मुंबई में यातायात पुलिसकर्मी की वेशभूषावाली श्री गणेशमूर्ति की प्रतिष्ठापना किए जाने का प्रकरण
विलेपार्ले (मुंबई) : गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में मुंबई के एक पुलिस थाने के अधिकारी ने यातायात पुलिसकर्मी की वेशभूषावाली श्री गणेशमूर्ति की प्रतिष्ठापना की थी। पिछले वर्ष भी उन्होंने इसी प्रकार की गणेशमूर्ति की प्रतिष्ठापना की थी। ४ सितंबर के दैनिक ‘सनातन प्रभात’ में इस संदर्भ में समाचार छपा था। हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से श्री गणेशमूर्ति का इस प्रकार से होनेवाले अनादर को रोके जाने की मांग की गई है। यहां की वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्रीमती अलका नांदवे को ९ सितंबर को इस मांग का ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘‘संबंधित पुलिस अधिकारी को हम इसका उचित भान कराएंगे ! आपकेद्वारा किया जा रहा यह कार्य बहुत अच्छा है !’’
१. इस ज्ञापन में कहा गया है कि, यातायात पुलिसकर्मी की वेशभूषावाली श्री गणेशमूर्ति की प्रतिष्ठापना कर श्री गणेश का मानवीकरण किया गया है ! श्री गणेश हिन्दुओं के प्रथम पूजनीय देवता हैं। इस प्रकार से श्री गणेश का अनादर करने से हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं !
२. विशेष पुलिस महानिरीक्षक (विधि एवं व्यवस्था) श्री. गुलाबराव पोळ ने इस संदर्भ में परिपत्र क्र. पोमस/२०/१९९/संकीर्ण/२४१/२००९ जारी किया था। इसके अनुसार राष्ट्रीय पुरुष, युगपुरुष, देवता आदि की वेशभूषा करने से इन प्रतिकों का अनादर एवं अवमानना होती है ! ‘यह घटना संज्ञान के पात्र है, साथ ही इससे कानून एवं व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की बडी संभावना होती है ! अतः पुलिस प्रशासन को ऐसी घटनाओं के विरोध में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। इसकी एक प्रति भी इस ज्ञापन के साथ जोड दी गई है !
३. इस परिपत्रक के आधार पर, साथ ही भारतीय घटना के कलम २९५ एवं इंडियन ट्रेड प्रैक्टिस एक्ट आदि बातों का विचार करते हुए संबंधित दोषी पुलिस अधिकारी के विरोध में कार्रवाई की जाए। यातायात पुलिसकर्मी की वेशभूषावाली गणेशमूर्ति की स्थापना कर श्री गणेश के होनेवाले अनादर को रोका जाए। ऐसी मांगे की गईं !
इस ज्ञापन प्रस्तुति के समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सतीश सोनार, श्री. अनिल नाईक, धर्मप्रेमी सर्वश्री विनोद पागधरे, किशोर राऊत एवं सचिन मातल उपस्थित थे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात