माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी/पंचमी, कलियुग वर्ष ५११४>
भिवंडीमें ‘वैलेंटाईन डे’के विरोधमें हिंदुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा युवकोंका प्रबोधन
भिवंडी – हिंदू धर्मके किसी भी ग्रंथ अथवा पुस्तकमें ‘वैलेंटाईन डे’ मनानेके संदर्भमें जानकारी नहीं है । फिर भी आजकी युवा पीढी बडे उत्साहसे एक-दूसरेको प्रेमसंदेश भेजते हैं तथा एक दिनके प्रेमके नामपर भावनावश होकर विवाह करते हैं; परंतु इस ‘वैलेंटाईन डे’के अवसरपर विवाहबद्ध होकर पश्चात विफल हुए अनेक युगल दिखाई देते हैं । इस प्रकार हमारी युवा पीढी विकृत पश्चिमी सभ्यताकी बलि न चढ जाए, यह विचार कर हिंदू जनजागृति समिति एवं योग वेदांत सेवा समितिने संयुक्त रूपसे भिवंडीके धामणकर नाका परिसरमें स्थित बी.एन.एन. महाविद्यालयके बाहर विद्यार्थियोंका प्रबोधन किया ।
इस अवसरपर हिंदू जनजागृति समितिने ‘वैलेंटाईन डे’के संदर्भमें प्रबोधनात्मक हस्तपत्रक एवं योग वेदांत सेवा समितिने ‘मातृ-पितृ पूजन कैसे करें ?’ इस ग्रंथकी जानकारी पुस्तिका विद्यार्थियोंको वितरित की गई । उसी प्रकार महाविद्यालयके प्राचार्यको इस संदर्भमें निवेदन देकर प्रत्येक वर्गमें इस विषयमें प्रबोधन करनेका आवाहन हिंदू जनजागृति समितिने किया ।
इस अवसरपर, योग सेवा वेदांत समिति, भिवंडीके श्री. रवींद्र कंगे, शिवसेनाके शाखाप्रमुख श्री. रमेश गायकवाड, हिंदू जनजागृति समितिके सर्वश्री किशोर कोंडलेकर, रूपेश पुण्यार्थी, रवींद्र हडके, अनुपम पांडे, नरेश गुळवी, अभिजित भोजणे, श्रीमती स्मिता चाळके, श्रीमती मनीषा क्षीरसागर, कु. हर्षदा कोंडलेकर उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात