्मीर में यदि किसी चीज में परिवर्तन नहीं हुआ है, तो वह है सरकार का दृष्टिकोण ! वहां की सरकार पहले के समान कट्टरपंथियों के साथ है । इस स्थिति को बदलने के लिए ‘पनून कश्मीर’के निर्माण की आवश्यकता है ।