मुस्लिमबहुल पाकिस्थान में एेसा अहम निर्णय लिया जा सकता है फिर यह भारत में क्यों नही हो सकता ? भारत में तीन तलाक पर बंदी को इस्लाम विरोधी बतानेवाले मुल्ला-मौलवी अब इस घटनापर कुछ कहेंगे ?
पाकिस्तान की एक न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले में दूसरा विवाह करने वाले एक व्यक्ति को छह महीने की सजा सुनाई है। पाकिस्तानी टेलीविजन दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर के न्यायिक मैजिस्ट्रेट अली जावेद नकवी ने दूसरे विवाह के खिलाफ फैसले में शहजाद साकिब को छह महीने की सजा और दो लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
न्यायालय ने आयशा बीबी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने फैसले में परिवार कानून २०१५ का हवाला दिया है। पाकिस्तान में इस तरह का फैसला पहली बार आया है।
न्यायालय में आयशा बीबी ने कहा कि, पहली पत्नी की अनुमति के बिना दूसरा विवाह करना इस्लामी कानून का उल्लंघन है। साकिब ने कहा कि, इस्लाम में चार विवाह करने की अनुमति है इसलिए उसे पत्नी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
एक गैरसरकारी संगठन पीस एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन की प्रमुख रोमाना बशीर ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए यह अच्छा निर्णय है। उन्होंने कहा कि, एक महिला द्वारा न्यायालय के समक्ष इस मुद्दे को उठाना उत्साहजनक है।