मंगलुरू तथा शिवमोग्गा में खुले प्रांगण में सभा करने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा अनुमति अस्वीकार !
- पुलिस विभाग एवं प्रशासन का हिन्दूद्वेष ! समाज में राष्ट्रप्रेम एवं धर्मप्रेम जागृत करनेवाली हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभाआें का विरोध करनेवाला पुलिस विभाग और प्रशासन भारत के हैं अथवा पाकिस्तान के ?
- कर्नाटक की जनता दल(धर्मनिरपेक्ष) तथा कांग्रेस गठबंधन की सरकार को हिन्दुआें का हत्याकांड कर इस्लामी राज्य लानेवाला क्रूरकर्मी औरंगजेब प्रिय है; किंतु उन्हें लोककल्याणकारी हिन्दू राष्ट्र का उद्घोष करनेवाली सभा नहीं चलती, इसे ध्यान में लें !
मंगळुरू : हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से २७ जनवरी को मंगळुरू तथा शिवमोग्गा में हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभाआें का आयोजन किया गया था; परंतु हिन्दू विरोधियों ने इन सभाआें के प्रसार हेतु लगाए गए भितीपत्रकों पर अंकित ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्द पर आपत्ति जताकर इन सभाआें का तीव्रता के साथ विरोध किया । कांग्रेस ने हिन्दू राष्ट्र की मांग असंवैधानिक होने से इस सभा के आयोजकों के विरुद्ध देशद्रोह का अभियोग प्रविष्ट करने की मांग की है । (कांग्रेस ने अनेक राष्ट्रघातक निर्णय कर तथा भ्रष्टाचार कर देश को विनाश के अंधकार में ढकेल दिया; इसलिए सबसे पहले तो कांग्रेस के विरुद्ध ही देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट कर उसपर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए । कांग्रेस हिन्दूहित की प्रत्येक बात का विरोध करती है, इसे जान लें ! संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) साथ ही धर्मांधों के संगठन और आधुनिकतावादियों ने भी इस सभा का तीव्रता से विरोध किया है । ये सभाएं न हों; इसके लिए समिति पर दबाव बनाने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक श्री. गुरुप्रसाद गौडा तथा दक्षिण कन्नड जनपद समन्वयक श्री. चंद्र मोगेर को विदेशों से ‘इंटरनेट कॉल’ किए जा रहे हैं । श्री. चंद्र मोगेर को २२ जनवरी से कुल १५ ‘इंटरनेट कॉल’ प्राप्त हुए, तो श्री. गुरुप्रसाद गौडा को भी इसी प्रकार के १४ कॉल प्राप्त हुए हैं । श्री. गौडा को प्राप्त कॉल इस्लामी राष्ट्रों से किए गए हैं । (हिन्दुआें को अर्थात भारत का विरोध करने के लिए इस्लामी राष्ट्र किस प्रकार से कार्यरत हैं, यह इससे स्पष्ट होता है । उन्होंने ‘भारत में यदि हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो गई, तो हमें हिन्दूविरोधी कृत्य करना संभव नहीं होगा’, इसे जान लेकर वे इसका विरोध कर रहे हैं ! भारत के धर्मांधों को इस्लामी राष्ट्रों से सहायता मिलती है; किंतु भारत के धर्माभिमानी हिन्दुआें को अपनों से सहायता मिलना, तो दूर, अपितु अपने ही देश में उनका विरोध किया जाता है, यह क्षोभजनक ! संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) सामाजिक संकेतस्थलों पर भी आधुनिकतावादी और हिन्दूविरोधी इन सभाआें का विरोध कर रहे हैं ।
पुलिस प्रशासन ने शिवमोग्गा में खुले प्रांगण में सभा करने की अनुमति नहीं दी और समिति के कार्यकर्ताआें को सभागार में सभा करने का सुझाव दिया । उन्होंने यह सभा किस सभागार में लेनी चाहिए, इसका भी सुझाव दिया; किंतु सभा के बाहर किसी प्रकार की प्रदर्शनी लगाई नहीं जानी चाहिए, यह भी चेतावनी दी । (हिन्दुआें, आप संगठित नहीं हुए, तो आपको ‘मंदिर जाना है अथवा नहीं ?’, ‘आपको किस मंदिर में जाना चाहिए ?, ‘किस देवता का उपवास रखना चाहिए ?’, यह पुलिस प्रशासन ही सुनिश्चित करेगा, इसे ध्यान में लें और इसके लिए प्रभावशाली संगठन खडा करने हेतु सिद्ध हों ! संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) ‘पुलिसकर्मियों ने इस सभा के चित्रीकरण की भी चेतावनी दी । (क्या पुलिस प्रशासन धर्मांधों के कार्यक्रम में जाकर इस प्रकार से चित्रीकरण करने का साहस दिखाता ? संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) अब मंगलुरू की सभा भी सभागार में ही की जाएगी ।
हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभाआें के आयोजन का समाचार मिलते ही हिन्दूद्वेषियों ने निम्नलिखित प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं …
(कहते हैं) ‘धर्म के नामपर राष्ट्रनिर्माण हेतु सभाएं करना देशविरोधी कृत्य !’ – प.वी. मोहन, प्रदेशाध्यक्ष, कर्नाटक कांग्रेस
जेएन्यु विश्वविद्यालय में ‘भारत तेरे टुकडे होंगे’ जैसे घोषणाएं कांग्रेस को चलती हैं; परंतु वैधानिक पद्धति से हिन्दू राष्ट्र की की गई मांग नहीं चलती, इसे ध्यान में लें !
संविधान में ही भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश होने का स्पष्ट किया गया है । (संविधान में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द कभी नहीं था, उसे कांग्रेस ने घुसा दिया है ! आजकल ‘धर्मनिरपेक्षता’ का अर्थ हिन्दुआें के लिए विधियां; परंतु सभी लाभ मुसलमानों को’ की स्थिति है ! संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) यहां हिन्दू धर्म के नाम से राष्ट्र का निर्माण हो; इसके लिए सभाएं करना संविधान और देश के विरुद्ध है । ऐसा करना देशद्रोह के कृत्य के अंतर्गत आता है । इस कार्यक्रम (सभा) का नियोजन करनेवाले तथा उसके लिए भूमि उपलब्ध करानेवालों के विरुद्ध देशद्रोह का परिवाद प्रविष्ट किया जाना चाहिए ।’’ (हिन्दुआें की सभाआें का विरोध करनेवाली कांग्रेस भविष्य में हिन्दूआें के प्रत्येक न्यायिक अधिकार पर अंकुश लगाएगी, इसे ध्यान में लेकर आनेवाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मतपेटी के माध्यम से उसका स्थान दिखा दें ! संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
(कहते हैं) ‘ऐसी संकटकारी सभाआें के लिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए ! – मुनीर काटिपळ्ळ, प्रदेशाध्यक्ष, डेमोक्रेटिक युथ फेडरेशन ऑफ इंडिया
धर्मांध ही भारत के लिए संकटकारी हैं । ऐसे में उनके द्वारा हिन्दुआें की सभाआें को ‘संकटकारी’ कहना प्रक्षोभजनक !
हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा संकटकारी तथा संविधान के विरुद्ध होने से उसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए । ऐसी सभा के प्रचार के लिए फलक लगाना निंदनीय है । सभा के आयोजक, सभा के लिए स्थल उपलब्ध करानेवाले और प्रसारसामग्री लगानेवालों के विरुद्ध देशद्रोह का परिवाद प्रविष्ट किया जाना चाहिए । (एम्आईएम् के अकबरुद्दीन ओवैसी जब ‘१० मिनटों में हिन्दुआें को मिटा देंगे’, की बात कर रहे थे, तब ये धर्मांध किस बील में छिपे हुए थे ? संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) पुलिस प्रशासन तथा महापालिका को ऐसे लोगों के विरुद्ध तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए ।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताआें को गालीगलोच !
राष्ट्र एवं धर्म के लिए कार्यरत धर्माभिमानियों का उत्पीडन करनेवाले पुलिसकर्मी धर्मांधों के सामने पूंछ डालते हैं !
हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा की अनुमति मिले; इसके लिए समिति के श्री. चंद्र मोगेर तथा श्री. प्रभाकर नायक ने मंगळुरू के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से भेंट की । उस समय इस पुलिस अधिकारी ने समिति के कार्यकर्ताआें से अभद्र भाषा में गालीगलोच की । (कर्नाटक में आबिद पाशा और उसके गिरोह ने हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याएं कीं । इन हत्याआें का अन्वेषण न करनेवाले पुलिस अधिकारी हिन्दुत्वनिष्ठों के प्रति अपना पौरुष दिखाते हैं, इसे ध्यान में लें ! संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
श्रीश्री. नायक के वयस्क होते हुए भी पुलिस अधिकारियों ने उनसे बात करते समय उनका अनादरपूर्वक उल्लेख किया । वे कार्यकर्ताआें से ऊंचे स्वर में ‘हिन्दू राष्ट्र की मांग करना असंवैधानिक है । कल मुसलमान भी ‘हम भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाएंगे’, ऐसा बोल सकते हैं । आप सबको तोडने का काम कर रहे हैं । मैं तुम्हें विधिजन्य जानकारी दे रहा हूं। आपमें बुद्धि नहीं है । पिछली बार हमने तुम लोगों को १ घंटेतक समझाया था; किंतु आप अपने सूत्र से नहीं हटते । आप दिखने में तो सामान्य लगते हैं; किंतु आपकी वास्तविक स्वरूप अब उजागर हो रहा है ।’’, ऐसा बोल रहे थे । इस समय उन्होंने श्री. प्रभाकर नायक से उनकी जानकारी पूछी । तब श्री. मोगेर ने ‘इस जानकारी की कोई आवश्यकता नहीं है’, ऐसा जब कहा, तब उन्होंने उद्दंडता के साथ ‘मेरे पास सब अधिकार हैं ।’, ऐसा कहा । (इस प्रकार के उद्दंड पुलिस अधिकारी जनता के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे, इसका विचार ही नहीं किया, तो अच्छा ! संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) तब उस अधिकारी ने श्री. चंद्र मोगेर से भी उनका पता पूछा । तब श्री. चंद्र मोगेर ने उन्हें बताया कि ‘मैं सदैव दौरे पर रहता हूं ।’, यह उत्तर दिया । तब उस अधिकारी ने उद्दंडतापूर्ण शब्दों में ‘आज रात आप कहां रुकनेवाले हैं, वह बताईए ।’’ ऐसा पूछा और कहा, ‘‘यदि आपने आपका पता नहीं दिया, तो हम आपके विरुद्ध विधिजन्य कार्यवाही करेंगे । यह अपराध है । हम आपको २४ घंटों में बंदी बनाएंगे ।’, ऐसी धमकी दी । (क्या ये पुलिस अधिकारी धर्मांधों के साथ इस प्रकार उद्दंडता से बात करने का साहस दिखाते ? संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
धर्मांधों द्वारा हिन्दू नाम धारण कर दूरभाष !
ऐसे कपटी धर्मांधों से हिन्दू सतर्क रहें !
अशोक नामक एक व्यक्ति ने श्री. चंद्र मोगेर को दूरभाष कर ‘‘मेरे उच्च पद पर पहुंचने में धर्मांधो का बडा योगदान है । धर्मांध अच्छे होते हैं । भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है । आप झूठ बोल रहे हैं ।’’ ऐसा कहा । तब श्री. चंद्र मोगेर ने उन्हें जब कश्मीर में हिन्दुआें के साथ किए गए अत्याचारों के विषय में पूछा, तब ‘‘यह सब झूठ है । आप सभी चड्डीवालों को (रा.स्व. संघ) हम अच्छे से जानते हैं । आप भारत में हिन्दू राष्ट्र कैसे लाएंगे ?’, ‘हम भारत को इस्लामी राष्ट्र बना देंगे’, ‘क्या यह संभव है ?’ ऐसे प्रश्न पूछे । चाहे उस व्यक्ति ने अपना हिन्दू नाम बताया; परंतु बात करते समय वह मुसलमान होने की बात ध्यान में आ रही थी ।
संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात
हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य में आयोजित की जानेवाली हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा का कडा विरोध !
हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा के प्रसार के लिए लगाए गए फलक पर अंकित ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्द का विरोध करने के लिए विदेशों से दूरभाष, तो पुलिस विभाग एवं प्रशासन द्वारा अनुमति देने में विलंब !
- हिन्दू राष्ट्र स्थापनी की न्यायिक मांग का विरोध करने के लिए विदेशों से दूरभाष आते हैं और पुलिस विभाग और प्रशासन की उन्हीं का ही पक्ष लेते हैं, इसे ध्यान में लें !
- कर्नाटक के प्रशासन को हिन्दुआें का हत्याकांड करानेवाल टीपू सुल्तान प्रिय है; किंतु उनमें हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा के प्रति द्वेषभाव है !
शिवमोग्गा/मंगलुरू : हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से शिवमोग्गा एवं मंगलुरू नगरों में २७ जनवरी को हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभाआें का आयोजन किया गया है । हिन्दूविरोधियों ने इस सभा के प्रसार हेतु लगाए गए भितीपत्रक पर अंकित ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्द पर आपत्ति जताकर सभा का बडी मात्रा में विरोध करना आरंभ किया है । हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक श्री. गुरुप्रसाद गौडा तथा दक्षिण कन्नड जिला समन्वयक श्री. चंद्र मोगेर को विदेशों से इंटरनेट कॉल आ रहे हैं । श्री. चंद्र मोगेर को २२ जनवरी से कुल १५ इंटरनेट कॉल आए ैं, तो श्री. गुरुप्रसाद गौडा को भी इसी प्रकार के १४ कॉल आए हैं ।
हिन्दू राष्ट्र की मांग असंवैधानिक, साथ ही समाज को विभाजित करनेवाली होने का आक्रोश कर वॉट्स एप, फेसबुक आदि सामाजिक संकेतस्थलों पर सभाविरोधी वातावरण बनाया जा रहा है । इसके कारण मंगलुरू महापालिका नगर में लगाए गए सभा के प्रसारफलकों को हटाने हेतु समिति के कार्यकर्ताआें पर दबाव बना रही है, साथ ही प्रसार के लिए ध्वनियंत्र द्वारा उद्घोषणा के लिए अनुमति प्रदान करने में भी विलंब लगा रही है । मंगलुरू के एक पुलिस अधिकारी ने कार्यकर्ताएं को अपने कार्यालय में बुलाकर उनसे अभद्र भाषा में गालीगलौच की । शिवमोग्गा में सभा को रद्द करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है ।