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हिंदुत्वनिष्ठों की हो रही हत्याओं को रोकने हेतु संघटित हों ! – श्री. गंगाधर कुलकर्णी, श्रीराम सेना, कर्नाटक

मान्वी (जिला रायचूर, कर्नाटक) की ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ !

श्री. गंगाधर कुलकर्णी

मान्वी (जिला रायचूर, कर्नाटक) : हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित हिन्दू धर्मजागृति सभा में श्रीराम सेना के कर्नाटक राज्य के पदाधिकारी श्री. गंगाधर कुलकर्णी ने उपस्थितों को मार्गदर्शन किया। अपने मार्गदर्शन में उन्होने कहा कि भारत में ८५ प्रतिशत हिन्दुओं के होते हुए भी उनको अपने अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष करना पड रहा है ! कश्मीर, बंगाल, तमिलनाडू, केरल एवं कर्नाटक इन राज्यों में विगत कुछ वर्षों से हिन्दुत्वनिष्ठों की एक के पश्‍चात एक हत्याएं की जा रही हैं। इस हत्यासत्र को रोकने हेतु अब सभी हिन्दुओं का एक होना आवश्यक है !

इस अवसर पर व्यासपीठ पर श्री. कुलकर्णी के साथ हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता श्री. चेतन मणेरीकर, सनातन संस्था की श्रीमती विदुला हळदीपुर तथा हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. गुरुप्रसाद गौडा उपस्थित थे। इस सभा में १ सहस्र ३०० से भी अधिक हिन्दू उपस्थित थे। इस समय श्रीमती हळदीपुर एवं श्री. गुरुप्रसाद गौडा ने भी सभा को संबोधित किया।

अधिवक्ता श्री. चेतन मणेरीकर ने कर्नाटक के कांग्रेसी शासनद्वारा चल रहे समाज एवं हिन्दूविरोधी कार्य की पोल खोल दी !

अधिवक्ता श्री. चेतन मणेरीकर ने कहा,

१. कर्नाटक में वर्ष २०१३-१४ में नई मस्जिदों एवं चर्च के निर्माण हेतु, साथ ही वर्तमान में मस्जिदों तथा चर्च के मरम्मत हेतु कर्नाटक शासन करोडों रुपए बांट रहा है, जो संपूर्ण रूप से अवैध एवं असंवैधानिक भी है !

२. कर्नाटक शासन पेश इमामों को प्रतिमास ४ सहस्र रुपए, जब कि मोझिनों को ३ सहस्र रुपए गौरवधन देता है; परंतु मंदिरों के पुजारियों को ऐसा गौरवधन नहीं दिया जाता !

३. राज्य में विगत ५ वर्षों में २० हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याएं होकर भी केवल सत्ताधारी दल के राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण दोषियों को दंडित नहीं किया जा सका !

४. धर्मांध देशविरोधी संघटन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया के १ सहस्र ४०० समाजद्रोहियों पर प्रविष्ट आपराधिक अभियोग कर्नाटक शासनद्वारा वापस लिए गए ! इन समाजद्रोहियों ने पुलिसकर्मियों पर घातक शस्त्रों से आक्रमण कर सरकारी संपत्ति की हानि की थी। पुलिस प्रशासनद्वारा शासन को यह चेतानी दी गई थी कि ऐसे समाजद्रोहियों पर प्रविष्ट अभियोगों को वापस लिया गया, तो उससे इन समाजद्रोहियों का मनोबल और अधिक ऊंचा होगा; परंतु शासन ने पुलिस प्रशासन की इस चेतावनी की उपेक्षा कर समाजद्रोहियों पर प्रविष्ट अभियोग वापस ले लिए !

५. सत्ता में आने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने अवैध लाभ प्राप्त करवाने तथा भ्रष्टाचार को छिपाने हेतु लोकायुक्त यंत्रणा ही कमजोर की !

६. सत्ताधारी दल के दबाव के कारण पुलिस उपाधीक्षक एम. के. गणपति, साथ ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (आयएएस्) अधिकारी डी. के. रवी ने आत्महत्या कीं; परंतु उसके दोषी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं ! आयपीएस अधिकारी अनुपमा शेणॉय ने भी राजनीतिक दबाव के कारण त्यागपत्र दे दिया है !

७. राज्य में गोरक्षण हेतु कानून के होते हुए भी सत्ताधारी दल के दबंग लोगों के आश्रय में दिनरात गोहत्याएं की जा रही हैं !

८. ट्रान्स्परन्सी इंटरनॅशनल संस्थाद्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार भ्रष्टाचार में कर्नाटक पूरे देश में पहले स्थान पर है !

९. पुलिस प्रशासन ने सर्वोच्च न्यायालयद्वारा मस्जिदोंपर लगाए गए भोंपुओं के संदर्भ में दिए गए आदेश का पालन करना चाहिए !

समाजद्रोहियों से देश की रक्षा करने हेतु हिन्दुओं को अपनी जाती एवं पंथ से परे एक हिन्दू के रूप में संघटित होना चाहिए। चाहे कुछ भी हो; परंतु हिन्दुत्व का कार्य रूकना नहीं चाहिए। हिन्दू विधिज्ञ परिषद हिन्दुओं का क़ानूनी रक्षण एवं सहायता करने हेतु सदैव सिद्ध है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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