गणेशमूर्ति का विसर्जन बहते पानी में करना उचित है ! – श्री. विलास मडिगेरी, नगरसेवक, भाजप
भोसरी (पुणे) : गणेशमूर्तियों का विसर्जन बहते पानी में ही करना उचित है तथा यह अपनी परंपरा है। आंदोलन की इस मांग को मेरा पूरा समर्थन है। प्रशासन को आंदोलन की मांगों के संदर्भ में ज्ञापन प्रस्तुत करते समय मैं भी उपस्थित रहूंगा। यहां के इंद्रायणीनगर में हुई गोहत्या का मैं विरोध करता हूं। मुख्यमंत्री भोसरी क्षेत्र का भ्रमण करनेवाले हैं, इसलिए इस विषय में कोई विवाद न उत्पन्न करने को पुलिस ने कहा है; परंतु यह सत्य उजागर होना आवश्यक था, इसलिए मैं इस आंदोलन में उपस्थित हुआ हूं। ऐसे आंदोलन में सभी हिन्दुओं को सदैव उपस्थित रहना चाहिए। भाजपा के पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका नगरसेवक श्री. विलास मडिगेरी ने ऐसा प्रतिपादन किया। यहां के राजमाता जिजाऊ उडाणपुल के समीप पीएमटी चौक पर १७ अगस्त को आयोजित ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ में वे बोल रहे थे।
इस अवसर पर आंदोलन में श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के श्री. पन्नालाल जाधव, ह.भ.प. माणिकराव मोकाशी, योग वेदांत समिति के श्री. प्रशांत पोफळे, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. नागेश जोशी एवं सनातन संस्था के श्री. चंद्रशेखर तांदळे के साथ २०० से भी अधिक गोभक्त, गणेशभक्त एवं धर्मप्रेमी हिन्दू उपस्थित थे। आंदोलन का सूत्रसंचालन श्री. संदेश कदम ने किया।
आंदोलन का फेसबुक लाईव्हद्वारा सीधा प्रक्षेपण
फेसबुक लाईव्हद्वारा इस आंदोलन का सीधा प्रक्षेपण किया गया। यह आंदोलन ५ सहस्र ९९ लोगों ने सीधा देखा एवं १९ सहस्र ४३७ लोगों तक आंदोलन का विषय पहुंचा।
वैशिष्ट्यपूर्ण
आंदोलन के आरंभ से ही समाज के धर्मप्रेमियों का बहुत प्रतिसाद मिल रहा था। आंदोलन में की गई उत्स्फूर्त घोषणाओं से सभी नागरिकों का ध्यान आकर्षित हुआ। आंदोलन का विषय सुनने पर आने-जानेवाले युवक स्वयं आगे आकर आंदोलन स्थल पर पूरा समय रुके !
‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ समान उपक्रम में सम्मिलित होकर सभी इस कार्य में सम्मिलित हों ! – श्री. विलास मडिगेरी
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के आशीर्वाद से ही हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता एवं सनातन संस्था के साधक राष्ट्र-धर्म के लिए अनेक वर्षों से कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार त्याग कर कार्य करनेवालों के साथ सब को रहना चाहिए। श्री. विलास मडिगेरी ने उपस्थित सभी को राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन समान उपक्रम में सम्मिलित होकर राष्ट्र-धर्म का कार्य करने का आवाहन किया।
क्षणिकाएं
१. आंदोलन आरंभ होने से पूर्व आंदोलन स्थल पर सद्गुरु संत श्री बाळूमामा की पालकी का आगमन हुआ तथा वहां १५ मिनट पालकी रुकी। इस समय भक्तों ने पिंजर उडाकर ढोल-नगाडे की गूंज में पालकी का स्वागत किया। आंदोलन स्थल पिंजर से भरा होने से वातावरण में चैतन्य उत्पन्न हुआ। इसलिए उपस्थित सब का भाव ऐसा जागृत हुआ कि, आंदोलन से पूर्व ही ईश्वर का आशीर्वाद मिला !
२. आंदोलनस्थल पर चलाए गए हस्ताक्षर अभियान को भी अच्छा प्रतिसाद मिला।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात