जोगेश्वरी में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन
जोगेश्वरी (मुंबई) : आज देश के निर्दोष हिन्दुआें की चुन-चुनकर हत्याएं की जा रही हैं; परंतु अधिकांश हिन्दू सोए हुए ही हैं; इसलिए हिन्दुआें को जागृत होना आवश्यक है । जिस क्रूरकर्मी टीपू सुल्तान ने हिन्दुआें की हत्याएं कीं, उस टीपू की जयंती क्यों मनाएं ? हमें क्रांतिकारियों की जयंतियां सम्मान के साथ मनानी चाहिएं । भाजपा के उत्तर-पश्चिम मुंबई के सचिव श्री. फुलचंद उबाळे ने ऐसा प्रतिपादित किया । यहां पर ८ नवंबर को संपन्न राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में वे ऐसा बोल रहे थे ।
हिन्दुआें के साथ अमानवीय अत्याचार करनेवाले क्रूरकर्मी टीपू सुल्तान की जयंती मनाई नहीं जानी चाहिएं, ताजमहल अर्थात तेजोमहालय हिन्दुआें की वास्तू होने के विषय में सच्चा इतिहास जबतक सामने नहीं आता, तबतक वहां किया जानेवाला नमाजपठन बंद किया जाए एवं पंजाब, हरियाना एवं उत्तर प्रदेश में हो रही हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याआें को रोकने हेतु शासन तत्परता के साथ कार्यवाही करे, ये मांगें भी इस आंदोलन में की गईं ।
इस आंदोलन में बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, हिन्दू गोवंश रक्षा समिति, सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति आदि हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता, साथ ही भाजपा कार्यकर्ताआें ने भाग लिया । इस आंदोलन के उपलक्ष्य में चलाए गए हस्ताक्षर अभियान का नागरिकों द्वारा अच्छा प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ ।
हिन्दुआें को पूजा-अर्चना करना संभव हो, ऐसा तेेजोमहालय चाहिए ! – श्री. ब्रजेश शुक्ल, बजरंग दल
विख्यात इतिहास विशेषज्ञ पु.ना. ओक द्वारा किए गए अनुसंधान से ताजमहल तो तेजोमहालय था, यह कब का सिद्ध हो चुका है । इस तेजोमहालय में हिन्दुआें को पूजा-अर्चना एवं आरती करने के लिए प्रतिबंध किया जाता है । प्रत्येक बार हिन्दुआें के संदर्भ में ही इस प्रकार का भेदभाव किया जाता है । इसे रोकने हेतु हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए । हिन्दुआें को पूजा-अर्चना करना संभव हो, ऐसा तेजोमहालय चाहिए ।
ताजमहल का सच्चा इतिहास सामने आनेतक हिन्दुआें की यह लडाई चलती ही रहेगी ! – दीप्तेश पाटिल, हिन्दू जनजागृति समिति
जिस टीपू सुल्तान ने सहस्रो हिन्दुआें की हत्याएं कीं, हिन्दुआें का बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन कराया, मंदिरों को तोडा और देवताआें की मूर्तियों की तोडफोड की, ऐसे क्रूरकर्मी टीपू सुल्तान की जयंती क्यों मनाएं ? ताजमहल का सच्चा इतिहास सामने आनेतक हिन्दुआें की यह लडाई चलती ही रहेगी ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात