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‘व्हॅलेंटाईन डे’ युवकों में विकृति उत्पन्न करनेवाली एवं संस्कृति को नष्ट करनेवाली कुपरंपरा ! – श्री. प्रकाश मालोंडकर

  • राऊरकेला (ओडिशा) में योग वेदांत सेवा समिति की ओर से ‘मातृ-पितृ दिन’ संपन्न !

  • हिन्दू जनजागृति समति का सहभाग

बाईं ओर से प.पू. ब्रह्मसाक्षात्कारी सरस्वती महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रकाश मालोंडकर एवं योग वेदांत सेवा समिति के श्री. समीर पटनाईक

राऊरकेला (ओडिशा) : गुरु-शिष्य, पिता-पुत्र, भाई-बहन, पति-पत्नी जैसे अनेक पवित्र नातों के संस्कार की जननी भारतीय संस्कृती में आज पाश्‍चात्त्व विकृत परंपरा फैल रही है ! आज की युवा पीढी पाश्‍चात्त्यों की ‘डे संस्कृति’ के अधीन होकर विकृत बन रही है। संतश्री आसारामबापूजी ने समाज को ‘व्हॅलेंटाईन डे’ इस विकृति के स्थान पर मातृ-पितृ दिन का पवित्र विकल्प उपलब्ध कर एक आदर्श स्थापित किया है ! हिन्दू जनजागृति समति के ओडिशा राज्य समन्वयक श्री. प्रकाश मालोंडकर ने ऐसा प्रतिपादित किया। योग वेदांत सेवा समिति की ओर यहां के मिलन ग्राऊंड में आयोजित माता-पिता पूजन दिवस के कार्यक्रम में वे संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर वेदव्यास के प.पू. ब्रह्मसाक्षात्कारी सरस्वती महाराज, पुरुषोत्तम एंजिनयरिंग एन्ड टेक्नॉलॉजी के कुलसचिव श्री. बरदा प्रसाद, ऋषीकेश रे महाविद्यालय के प्राचार्य श्री. भावेशचंद्र साहू ने भी उपस्थितों का मार्गदर्शन किया।

इस कार्यक्रम में २०० से भी अधिक छात्र अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित थे। योग वेदांत सेवा समिति के सचिव श्री. समीर पटनाईक ने उपस्थित छात्रों से माता-पिता पूजन करवा लिया !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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