औरंगाबाद : मराठी फिल्म ‘दशक्रिया’ के विरोध में ब्राह्मण महासभा के कार्यकर्ताओं ने पैठण में आज एक शांति रैली निकाली । फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए ब्राह्मण समुदाय ने मुंबर्इ उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल करते हुए कहा कि, इस फिल्म के कारण ब्राह्मण समुदाय को ठेस पहुंची है । न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया ।
रैली में शामिल पुराोहितों ने कहा कि इस फिल्म के जरिए श्राद्ध कर्म कराने वालों का मजाक उड़ाया गया है । फिल्म की निर्माता कल्पना कोठारी और निदेशक संजय पाटिल पर आरोप लगाते हुए कहा कि, फिल्म में इस समुदाय के संबंध में निचले स्तर पर बताया गया है ।
औरंगाबाद पुरोहित संगठन के कार्यर्ताओं ने आज प्रोजोन माॅल के समीप बने सत्यम सिनेमा हाॅल में फिल्म को रूकवाने का प्रयास किया परंतु पुलिस ने उन्हें हाॅल से बाहर निकाल दिया ।
बता दें कि, इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग हिन्दू संगठन कर रहे है । उन्होंने आरोप लगाया है कि, फिल्म में ब्राह्मणों को लालची दिखाया गया है । फिल्म में ब्राह्मण और हिन्दू सभी जातियों के बीच नफरत फैलाते हैं । संगठनों का कहना है कि, इसमें ब्राह्मणों और सभी हिन्दुओं को लालची दिखाया गया है, जो जीवनयापन के लिए शवों का अंतिम संस्कार कराते हैं ।
पुणे में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष आनंद दवे के अनुसार, फिल्म के प्रोमो में यह कहकर ब्राह्मणों का अपमान किया गया है कि, वह मोक्ष से जुड़े अनुष्ठानों का कारोबार चलाते हैं । यही कारण है कि, फिल्म हिन्दू परंपराओं और हिन्दू धर्म को बदनाम करती है । वहीं, शहर में हिन्दू जनजागृति समिति के दीपक अगवाने ने बताया कि, अभिव्यक्ति की आजादी का यह अर्थ नहीं कि, वह बाकी धर्मों और विभिन्न जातियों पर हमला बोले ।