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हिन्दू धर्मजागृति सभाएं ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का आशास्थान ! – अधिवक्ता श्री. सुब्रह्मण्य अगर्त

बेळ्तंगडी (कर्नाटक) में हिन्दू धर्मजागृति सभा

कन्नड भाषी ग्रंथ ‘परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का छायाचित्रमय जीवनदर्शन’ का लोकार्पण

कन्नड भाषी ग्रंथ ‘परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का छायाचित्रमय जीवनदर्शन’ का लोकार्पण करते हुए बाईं ओर से श्रीमती लक्ष्मी पै, अधिवक्ता श्री. सुब्रह्मण्य अगर्त एवं श्री. गुरुप्रसाद गौडा

बेळ्तंगडी (तहसिल इळीतील, कर्नाटक) : हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य में हर हिन्दू निश्‍चित रूप से स्वयं का कुछ न कुछ योगदान दे सकता है ! सात्त्विक शक्तियों के सामने कोई भी अनिष्ट प्रवृत्ति टिक नहीं सकती। स्वयं में सात्त्विक शक्ति का उन्नयन करने हेतु ध्यान, योग, साथ ही साधना करना आवश्यक है और ऐसा करने से ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी। हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित हिन्दू धर्मजागृति सभाएं ही हिन्दू राष्ट्र स्थापना का आशास्थान हैं। ऐसी सभाओं के माध्यम से ही इस विश्‍व में पुनः हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होना दूर नहीं। बेळ्तंगडी के विख्यात हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता श्री. सुब्रह्मण्य अगर्त ने ऐसा प्रतिपादित किया।

हिन्दू जनजागृति समिति एवं समस्त हिन्दू धर्मप्रेमियों की ओर से यहां पर हिन्दू धर्मजागृति सभा का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर व्यासपीठ पर हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक श्री. गुरुप्रसाद गौडा एवं सनातन संस्था की श्रीमती लक्ष्मी पै उपस्थित थीं।

सभा में उपस्थित मान्यवरों के तेजस्वी विचार

हिन्दू संतों के मार्गदर्शन के अनुसार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए सिद्ध हों ! – श्री. गुरुप्रसाद गौडा

त्रेतायुग में प्रभु श्रीरामचंद्र ने धर्म की रक्षा की। द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों के माध्यम से धर्मसंस्थापना की। छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने गुरु समर्थ रामदास स्वामी के मार्गदर्शन में अपने मावलों के माध्यम से हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की। उसी प्रकार आज हमें संतों के मार्गदर्शन में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु सिद्ध हो जाना चाहिए और उसके लिए हिन्दुओं के लिए अत्यंत श्रेष्ठ ऐसे हिन्दू धर्म के मार्गदर्शन में साधना करना अनिवार्य है !

हिन्दू आतंकवाद सिद्ध करना विदेशी शक्तियों का षडयंत्र ! – श्रीमती लक्ष्मी पै

तथाकथित विचारकों की हत्याओं के प्रकरण में हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों को लक्ष्य बनाया जा रहा है। कोई भी हिन्दुत्वनिष्ठ संघटन ऐसा कृत्य कर ही नहीं सकता। कुछ भी कर हिन्दू आतंकवाद को सिद्ध करने हेतु विदेशी शक्तियोंद्वारा सुनियोजित षडयंत्र रचा जा रहा है। आज के समय में स्वयं को विचारक कहलानेवाले विचारशून्य लोगों के कारण हिन्दू धर्म अपकीर्त हो रहा है !

वेदमूर्ति श्री. सुब्रह्मण्य प्रसाद एवं श्री. श्रीरामद्वारा किए गए वेदमंत्रपठन से सभा का प्रारंभ किया गया। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. दयानंद हेगडे ने शंखनाद किया। श्री. जनार्दन गौडा ने सभी को हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य से अवगत कराया। कु. चेतना ने सभा का सूत्रसंचालन किया। इस सभा में अनेक धर्माभिमानी हिन्दू उपस्थित थे। सभा के पश्‍चात की संवाद सभा में भी अनेक धर्मप्रेमी हिन्दुओं ने सहभाग लिया।

उपस्थित मान्यवर

इस सभा में हिन्दू धर्मप्रेमी श्री. रवी शिल्वा, वाणीश्री भजन मंदिर के अध्यक्ष श्री. बालकृष्ण, श्री. लक्ष्मण मित्तिल, श्री. विजयकुमार कल्लळीके, श्री. सुंदर शेट्टी एंजिरपळिके, अधिवक्ता श्री. श्यामप्रसार कैलार, श्री. अशोक इळंतील, श्रीक्षेत्र धर्मस्थळ ग्रामाभिवृद्धि योजना के सेवा प्रतिनिधि श्री. सीताराम आळ्व, बंदारू ग्रामपंचायत के अध्यक्ष न्या. उदयकुमार बी.के., श्री. राजशेखर रै कराय, श्री. हरिप्रसाद शेट्टी पुत्तुरू आदि उपस्थित थे।

सभास्थल पर समाज को धार्मिक आचरण का महत्त्व विशद करनेवाले सनातन के ग्रंथ, साथ ही धर्मशिक्षा के संदर्भ में जानकारी देनेवाले फलकों की प्रदर्शनी लगाई गई थी।

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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