जेएनयू का हिन्दुद्वेष !
‘अयोध्या में राम मंदिर क्यों?’ इस मुद्दे पर कल रात ९.३० बजे देहली की जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में चर्चा रखी गई थी, जिसमें डॉ. सुब्रमण्यन स्वामी हिस्सा लेने वाले थे। किंतु कार्यक्रम रद्द किए जाने को लेकर स्वामी नाराज हैं और उन्होंने इसे राजनैतिक पाखंड बताया है। स्वामी ने कहा कि, उसी विश्वविद्यालय में वामपंथी नेता प्रकाश करात के कार्यक्रम को रद्द नहीं किया गया और उनका कार्यक्रम रद्द कर दिया गया, वामपंथी डरा हुआ है, क्योंकि हिन्दू एकजुट हैं। न्यूज चैनल टाइम्स नाउ से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।
इससे पहले जेएनयू ने यह कार्यक्रम रद्द कर दिया है। जेएनयू ने एक चिट्ठी के जरिए कार्यक्रम के आयोजकों को बताया कि, अथॉरिटी ने कोयना हॉस्टल में कोई चर्चा कार्यक्रम न करने का फैसला लिया है , लिहाजा आज रात ९.३० बजे होने वाला डॉ. स्वामी का कार्यक्रम रद्द किया जाता है। बता दें कि १९९२ में आज ही के दिन बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था, जिसने देश की पूरी राजनीति को बदलकर रख दिया। इस विवादित मसले का परिणाम क्या होगा, इसे लेकर अब भी लोगों की राय बंटी हुई है। वहां राम मंदिर बने या मस्जिद, इसकी लड़ाई जारी है।
उत्तरप्रदेश में जगह-जगह ‘बाबरी मस्जिद बनाओ’ के पोस्टर दिखाई दे रहे हैं। पश्चिमी उत्तरप्रदेश के कई शहरों में मस्जिद के पुनर्निर्माण के लिए आंदोलन चलाने का दावा करने वाले पोस्टर दिखे हैं। बता दें कि अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई ८ फरवरी तक के लिए टल गई है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स