चेन्नई : तमिळनाडु में हिन्दू मंदिरें एवं मंदिर व्यवस्थापन में धर्मादाय विभागद्वारा हो रहें अनुचित प्रकारों का निषेध करने की दृष्टि से एक कार्यक्रम का आयोजन करने हेतु शिवसेना की स्थानीय संगठन की बैठक २० मई को परसवक्कम, चेन्नई में संपन्न हुई। इस बैठक में स्वभावदोष निर्मूलन सत्संग आयोजित करने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति को निमंत्रित किया गया था।
सनातन की संत (श्रीमती) उमा रविचंद्रन ने उपस्थितों को मार्गदर्शन किया। अपने मार्गदर्शन में उन्होंने कहा कि, ‘आंदोलन अथवा अन्य कार्यक्रम सफल करने के लिए अपना आध्यात्मिक बल बढाना महत्त्वपूर्ण है !’ श्रीमती सुगंधी जयकुमार ने ‘स्वभावदोष निर्मूलन’ के संदर्भ में मार्गदर्शन किया। अपने मार्गदर्शन में उन्होंने ‘स्वभावदोष’ खौलकर आने के पीछे क्या कारण है, इसके कुछ उदाहरणं बताएं। श्रीमती कल्पना बालाजी ने ‘गुरुपूर्णिमा का महत्त्व’ बताकर सभी को गुरुपूर्णिमा की सेवा में सहभागी होने का आवाहन किया।
श्री. बालाजी एवं कु. हिम्नीश ने छायाचित्र लेने की सेवा की। श्रीमती सुधा ने ग्रंथप्रदर्शनी आयोजित करने की सेवा की। बैठक के लिए लगभग ६० शिवसैनिक एवं हिन्दू नेता उपस्थित थे।
क्षणिकाए
१. शिवसेना की स्थानीय संगठन की बैठक होते हुए भी उसमें ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त शिवसेना नेता श्री. राधाकृष्णनजी ने हिन्दू जनजागृति समिति को सत्संग आयोजित करने हेतु निमंत्रित किया। साथ ही भारत हिन्दू मुन्नानी (भारत हिन्दू अघाडी) के श्री. प्रभुजी एवं हिन्दू मक्कल मुन्नानी के श्री. नारायणजी को भी निमंत्रित किया था।
२. इस अवसर पर सनातनद्वारा प्रकाशित तमिळ भाषिक ग्रंथ एवं सात्त्विक उत्पादों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात