ठाणे : धर्मनिरपेक्ष भारत में लव जिहाद, धर्मांतरण, हिन्दू देवताआें का अनादर आदि बडी मात्रा में हो रहे हैं । धर्मनिरपेक्ष कहलानेवाला शासन हिन्दुआें के लिए कुछ नहीं करता । सर्वधर्मसमभाव कहलानेवाले देश में ‘हिन्दुआें को कायदे तथा अन्य धर्मियों को फायदे’ ऐसी स्थिति है । यह स्थिति बदलने के लिए हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना आज के काल की साधना है । छत्रपति शिवाजी महाराज ने पांच मुगल साम्राज्य उध्वस्त कर हिन्दवी राज्य की स्थापना की थी । यह उस काल की साधना थी, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति की वैद्या (श्रीमती) दीक्षा पेंडभाजे ने किया । वे मनोरमानगर, ठाणे की हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में बोल रही थीं ।
उपस्थित मान्यवर
श्री. दिव्यालोचन मोहंती, संस्थापक, गुरुकुल विश्वविद्यालय, श्री. शरण सरसांबे, अधिवक्ता और हिन्दू इतिहास के अभ्यासक और श्री. विपुल ठक्कर, उद्योगपति
सहकार्य
१. श्री. दिव्यलोचन मोहंती ने सभागृह और ध्वनिक्षेपक तंत्र निःशुल्क प्रदान किया ।
२. श्री. विपुल ठक्कर बोेले, ‘‘त्याग का प्रारंभ स्वयं से करना होता है, तत्पश्चात हम अन्यों को त्याग करने के लिए कह सकते हैं । मैं धर्मशिक्षा और कार्यक्रम के लिए निःशुल्क स्थान उपलब्ध करवाऊंगा ।’’