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चीनी ‘ड्रैगन’ को रोकने हेतु चीनी वस्तुएं एवं राखियों पर बहिष्कार करें ! – रणरागिणियोंद्वारा आवाहन

पुणे में १२० से भी अधिक रणरागिणियोंद्वारा राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के माध्यम से एकमत से मांग

आंदोलन में सम्मिलित रणरागिणियों का विराट रूप

पुणे : भारत और चीन की सीमापर गत अनेक दिनों से तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। चीन ने सीमापर अपने टैंक लाकर उनका अभ्यास भी प्रारंभ किया। बखेडा करनेवाला चीन अरुणाचल प्रदेश एवं लडाख में सीमावाद को निरंतर चालू रखने के साथ-साथ अब सिक्कीम में भी घुसपैट कर यह भूभाग अपना होने का दावा कर रहा है। ऐसा होते हुए भी भारत चीन के साथ व्यापार बढा रहा है और उससे वह अपने चीनी ‘ड्रैगन’ को भारत के घर-घर पहुंचा रहा है !

चीनी ‘ड्रैगन’ को रोकने हेतु अब देशवासी भी चीनी वस्तुएं एवं चिनी राखियों का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएं। केंद्र शासन चीन के साथ अपनी व्यापार नीति पर पुनर्विचार कर चीन की आर्थिक नाकाबंदी करे। हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की ओर से आयोजित आंदोलन में प्रखरता से ये मांगें की गईं। यहां के मंडी क्षेत्र के लोकमान्य तिलक पुतला चौक में २३ जुलाई को यह आंदोलन किया गया।

इस अवसर पर धर्माभिमानी श्रीमती प्रतिमा पासलकर, धर्मप्रेमी अधिवक्ता श्रीमती ललिता नारगोलकर, सनातन संस्था की डॉ. ज्योति काळे, हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती राजश्री तिवारी एवं रणरागिणी शाखा की कु. क्रांति पेटकर सहित १२० से भी अधिक राष्ट्रप्रेमी एवं धर्माभिमानी रणरागिणी उपस्थित थीं।

इस समय चलाए गए हस्ताक्षर अभियान को अनेक युवक-युवतियां एवं महिलाओं ने उत्स्फूर्तता से प्रतिसाद दिया।

चीनी उत्पाद एवं राखियों का बहिष्कार कर चीन की आर्थिक कमर तोड देंगे ! – डॉ. ज्योति काळे

स्वदेशी अभियान के प्रेरणास्थान लोकमान्य तिलक एवं स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी ने भी विदेशी वस्तुओं की होली की थी; किंतु आज चीनी वस्तुओं ने घर-घर में अपना स्थान बनाया है। हमें रक्षाबंधन की पवित्रता को चीनी राखियां बांधकर नष्ट नही करना चाहिए । हम चीनी वस्तुएं और चीनी राखियों का बहिष्कार कर भारत में उत्पादित वस्तुओं का क्रय कर चीन की आर्थिक कमर तोड देंगे !

देश को महासत्ता अर्थात हिन्दू राष्ट्र बनाने हेतु हमें चीनी वस्तुओं का उपयोग न करने का निश्‍चय करना होगा ! – श्रीमती राजश्री तिवारी

हर व्यक्ति को स्वराष्ट्र, स्वभाषा एवं स्वधर्मपर गर्व होना चाहिए, साथ ही इस देश को महासत्ता, अर्थात हिन्दू राष्ट्र बनाने हेतु चीनी वस्तुओं का उपयोग न करने का निश्‍चय करना चाहिए !

केंद्र शासन चीनी वस्तुओं की आयातपर प्रतिबंध लगाए ! – कु. क्रांति पेटकर

चीन पाकिस्तान को भारत में आतंकी कार्रवाईयां करने हेतु समर्थन दे रहा है। ऐसे विघातक चीनी वस्तुओं का क्रय कर हम एक प्रकार से हमारे शत्रु की ही सहायता कर रहे हैं। इस पर उपाय के रूप में केंद्र शासन चीनी वस्तुओं की आयातपर प्रतिबंध लगाएं !

क्षणचित्र

१. वाकड गांव के श्री. रमेश देवामन येवले, उनको आंदोलन का विषय ज्ञात होनेपर आंदोलन में सम्मिलित हुए। २ महिलाएं एवं १ युवती इस आंदोलन में ५ मिनट के लिए भाग लेनेवाले थे; किंतु वास्तविक रूप में वो आंदोलन समाप्त होने तक रुक गए। उन्होंने कहा कि, इसके आगे आप ऐसे हर उपक्रम के लिए हमें बुलाएं !

२. साप्ताहिक सनातन प्रभात के पाठक श्री. गोगावले ने आंदोलन में सम्मिलित सभी के लिए पेयजल बोतलों के २ बक्सें और गोलियों के २ पैकेट अर्पण के रूप में दिए !

३. वर्षा होते हुए भी रणरागिणियों ने घोषणाएं करते हुए आंदोलन में भाग लिया !

४. आंदोलन समाप्त होने के पश्‍चात आकाश में कुछ समय तक इंद्रधनुष दिखाई दिया !

५. इस समय एक व्यक्ति ने इस आंदोलन के संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘सनातन बेकार और जातिवादी है !’’ (सनातन के जातिवादी होने का एक तो उदाहरण दिखाइए। सनातन संस्था में अलग-अलग जाति के साधक हैं तथा वे एकत्रितरूप से सभी सेवाएं करते हैं। इसके विपरीत जातिवादी लोग ब्राह्मणद्वेष के कारण जाति-जाति में विभाजन कर जातिवाद फैला रहे हैं, यही अबतक के अनेक उदाहरणों से स्पष्ट हुआ है। सनातन के राष्ट्र एवं धर्म के संदर्भ में निहित विचारों को जान न लेते हुए ही उसको बेकार एवं जातिवादी कहना हास्यास्पद है ! संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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