१२५ धर्माभिमानी उपस्थित
नालासोपारा : वसई एवं विरार क्षेत्रों के पुलिस थानों में नाईजेरियन लोगों के विरुद्ध संज्ञानजन्य अपराध प्रविष्ट होते हुए भी उनके विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जाती । पुलिस प्रशासन द्वारा समर्थन दिए जाने के कारण नाईजेरियन इतने मदग्रस्त बन गए हैं कि, अब वो पुलिस थाने में पुलिकर्मियों के सामने ही भारतीयों का उल्लेख ‘ब्लडी इंडियन’ कहकर करते हैं । पुलिस प्रशासन की ढीली कार्यपद्धति के कारण ही मुंबई में नाईजेरियन लोगों द्वारा किए जा रहे अपराधों में वृद्धि हो रही है । पूरे महाराष्ट्र में विशेषरूप से मुंबई एवं परिसर में नाईजेरियन नागरिकों की संख्या एक विशेष नियोजन के अंतर्गत बढाई जा रही है । पुलिस प्रशासन वसई एवं विरार परिसर में अवैधरूप से रहनेवाले नाईजेरियन लोगों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करता । प्रशासन यदि इसका संज्ञान नहीं लेता हो, तो विधि एवं व्यवस्था को सुचारू रूप से रखने हेतु अब हिन्दुत्वनिष्ठ ही इन नाईजेरियन लोगों को सबक सिखाएंगे । बजरंग दल के जनपद संयोजक श्री. शिवकुमार पांडे ने यह चेतावनी दी । १२ नवंबर को नालासोपारा के पंचमुखी हनुमान मंदिर में हिन्दुत्वनिष्ठों की ओर से आयोजित राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।
विविध राज्यों में हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याआें को रोका जाए, ताजमहल में हिन्दुआें को पूजा-अर्चना करने की अनुमति मिले और अनैतिक कृत्य करनेवाले नाईजेरियन लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए, इन मांगों के लेकर आंदोलन चलाया गया ।
इस आंदोलन में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन हिन्दू जनजागृति समिति, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू गोवंश रक्षा समिति, सनातन संस्था, परशुराम सेना के साथ ही राजनीतिक दल शिवसेना, भाजपा एवं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताआेंसहित १२५ धर्मप्रेमियों ने भाग लिया ।
इसके आगे ताजमहल का उल्लेख ‘तेजोमहल’ के नाम से करें ! – डॉ. सुजीत यादव, हिन्दुत्वनिष्ठ
हिन्दुआें के पवित्र मंदिरों को तोडकर मुगलों ने मस्जिदें बनाईं जा रही हैं । शासन अयोध्या में श्रीराम मंदिर के स्थानपर बाबरी मस्जिद थी, इसे मानने के लिए सिद्ध नहीं है । यही बात ताजमहल के विषय में भी ध्यान में आती है । इसलिए सभी हिन्दुआें को एकमत से और आवश्यकता पडनेपर सडकपर उतरकर इसका विरोध करना चाहिए । ताजमहल कोई मकबरा न होकर वह शिवमंदिर है । अतः इसके आगे ताजमहल का उल्लेख ‘तेजोमहालय’ के नाम से ही करें ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात