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पर्यटकों को पुराना गोवा में स्थित जेवियर का शव दिखाते समय उनको ‘इन्क्विजिशन’ की भी जानकारी दीजिए ! – श्री. रमेश शिंदे, हिन्दू जनजागृति समिति

श्री. रमेश शिंदे

मडगाव : गोवा आनेवाले पर्यटकों को पुराने गोवा में स्थित जेवियर का शव दिखाते समय उसके द्वारा हिन्दुआें के साथ किए गए अत्याचारों की भी जानकारी दीजिए । उस समय में हिन्दुआेंपर इन्क्विजिशन थोपा गया । पर्यटकों को इसका एकमात्र प्रमाण ‘हाथ कातरो स्तंभ’ भी दिखाकर उनको उसके इतिहास के विषय में अवगत कीजिए । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने यह आह्वान किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से पाजीफोंड, मडगाव, गोवा मेें जिज्ञासुआें के लिए आयोजित व्याख्यान ‘भारत की वर्तमान स्थिति तथा उसमें परिवर्तन लाने हेतु समाज का योगदान’ में श्री. शिंदे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसरपर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस भी उपस्थित थे । प्रारंभ में डॉ. मनोज सोलंकी ने सभी को हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य से अवगत कराया ।

श्री. रमेश शिंदे ने आगे कहा कि . . .

१. पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया यह संगठन गोवा के विविध स्थानोंपर बाबरी मस्जिद का ढाचा गिराए जाने के कारण ६ दिसंबर को ‘काला दिवस’ मनाने का आह्वान करनेवाली पत्रिका लगाती है । बाबरी गिर गई, तो हिन्दू क्यों ‘काला दिन’ मनाएं ? प्रधानमंत्री पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाते हैं; परंतु गोवा के वाळपई में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के आसपास स्वच्छता करनेवाले हिन्दुआें को राज्य शासन स्वच्छता करने नहीं देता और स्वयं भी नहीं करता । यह अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण है । कश्मीरी मुसलमान गोवा में दुकान डालकर व्यवसाय करते हैं; परंतु शेष भारत के हिन्दुआें को कश्मीर में धारा ३७० के कारण एक भी दुकान का क्रय करने का अधिकार नहीं है अथवा नई विधि के अनुसार भारतीय वहांपर किराएपर भी दुकान नहीं चला सकते ।

२. संजय लीला भन्साली इतिहास को तोडमरोड कर चलचित्र ‘पद्मावती’ में रानी पद्मावती को नाचते हुए दिखाते हैं । राजपुत समाज की ओर से उसका विरोध किए जानेपर अभिव्यक्ति स्वतंत्रता की बातें की जाती हैं । ईसामसी को अपकीर्त करने से ईसाई समुदाय की भावनाएं आहत होती हैं; इसलिए चलचित्र ‘दा विन्ची कोड’पर, साथ ही मुसलमानों की भावनाएं आहत होती हैं; इसलिए चलचित्र ‘विश्‍वरूपम्’पर प्रतिबंध लगाया जाता है । क्या तब अभिव्यक्ति स्वतंत्रता लागू नहीं होती ?

३. चलचित्र, विज्ञापन, वस्तु आदि अनेक माध्यमों द्वारा हिन्दुआें की परंपरा एवं संस्कृति को नष्ट करने का षडयंत्र रचा जा रहा है । हिन्दुआें के मन में हिन्दू धर्म के विषय में किसी भी प्रकार का आदरभाव न रहे; इसके लिए ये प्रयास चल रहे हैं । आज के दिन हिन्दुआें को समान अधिकार, गोहत्या रोकना, धर्मपरिवर्तन को रोकने जैसे घटनाआें को राकने के लिए लडना पड रहा है । हिन्दुआें को संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु कार्य करना, ही इन सभी समस्याआें का एकमात्र समाधान है ।

इस अवसरपर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने ‘जीवन में साधना का महत्त्व’ विषयपर मार्गदर्शन किया । उसमें उन्होंने मनुष्यजीवन का उद्देश्य ईश्‍वरप्राप्ति ही है और उसके लिए साधना आवश्यक है, ऐसा बताकर साधना का महत्त्व विशद किया । इस व्याख्यान में ६६ धर्माभिमानी हिन्दू उपस्थित थे ।

क्षणचित्र

१. व्याख्यान के पश्‍चात उपस्थित हिन्दुआें ने साधना के संदर्भ में जानकारी ली ।
२. व्याख्यान के पश्‍चात समीक्षा बैठक की गई । इस बैठक में प्रत्येक १५ दिनों के पश्‍चात जिज्ञासुआें हेतु धर्मशिक्षावर्ग लेना सुनिश्‍चित किया गया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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