सावंतवाडी (महाराष्ट्र) में आयोजित रणरागिनी शाखा के वर्षगांठ समारोह में वक्ताआें का आवाहन
सावंतवाडी : आजकल राष्ट्र और धर्म संकट में हैं । हिन्दू लडकियां लव जिहाद की बलि चढ रही हैं और समाज में विविध माध्यम से अश्लीलता फैल रही है । इसे रोककर अपने परिवार के साथ ही देवता, देश एवं धर्म की रक्षा हेतु चलचित्र अभिनेत्रीयों का नहीं, अपितु राजमाता जिजाऊ, अहल्या होळकर, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगना का आदर्श सामने रखें और नियमितरूप से साधना तथा आत्मरक्षा हेतु स्वरक्षा प्रशिक्षण लेकर यथार्थरूप से सक्षम बनें । यहां आयोजित रणरागिनी शाखा की वर्षगांठ के समारोह में उपस्थित मान्यवर वक्ताआें ने यह आवाहन किया ।
६ मार्च को यहां के सिद्धिविनायक मंगल कार्यालय माजगाव, भटवाडी में हिन्दू जनजागृति समितिप्रणीत रणरागिनी शाखा की वर्षगांठ मनाई गई । कार्यक्रम के प्रारंभ में शंखनाद के पश्चात सद्गुरु सत्यवान कदमज की हस्तों दीपप्रज्वलन किया गया । इस अवसरपर व्यासपीठपर हिन्दू जनजागृति समिति के पश्चिम महाराष्ट्र समन्वयक श्री. मनोज खाडये, सनातन संस्था के श्री. राजेंद्र पाटिल एवं रणरागिनी शाखा की जनपद समन्वयक श्रीमती अनुश्री गावसकर उपस्थित थीं । श्रीमती गावसकर ने रणरागिनी शाखा के कार्य के प्रति सभी को अवगत कराया, तो श्रीमती शिवानी रेडकर ने सूत्रसंचालन किया ।
इस अवसरपर श्री. मनोज खाडये ने कहा, ‘‘राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा हेतु हिन्दू महिलाआें को धर्माचरण करना चाहिए । धर्मपर हो रहे आघातों को रोकने हेतु धर्मशिक्षा तथा स्वरक्षा प्रशिक्षण लेकर सक्षम बनना चाहिए । आज हिन्दुआेंपर लव जिहाद, जनसंख्या जिहाद, लैंड जिहाद, फिल्म जिहाद आदि विविध प्रकार के जिहादों के माध्यम से आघात हो रहे हैं । हमें इसकी गंभीरता को ध्यान में लेकर सतर्क रहना होगा । विगत कुछ वर्षों में महिलाआें के साथ हो रहे अत्याचारों की घटनाआें में बहुत बढोतरी हुई है । समाज में लव जिहाद नामक षड्यंत्र बडी मात्रा में फैल गया है । इसके माध्यम से हिन्दू लडकियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनसे निकाह करना, उन्हें वेश्याव्यवसाय के लिए प्रेरित करना, आतंकवादी कृत्यों के लिए उनका उपयोग करना आदि अनेक घटनाएं उजागर हुई हैं । हिन्दू महिलाआें ने धर्माचरण किया, तो वे इस षड्यंत्र की बलि नहीं चढेगी ।
श्रीमती अनुश्री गावसकर ने कहा, ‘‘माता के गर्भ में होने के समय से ही बच्चों का संस्कारित होना आरंभ होता है । आज हिन्दू महिला को धर्म का विस्मरण होने से उसके द्वारा धर्म का सम्मान नहीं किया जाता । केवल महिला ही अपने परिवार को संस्कारित कर सकती है और यही महिला यदि संस्कारहीन बन गई, तो वह अगली पीढी को क्या संस्कार दे सकेगी ? घर की महिला धर्माचरणी बन गई, तो उससे संपूर्ण परिवार को लाभ मिलेगा । आज की महिलाएं पाश्चात्त्यों का अंधानुकरण करती है अपनी संस्कृति को भूल गई हैं । हम हिन्दू ही हमारी संस्कृति का अनादर कर रहे हैं । अन्य देश के लोग हमारा अनुकरण नहीं करते; किंतु हम ही उनका अनुकरण करते हैं ।
सनातन संस्था के श्री. राजेंद्र पाटिल ने कहा कि स्वतंत्रतापूर्व काल में भी अनेक रणरागियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया, उसके कारण ही हमें स्वतंत्रता मिली । इसलिए हिन्दू धर्म एवं संस्कृतिपर हो रहे आघातों को रोकना, हमारी साधना ही है ।
क्षणिकाएं
- हिन्दू युवतियां किस प्रकार से लव जिहाद की बलि चढती है, इस जी न्यूजपर प्रसारित समाचार की ध्वनिचित्रचक्रिका दिखाई गई ।
- उपस्थित महिलाआें ने हाथ उठाकर तथा वज्रमुट्ठी बनाकर धर्मरक्षा की घोषणाएं कीं ।
- इस अवसरपर स्वरक्षा प्रशिक्षण के प्रदर्शन दिखाए गए ।
- इस समारोह में १३० रणरागिनी महिलाएं उपस्थित थीं ।