बेंगलुरु : हिन्दू जनजागृति समिति के राज्य समन्वयक श्री. गुरुप्रसाद गौडा ने पत्रकार परिषद में ऐसा आरोप लगाया कि, ‘वर्ष २०१२ में सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेशद्वारा राज्य एवं केंद्र सरकार को ‘पशू क्रूरता प्रतिबंध अधिनियम, २०००’, ‘पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम, १९८६’ एवं ‘मलःनिस्सरण नियम, २०००’ इन अधिनियमों का पालन करने के आदेश दिए थे; किंतु कर्नाटक सरकार पशुवधगृह के संदर्भ में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करने में असफल सिद्ध हुई है !’
इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के राज्य प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा एवं हिन्दू विधीज्ञ परिषद की अधिवक्ती कु. दिव्या बालेहित्तल उपस्थित थी।
श्री. गुरुप्रसाद गौडा ने आगे कहा कि, ‘‘सर्वोच्च न्यायालय ने उपर्युक्त आदेशोंद्वारा राज्यों को गोहत्या के समय होनेवाली क्रूरता रोकना, प्रदूषण रोकना एवं पशुवधगृह की आकस्मिक जांच करना, इसके लिए एक राज्य समिति स्थापन करने के लिए कहा था। इसके अतिरिक्त इस संदर्भ में किये गए वार्षिक कार्य ब्यौरा केंद्रीय समिति को प्रस्तुत करने के आदेश भी दिए थे।
इस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय के सभी आदेशों का पालन करने में राज्य समिति को पूरीतरह से असफल सिद्ध हुई है ! साथ ही पशुवधगृहों का वार्षिक ब्यौरा केंद्रीय समिति को भेजने में भी यह समिति असफल सिद्ध हुई है, ऐसा सूचना अधिकार के अंतर्गत मिली जानकारी के आधार पर सिद्ध हुआ है !’’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात