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देवभूमि उत्तराखंड का इस्लामीकरण रोकने के लिए प्रयास करेंगे : स्वामी दर्शन भारती

दार्इ आेर से प्रथम – स्वामी दर्शन भारती (चित्र साभार : देवभूमी मिडीया)

उत्तराखंड के देवभूमी मिडीया में आए एक वार्ता के अनुसार स्वामी दर्शन भारती ने कहा है कि, उत्तराखंड में मस्जिद एवं मदरसों के निर्माण का व्यापक स्तर पर विरोध किया जायेगा और हिन्दुत्व के ध्वज को फहराया जायेगा।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि, जिस प्रकार इस्लाम धर्म का पवित्र स्थल मक्का मदीना है, ईसाई धर्म का वेटिकन सिटी है, उसी प्रकार से उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है । विश्व भर में हिन्दुओं की आस्था, संस्कृति एवं सभ्यता का प्रतीक एवं केन्द्र के नाम से जाना जाता है।

मंगलौर उत्तराखंड में स्थित मस्जिद

उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड के चमोली, रूद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी यह तीन जिले पूर्व में ही धार्मिक जिले घोषित किए जा चुके है और आज इसी देवभूमि उत्तराखंड में तेजी से मस्जिद एवं मदरसों का निर्माण करके एक विश्वव्यापी साजिश के तहत इसका इस्लामीकरण किया जा रहा है और पर्वतीय क्षेत्रों में लडकियों एवं महिलाओं को लगातार लव जिहाद का शिकार बनाया जा रहा है और वर्तमान में सतपुली, श्रीनगर गढवाल, कीर्तिनगर, चम्बा, बागेश्वर व देहरादून की बढती घटनायें इसके ताजा उदाहरण है।

उन्होंने प्राचीन इतिहास को बताते हुए कहा, टिहरी राजा के शासनकाल में व केदारखंड धाम के ग्रंथ में संपूर्ण देवभूमि उत्तराखंड में मस्जिद व मदरसों के निर्माण पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध था, इसलिए आज उत्तराखंड देवभूमि से विधर्मी इस्लामिक गौ भक्षी लोगों को बाहर करने का सर्वसम्मत निर्णय लिया गया है और इसकी शुरूआत बदरीनाथ से की जायेगी।

बदरीनाथ में राज्य के शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना एवं अनुष्ठान किया जायेगा और १८ सितम्बर को बदरीनाथ में ही देवभूमि को बचाने एवं इस्लामीकरण का पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा। इस अवसर पर वार्ता में मां प्रभा किरण आदि उपस्थित थे।

यह वार्ता पढनेपर कुछ सूत्र सामने आते है, जिसपर हर एक हिन्दू को विचार करना चाहिए :

१. जिस प्रकार तेजी से देवभूमि उत्तराखंड में मस्जिद तथा मदरसों का निर्माण कार्य हो रहा है, वैसे ही मक्का में क्या कभी कोर्इ हिन्दू मंदिर बन सकता है ? यदि उत्तराखंड हिन्दूआें की पवित्र स्थली है, तो वहां पर नए नए मस्जिदों की निर्माण की आवश्यकता ही क्या है, यह प्रश्न भी मन में आ सकता है ।

२. उत्तराखंड जैसी देवभूमी में भी अब लव जिहाद अपने हाथ-पैर फैलाने लगा है । इससे हिन्दूआें को धर्मशिक्षा मिलना क्यों आवश्यक है यह बात ध्यान में आती है । जब तक हिन्दू लडकियों के मन में अपने धर्म के प्रति अभिमान उत्पन्न नहीं होता, तब तक लव जिहाद रूकना असंभवनीय है ।

लव जिहाद के विषय में अधिक जानकारी हेतु पढे : https://www.hindujagruti.org/hindi/hindu-issues/love-jihad

३. जैसे स्वामी दर्शन भारती जी ने कहा हे की धर्मांधों की बढती जनसंख्या के कारण उत्तराखंड में गोहत्या की घटनाएं बढ सकती है । इससे देवभूमि की पवित्रता में अवश्य ही कमी आएगी । इसलिए सरकार ने गोहत्या विरोधी कानून उत्तराखंड में लागू करना चाहिए ।

४. आज साधु-संतों को देवभूमी का इस्लामीकरण रोकने के लिए आगे आना पड रहा है, यह हिन्दुआें के लिए लज्जास्पद है । अब हिन्दूआें ने अंतर्मुख होकर इसपर विचार करना चाहिए की क्या उनका अपने धर्म के प्रति कोर्इ कर्तव्य नहीं है ? अब यह समय की आवश्यकता है की सभी हिन्दू संगठित होकर देवभूमी का इस्लामीकरण रोके ।

आप क्या कर सकते है ?

१. देवभूमी उत्तराखंड के हो रहे इस्लामीकरण के विषय में अन्य हिन्दूआें में जागृति फैलाने का प्रयास करे । वहां की लव जिहाद, गोहत्या जैसे हिन्दूआें की समस्याआें के विषय में अन्यों का प्रबोधन करे ।

२. आज भारत में निधर्मी राज्यव्यवस्था होने के कारण ही हिन्दूआें के पवित्र स्थलों की दुर्दशा हुर्इ है । इसका एकमात्र उपाय है हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना । हिन्दू जनजागृति समिति भी इसी उद्देश्य से कार्यरत है । यदि आप हमसे जुडना चाहते है, तो आगे दी गर्इ लिंकपर क्लिक करे : https://www.hindujagruti.org/join

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