महाराष्ट्रवादी गोमंतक दल (मगोप) मडकई चुनावक्षेत्र में निहित सभी पंचायतें बांदोडा में सांस्कृतिक पद्धति से दीपावली मनाएंगी !
फोंडा (गोवा) : नरकासुर प्रतिमादहन की परंपरा के कारण हमारी परंपराएं एवं इतिहास का विस्मरण हो रहा है। युवा पीढी नरकासुर की प्रतिमा बनाने हेतु अपने जीवन का अमूल्य समय गंवाकर स्वयं की ही हानि करवा ले रहा है ! नरकासुर प्रतिमादहन की परंपरा बंद होनी आवश्यक है। अयोग्व विचार एवं विकृति का दहन कर नए विचारों का सामना करनेवाली नई दीपावली का आनंद लें ! गोवा के सार्वजनिक निर्माणकार्य मंत्री श्री. सुदिन ढवळीकर ने ऐसा आवाहन किया।
२० अक्तूबर को बांदोडा के स्वर्गीय भाऊसाहेब बांदोडकर प्रांगण में मडकई चुनावक्षेत्र के सभी नागरिकों को एकत्रित कर सामूहिक दीपावली मनाई जानेवाली है ! इसी पार्श्वभूमिपर श्री. सुदिन ढवळीकर ने १४ अक्तूबर को कार्यक्रमस्थल का अवलोकन कर आयोजन के संदर्भ में बातचीत की। इस समय पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री श्री. ढवळीकर ने यह आवाहन किया।
इस अवसर पर सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग के अभियंता, कवळे पंचायत के सरपंच श्री. राजेश कवळेकर आदि प्रमुख मान्यवर उपस्थित थे। मंत्री श्री. ढवळीकर ने आगे कहा, ‘‘संस्कृति एवं परंपराओं से व्यक्ति बनता है। अतः वास्तविक रूप से दीपावली के उपलक्ष्य में आनेवाले सभी उत्सवों का आनंद लेना चाहिए। गांव-गांव में नरकासुर प्रतिमाएं बनाने की प्रतियोगिताओं का आयोजन किए जाने से छात्र अपने अध्ययन की ओर अनदेखी कर रहे हैं। अतः नरकासुर प्रतिमा बनाने की प्रतियोगिताएं नहीं होनी चाहिएं। युवा पीढी राज्य का भविष्य है तथा इस युवा पीढी का निर्माण सुयोग्य पद्धति से होना चाहिए। नरकासुर की प्रतिमा बनाते समय युवक रात में जागते हैं तथा उसी कारण वो आगे जाकर बुरी आदतों के अधीन हो जाते हैं। नरकासुर प्रतिमा प्रतियोगिता के उपलक्ष्य में वाहन तीव्र गति से चलाए जाते हैं। इसके कारण दीपावली की पूर्वसंध्यापर राज्य में न्यूनतम ३० से ४० दुर्घटनाएं होती हैं !
गोमंतकवासी यदि इसपर सकारात्मक दृष्टि से विचार करेंगे, तो नरकासुर का महत्त्व अल्प होकर निश्चितरूप से भगवान श्रीकृष्ण का महत्त्व बढेगा और उससे पूरे गोवा में दीपावली के दिन संस्कृतिमय वातावरण उत्पन्न होगा !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात