ऐसी मांग ही क्यों करनी पडती है ? शासन के ध्यान में यह बात क्यों नहीं आती ?
अकोला : यहां हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया। आंदोलन में यह मांगे की गई कि, ‘वायुप्रदूषण करनेवाले पटाखों पर केवल दिपावली में ही नहीं, तो नाताल तथा ३१ दिसंबर की कालावधी में भी पाबंदी लगाएं’, ‘श्रीक्षेत्र पंढरपुर में घिसी जा रही श्री विठ्ठल की मूर्ति पर रासायनिक पुनर्लेपन करने की अपेक्षा धर्मशास्त्रानुसार नई मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा करें’, ‘पद्मावती छायाचित्रपट पर भी प्रतिबंध लगाएं’ !
इस आंदोलन में रणरागिणी शाखा की श्रीमती माधुरी मोरे, धर्माभिमानी श्री. संजय निमकंडे, श्री. केशव मालोकार, अधिवक्ता श्रीमती वैशाली गावंडे, अधिवक्ता (श्रीमती) श्रुती भट, श्री. श्याम सांगुनवेढे तथा अन्य धर्माभिमानी उपस्थित थे। उस समय घोषणाओं का, साथ ही हस्ताक्षरं अभियान का भी आयोजन किया गया था।
यवतमाळ में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के पश्चात् ३०० हस्ताक्षरों का ज्ञापन जिलााधिकारी को प्रस्तुत करने के लिए सिद्ध
यवतमाळ : यहां के दत्त चौक में भी उपर्युक्त मांगों के लिए १७ दिसंबर को राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के अंतर्गत धरना आंदोलन आयोजित किया गया था। उस समय ये मांग भी की गई कि, ‘जम्मू-काश्मीर में सेना पर पथराव करनेवालों पर प्रविष्ट किए गए अपराध पीछे न लें !’ इस आंदोलन में वैदिक ब्राह्मण संघटन, भाजपा, सनातन संस्था, रजपुत विकास संघटन साथ ही हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे। ३०० हस्ताक्षरों का ज्ञापन जिलााधिकारी को प्रस्तुत करने के लिए सिद्ध किया गया !
इतिहास को पैरोंतले कुचलनेवाले संजय भन्साळी का निषेध ! – श्री. रघुवीर सिंह चव्हाण, जिलाप्रमुख, रजपुत विकास संघटन
महाराणी पद्मावती का त्याग अत्यंत महान है। इतिहास को पैरोंतले कुचलनेवाले संजय भन्साळी का मैं निषेध करता हूं। हिन्दुओं की रक्षा का कार्य करनेवाले सभी संघटनों को हिन्दू जनजागृति समिति सहकार्य करती है, उसके लिए हम आभारी हैं !
सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति का संस्कृति रक्षा का कार्य अतुलनीय है। – श्री. राजेंद्र डांगे, जिला अध्यक्ष, भाजपा
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात