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सेंसर बोर्ड, पुलिस, प्रशासन, निर्माता एवं दिग्दर्शक हिन्दुओं की सहिष्णुता की परीक्षा न ले ! – सुनील घनवट

वर्तमान समय में प्रसिद्धी के लिए चलचित्रों के माध्यम से हिन्दू देवी’-देवताओं का अनादर, इतिहास का विकृतीकरण एवं हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं से खेलने का स्टंट बन गया है । ‘पद्मावत’ चलचित्र के माध्यम से झुठा इतिहास दिखाकर रजपुतों के साथ लाखों हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया गया । इससे पूर्व ‘पिके’, ‘ओ माय गॉड’ इन चलचित्रों से हिन्दुओं की देवी-देवताओं का अपमान किया गया है । भविष्य में हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओंसे खेलने का प्रकरण कभी सहन नहीं किया जाएगा । ‘३ देव – अंडरकव्हर भगवान’ चलचित्र के यदि ‘ट्रेलर’में इतनी मात्रा में देवी-देवताओं का अनादर दिखाई देता है, तो चलचित्र में कितना होगा, यह बताने की आवश्यकता नहीं है । संक्षेप में हिन्दुओं के देवी-देवताओं को विनोदात्मक पद्धति से दर्शाना एवं उनका अनादर करना यही इस चलचित्र की संकल्पना है । इसका हम हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से तीव्र निषेध कर रहे हैं ।

इस चलचित्र के विरोध में महाराष्ट्र में विविध जिले में हम परिवाद प्रविष्ट करेंगे । यह चलचित्र प्रदर्शित न हो, इस हेतु पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे । निर्माताओं को चाहिए वे समय रहते ही इस बात पर ध्यान देकर चलचित्र के सभी विडंबनात्मक भाग को हटाएं तथा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों से विचार-विमर्श कर उन्हें यह चलचित्र दिखाए बिना प्रदर्शित न करें । सेंसर बोर्ड अन्य धर्मियों की भावनाओं को ध्यान में लेकर उनके विरोध में बताए जानेवाले दृश्यों को हटाता है । आजतक हिन्दुओं के देवी-देवता, संत, राष्ट्रपुरुष तथा इतिहास का अनेक बार अनादर किया गया; परंतु सेंसर बोर्ड ने भी इस पर कभी ध्यान दिया हो, ऐसा दिखाई नहीं दिया । इसलिए हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो गई हैं । सेंसर बोर्ड, पुलिस, प्रशासन, निर्माते एवं दिग्दर्शक इत्यादि सभी को हिन्दुओं की सहिष्णुता की परीक्षा न देखें, अन्यथा हिन्दू मार्ग पर आकर वैधानिक मार्ग से विरोध किए बिना नहीं रहेंगे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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