ज्ञापनद्वारा सभा की अनुमति निरस्त करने की जिलाधिकारी से मांग
बहुसंख्यंक हिन्दुओं के देश में हिन्दुओं की सभा को विरोध करना, क्या यह लोकशाही है ? क्या इससे हिन्दुओं के संविधानिक अधिकारों का हनन नहीं होता ? कभी नहीं इतनी हिन्दू एकता की अत्यंत आवश्यकता है ऐसे समय में राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा हेतु नि:स्वार्थी वृत्ति से कार्य करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति की हिन्दू धर्मजागृति सभा ध्वस्त करने की धमकी देना; क्या, यह इस देश के हिन्दुओं में विभाजन करने का प्रयास नहीं है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
अमरावती : यहां ११ फरवरी को हिन्दू जनजागृति समिति ने हिन्दू धर्मजागृति सभा आयोजित की है । ‘इस सभा के कारण जातीय हिंसाचार होंगे; इसलिए सभा की अनुमति निरस्त कर हिन्दू जनजागृति समिति पर बंदी लगाएं’ ऐसा झूठा वक्तव्य कर भीम आर्मी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत किया । ‘यदि सभा को अनुमति दी गई, तो सभा ध्वस्त की जाएगी’ ऐसी धमकी भी इस ज्ञापनद्वारा दी गई है !
इस ज्ञापन पर भीम आर्मी के महाराष्ट्र प्रदेश सचिव मनीष साठे के साथ अन्य पदाधिकारियों के हस्ताक्षर हैं ।
‘भीम आर्मी – भारत एकता मिशन’ इस संघटन ने जिलाधिकारी को प्रस्तुत किए ज्ञापन के कुछ सूत्र इस प्रकार हैं . . .
१. अमरावती में ११ फरवरी को संत गाडगे महाराज की समाधी के सामनेवाले मैदान में हिन्दू धर्म जनजागृति समिति का कार्यक्रम आयोजित किया है । (समिति का नाम भी ठीक तरह से न लिखनेवाले समिति के कार्यक्रम में क्या होगा, इसका अनुमान लगा कर ज्ञापन प्रस्तुत करते हैं, इसे क्या कहें ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) इस कार्यक्रम में उन्होंने हिन्दू राष्ट्र घोषित करने का निश्चित किया है !
२. इस कार्यक्रम के कारण जातिजाति में द्वेष निर्माण होगा । इससे शहर का वातावरण दूषित होने की संभावना को अस्वीकार नहीं किया जा सकता; क्योंकि भारत यह जनतंत्रप्रधान देश है । इसमें सर्व जातिधर्म के, विविध प्रांतों के, विविध भाषा बोलनेवाले लोग एकता से रहते हैं एवं भारतीय संविधान के अनुच्छेद १ नुसार इस देश को ‘इंडिया’ अथवा ‘भारत’ कहा गया है ।
३. इस कार्यक्रम के कारण अमरावती शहर में कानून एवं सुव्यवस्था का प्रश्न उत्पन्न होने की गहरी संभावना है (हिन्दू धर्मजागृति सभा के कारण कानून एवं सुव्यवस्था में बाधाएं उत्पन्न होने की एक भी घटना आज तक नहीं घटी है ! अपितु ज्ञापनद्वारा ऐसा झूठा वक्तव्य करना अर्थात हिन्दू जनजागृति समिति को अपकीर्त करना ही है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात); इसलिए हिन्दू धर्म जनजागृति इस संघटन पर अमरावती जिले में बंदी लगा कर इस कार्यक्रम की अनुमति निरस्त करें ! यदि पुलिस प्रशासन ने इस कार्यक्रम के लिए अनुमती दी, तो भीम आर्मी संघटन इस कार्यक्रम को ध्वस्त करेगा और इसका पूरा दायित्व पुलिस प्रशासन का रहेगा ! (खुले आम इस प्रकार की धमकी देना, यह लोकतंत्र के कौनसे सूत्र में बैठता है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
अमरावती में हिन्दू धर्मजागृति सभा के लिए होनेवाला विरोध झुठ पर आधारीत एवं अभ्यासहीन ! – हिन्दू जनजागृति समिति
अमरावती में संपन्न होनेवाली हिन्दू धर्मजागृति सभा किसी भी जाति की नहीं है, किसी भी समाज के विरोध में नहीं है । यह सभा हिन्दुओं को धर्मशिक्षण देने हेतु, हिन्दुओं का संघटन करने हेतु एवं हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु आयोजित की गई है । अतः अमरावती में संपन्न होनेवाली हिन्दू धर्मजागृति सभा को कुछ संघटनोंद्वारा किया गया विरोध झुठ पर आधारीत एवं अभ्यासहीन ऐसा किया गया है ।
इस सभा का उद्देश्य यह रहता है कि, ‘सभी जाति की युवतियों को कुछ धर्मांधोंद्वारा फंसाया जानेवाला लव्ह जिहाद का षड्यंत्र, हिन्दू धर्म की विविध जाति के लोगों को फंसाकर एवं बलपूर्वक किया जानेवाला धर्मांतर, जिहादी आतंकवाद आदि आपत्तियों के विरोध में प्रतिकार करना, साथ ही हिन्दुओं का संघटन करना !’ अतः उचित एवं वैधानिक मार्ग से आयोजित की गई सभा को ध्वस्त करने की धमकी देना, यह वैचारिक अपरिपक्वता का लक्षण है ! इस प्रकार की धमकियों की ओर अनदेखा कर अमरावती के विविध हिन्दूत्वनिष्ठ संघटन, संप्रदायों के सहकार्य से एवं सहभाग से यह सभा अवश्य होगी !
अतः समस्त हिन्दू बंधुओं को यह आवाहन है कि, सभा के लिए अधिकाधिक संख्या में उपस्थित रहकर अपना धर्मकर्तव्य निभाएं !
– श्री. सुनील घनवट, महाराष्ट्र राज्य संघटक, हिन्दू जनजागृति समिति
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात