- कश्मिरी हिन्दुओं को वास्तव में न्याय प्राप्त होने के लिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना अनिवार्य !
- करोडो घुसपैठियों को वर्षों से सुख, चैन का जीवन व्यतीत करने की सुविधा देनेवाला, किंतु अपने ही देश के हिन्दुओ को विस्थापितों का जीवन जीने के लिए बाध्य करनेवाला विश्व का एकमात्र देश है, भारत !
- हिन्दुओं यह वास्तव पहचानें कि, कश्मिरी हिन्दुओं का प्रचंड नरसंहार होने के पश्चात भी अपराधियों को दंड देना तो दूर की बात; न्यूनतम इस घटना की पूछताछ भी नहीं की जाती ! हिन्दू वसाहतों में मुसलमानों को घर नकारने के पश्चात राई का पहाड बनानेवाले पुरो(अधो)गामी लोग ऐसे समय अपना मूंह क्यों नहीं खोलते ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
जम्मू : यहां निवास करनेवाले निर्वासित कश्मिरी हिन्दुओं ने २८ वर्ष पूर्व (१९ एवं २० जनवरी १९९० को) काश्मीर में हुए कश्मिरी हिन्दुओं के वंशविच्छेद दिन के उपलक्ष्य में यहां के राज्यपाल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किए। उस समय विविध हिन्दूत्वनिष्ठ संघटनों के कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे।
जिहादी आतंकवादियों ने वर्ष १९८९-९० में किया गया हिन्दुओं का नरसंहार अथवा वंशविच्छेद के विरोध में उपस्थित प्राध्यापक, पुरुष एवं महिलाओं ने इस समय घोषणाएं दी। सभी उपस्थित भारतमाता एवं भारतीय संस्कृति के समर्थन करने हेतु भी घोषणाएं दे रहे थे। निदर्शन करते समय कार्यकर्ताओं ने ‘कश्मिरी हिन्दुओं का विस्थापन एवं वंशविच्छेद के छायाचित्र’ वाले फलक हाथ में पकडे थे !
इस समय उपस्थित कश्मिरी हिन्दुओं को ‘पनून कश्मीर’ संघटन के अध्यक्ष श्री. अश्विनीकुमार च्रोंगु, ‘कश्मिरी पंडित परिषद’ के अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. रवींद्र रैना, भाजपा पदाधिकारी श्री. स्वामी कुमारजी, विस्थापन शाखा के जिला अध्यक्ष श्री. चांदजी भट, ए.पी.एम्.सी.सी.के अध्यक्ष श्री. विनोद पंडित, श्री. राकेश कौल, भाजपा के नेता शीला हांडू, कुसुमलता, विरेंदर कौल, टी.के. भट, कमल बागती आदि ने संबोधित किया।
बेंगलुरू में कश्मिरी हिन्दुओं के ‘वंशविच्छेद दिन’ के उपलक्ष्य में पत्रकार परिषद
यदि २०१९ के लोकसभा चुनाव से पूर्व कश्मिरी हिन्दुओं का पुनर्वसन नहीं किया गया, तो चुनाव में अच्छा सबक सिखाया जाएगा ! – श्री. प्रमोद मुतालिक, अध्यक्ष, श्रीराम सेना
बेंगलुरू : काश्मीर से विस्थापित हिन्दुओं का पुनर्वसन किया जाए, इसलिए १९ जनवरी को बेंगलुरू में श्रीराम सेना, हिन्दू महासभा, पनून कश्मीर एवं हिन्दू जनजागृति समिति इन संघटनों ने पत्रकार परिषद आयोजित की थी। उस समय श्रीराम सेना के अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक ने कहां कि, ‘२८ वर्ष पूर्व लक्षावधी कश्मिरी पंडितों की अमानवीय हत्या की गई थी। महिलओं पर अत्याचार, मंदिरों की तोडफोड, ५ लक्ष कश्मिरी हिन्दुओं पर अमानवीय अत्याचार किए गए थे ! इस संदर्भ में किसी भी न्यायालय ने, केंद्र सरकार ने अथवा राज्य सरकार ने कश्मिरी हिन्दुओं को न्याय नहीं दिया !
भाजपा केंद्र में सत्ता पर आए ४ वर्ष समाप्त हो रहें हैं, फिर भी कश्मिरी हिन्दुओं को न्याय देने के संदर्भ में किसी भी प्रकार के प्रयास नहीं गए, यह दुर्दैव की बात है ! आनेवाले वर्ष २०१९ के लोकसभा चुनाव से पूर्व काश्मीर के हिन्दुओं को न्याय नहीं दिया गया, तो चुनाव में उसे अच्छा सबक सिखाया जाएगा !’
इस पत्रकार परिषद में श्री. मुतालिक के साथ हिन्दू महासभा के श्री. रवी मोगेर, पनून कश्मीर के श्री. सुनील, श्री. दिलीप, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. मोहन गौडा एवं हिन्दू विधीज्ञ परिषद के अधिवक्ता श्री. अमृतेश आदि उपस्थित थे।
पत्रकार परिषद में श्री. मोहन गौडा ने कहा कि,‘‘कश्मिरी हिन्दुओं को स्वतंत्र ‘होमलॅण्ड’ दें एवं धारा ३७० निरस्त करें ! साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने कश्मिरी हिन्दुओं पर हुए अमानवीय अत्याचारों की पुनर्जांच कर संबंधितों को कडा दंड दें !’’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात