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हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा अयोध्या के जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुति

कश्मीर में कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वास किया जाए साथ ही रोहिंग्या मुसलमानों को देश बाहर करें ! – राष्ट्रप्रेमी हिन्दुओं की मांग

अयोध्या के जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए हिन्दुत्वनिष्ठों के साथ श्री. चेतन राजहंस (१)

अयोध्या : कश्मीर में कश्मीरी हिन्दुओं का सम्मान के साथ पुनर्वास हो एवं रोहिंग्या मुसलमानों को तत्काल देश से बाहर निकाला जाए आदि मांगों को लेकर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां के जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।

‘कश्मीर में ध्वस्त किए गए मंदिरों की पुनर्स्थापना की जाए एवं विगत ७० वर्षाें से जम्मू-कश्मीर विधानसभाद्वारा पारित देशविरोधी कानूनों को निरस्त किया जाए, ऐसी भी मांग इस समय की गई। इस अवसर पर सर्वश्री सद्गुरु सेवा संस्थान, अयोध्या के वैद्य रामप्रकाश पाण्डेय, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के श्री. विधिपूजन पाण्डेय, अधिवक्तागण सर्वश्री विजयकुमार सिंह, राजेश पाण्डेय, रामशंकर तिवारी, प्रवीणकुमार सिंह, मुकेश श्रीवास्तव, घनश्याम मौर्य एवं हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी आदि मान्यवर उपस्थित थे।

हिन्दूविरोधी दुष्प्रचार करनेवालों के विरोध में कठोर कार्रवाई की जाए !

देशभर में पिछले कुछ दिनों से धर्मांध और सेक्युलरवादियोंद्वारा बलपूर्वक ‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए विवश किया गया’, ‘हिन्दुत्वनिष्ठ भीड ने अल्पसंख्यक समुदाय के युवक की हत्या की’ जैसे झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और उससे देशभर में तनाव का वातावरण बनाया जा रहा है !

हिन्दू समाज के विरोध में द्वेष की भावना फैलाई जा रही है ! संक्षेप में कहा जाए, तो झूठा-विद्वेषी दुष्प्रचार कर देश की एकता और अखंडता को संकट में डालनेवाले संबंधित धर्मांध, पुरोगामी, सेक्युलरवादी और समाजविरोधी तत्त्वों के विरोध में सरकार राष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष जांच दल की गठन कर संबंधितों के विरोध में  कठोर कार्रवाई करे !

अन्य मांगें …

१. ईसाई चर्च में किए जा रहे घोटाले एवं अनैतिक गतिविधियों को देखते हुए सभी चर्च का सरकारीकरण किया जाए अथवा सभी हिन्दू मंदिरों का किया गया  सरकारीकरण निरस्त किया जाए !

२. आंध्र प्रदेश सरकार ने ईसाई पादरी, मुसलमान इमाम और मौलवीयों को तुष्टिकरण की नीती के अंतर्गत वेतन आरंभ किरने का निर्णय लिया है ! इस निर्णय को तुरंत निरस्त किया जाए !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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