तिरुमला – तिरुमला तिरुपती देवस्थान के परिसर में हिन्दूविरोधी गतिविधियां इससे पूर्व भी सामने आई है । अब ‘www.tirumala.org’ इस तिरुपति देवस्थान के अधिकृत वेबसाइट पर जानेपर वहां येशू की प्रार्थना दिखाई देने का मामला सामने आया है । इससे देवस्थान विभाग के हिन्दुविरोधी कार्य का फिर एक बार विरोध हो रहा है ।
Christian prayer on Tirupati Devasthan website !
…But Yoga day is not acceptable for Christians !@noconversion @ippatel @ReclaimTemples @HinduJagrutiOrg @kanimozhi @sankrant pic.twitter.com/Fg8pwuuOVU— ? Ramesh Shinde ?? (@Ramesh_hjs) December 1, 2019
धर्महानी के विरोध में हिन्दुओं ने उठाई आवाज !
कुछ दिन पूर्व देवस्थान मंडलने उसके वेबसाइट पर वर्ष २०२० का पंचांग प्रसारित किया । यह पंचांग ‘डाऊनलोड’ करने के लिए कई श्रद्धालुओं ने ‘टीटीडी कॅलेंडर २०२० पीडीएफ्’ एसा शब्द डालकर ‘सर्च’ किया । उस समय एक ‘लिंक’ सामने आई । उसे क्लिक करने पर उसमें ‘श्री येशू, श्री व्यंकटेश नमः’ ऐसे आशय की एक प्रार्थना दिखाई दी । यह सूत्र सोशल मीडिया पर आंधी की तरह फैल गई । इस विषय को गंभीरता से लेते हुए देवस्थान संस्थान ने वेबसाइट कुछ समय के लिए बंद की । उसके बाद प्रार्थना में सुधार कर उसमें से ‘श्री येशू’ यह शब्द निकाल दिया गया ।
देवस्थान मंडल की ओर से इससे पूर्व भी येशू का गुणगान !
इस घटना के बाद अनेक हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों ने देवस्थान मंडल के व्यवहार का विरोध किया है । देवस्थान मंडल में कार्यरत अहिंदू अधिकारी तथा कर्मचारी इनकाे निकालने की मांग भी की गई है । ‘रायलसीमा पोराटा समिती’के प्रवक्ता पी. नवीनकुमार रेड्डी ने कहा, ‘‘वेबसाइट की सुरक्षितता के संदर्भ में देखभाल करने में देवस्थान मंडल असफल रहा है । इससे पूर्व भी वेबसाइट पर येशू ख्रिस्त एवं ख्रिस्ती धर्म इनके विषय में देवस्थान मंडल के वेबसाइट पर कुछ पन्ने ‘अपलोड’ किए गए थे । अन्यधर्मियाें द्वारा जानबूझकर हिन्दुओं की धर्मभावना आहत करने का षड्यंत्र हो रहा है ।
साथ ही तिरूमला देवस्थान की वेसबाइट पर सितंबर माह में एक इ-बुक अपलोड की गई थी जिसमें येशू ख्रिस्त तथा ईसाई धर्म के विषय में जानकारी प्रकाशित की गई थी ।
एक तेलुगु प्राचार्य द्वारा लिखी गई ‘भक्ति गीतांमृत लहरी’ नामक पुस्तक देवस्थान के वेबसाइट पर अपलोड की गई थी । इसमें पृष्ठ क्र. १८२, १८३, १८४ इसमें साई बाबा के विषय में जानकारी दी गई थी किंतु उसमें येशू ख्रिस्त के बारे में उल्लेख किया गया था ।
इसके बाद देवस्थान समिति के अध्यक्ष को यह बात ज्ञात होने पर उन्होंने इस विषय में जांच शुरु की तथा वेबसाइट पर अपलोड सभी पुस्तिकाएं disable कर दी गई । इसमें भी ईसाई धर्म के विषय में जानकारी हाेने की संभावना बताई जा रही है ।