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रामजन्मभूमि पर मंदिर ही बनेगा, मस्जिद तो प्रतीक स्वरूप में भी मंजूर नहीं – जगद् गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

भोपाल – संघ प्रमुख मोहन भागवत के बाद अब गोवर्धन पीठ (पुरी) के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी जी ने ऐलान किया है कि, श्रीराम जन्मभूमि पर सिर्फ मंदिर ही बनेगा, मस्जिद तो प्रतीक स्वरूप में भी मंजूर नहीं।

शंकराचार्य जी ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही निशाने पर रखा और कहा कि सरदार पटेल जैसा मनोबल न तो पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव ने दिखाया और न ही अटल बिहारी वाजपेयी ने, लेकिन इतना तय है कि कोई भी दल हिंदुओं को दिशाहीन नहीं कर सकता। इस युग में सनातन धर्म को चुनौती देने का साम‌र्थ्य किसी में नहीं।

राजधानी प्रवास पर आए स्वामी निश्चलानंद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रभात झा के निवास पर भक्तों से रूबरू थे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मंदिर तो वहीं बनेगा, साथ ही यह भी बताया कि सुब्रह्मण्यम स्वामी कह रहे थे कि विपरीत निर्णय आया तो संसद से कानून बनाएंगे। शंकराचार्य ने कहा कि हिंदुओं को अपनी ताकत पहचाननी होगी।

मोदी ने हिंदुत्व अथवा रामलला के नाम पर नहीं, विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा। हिंदुत्व का जिक्र काशी में केवल गंगा का नाम लेकर किया। भाजपा सुस्त नहीं दिखती, राजनेता के साथ सत्तालोलुपता तो रहती ही है, लेकिन कोई भी दल हिंदुओं को दिशाहीन नहीं कर सकता।

सनातन धर्म को चुनौती देने की क्षमता किसी में नहीं

हमारी मेधा शक्ति, वाणिज्य, श्रम शक्ति और रक्षा शक्ति बुलंद है। हमारे सिद्धांत के आगे चीन और पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया नतमस्तक है। क्षत्रियों (शाधारी) के साथ ब्राह्मण (गुरु) सदैव रहे, जैसे गुरु वशिष्ठ/विश्वामित्र- राम, भृगु-पृथु, नारद-प्रहलाद, समर्थ रामदास-शिवाजी

घटती हिंदू आबादी

आजादी के बाद तुष्टिकरण पर अंकुश नहीं। इस कारण जैन, बौद्ध और सिखों ने अपने को अल्पसंख्यक घोषित करा लिया। उन्हें खुद को हिंदू सिख, हिंदू बौद्ध और हिंदू जैन उद्घोषित करना चाहिए।

स्त्रोत : जागरण

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