राहुल ने फिर किया वीर सावरकरजी का अपमान, कहा ‘मैं राहुल सावरकर नहीं, राहुल गांधी हूं !’
दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की ‘भारत बचाओ रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि उनका नाम राहुल गांधी है, ‘राहुल सावरकर नहीं है और वह सच बोलने के लिए कभी माफी नहीं मांगेंगे। भाजपा ने गांधी से उनके “रेप इन इंडिया” बयान के लिए माफी मांगने की मांग की थी।
स्वा.सावरकरजी का अपमान करनेवाले राहुल गांधी का निषेध प्रस्ताव
हिन्दू जनजागृती समिती द्वारा आयोजित मुंबई मे हो रहे प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन मे राहुल गांधी के निषेध का प्रस्ताव पारित ।
राहुल के बयान पर शिवसेना ने कहा, वीर सावरकरजी का अपमान न करें, वे पूरे देश के लिए भगवान जैसे !
राहुल गांधी के ‘सावरकर’ वाले बयान पर शिवसेना की प्रतिक्रिया आई है। शिवसेना ने शनिवार को राहुल गांधी द्वारा कसे गए तंज ‘मेरा नाम राहुल सावरकर’ नहीं है पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि हिंदुत्व विचारक के प्रति श्रद्धा को लेकर कोई “समझौता” नहीं किया जा सकता।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हम महात्मा गांधी और पंडित नेहरू का सम्मान करते हैं। कृपया वीर सावरकर का अपमान न करें। जो समझदार होता है उसे ज्यादा बताने कि जरूरत नहीं होती।
अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से संजय राउत ने मराठी भाषा में ट्वीट किया, जिसका मतलब है- ‘वीर सावरकर न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश के भी देवता हैं। सावरकर नाम में राष्ट्र अभिमान और स्वाभिमान है। नेहरू और गांधी की तरह, सावरकर ने स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया। ऐसे हर भगवान को सम्मानित किया जाना चाहिए। जय हिंद’
नहीं ! वीर सावरकर ने सजा से बचने के लिए अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी
वीर सावरकर का समर्थन करने वाले जहां उनकी देश भक्ति का गुणगान करते हैं तो वहीं उनके आलोचक अंग्रेजों के सामने लिखे गए उनके माफी नामे को लेकर आलोचना करते हैं । ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर सावरकर का ये माफीनामा था क्या जिसे लेकर कांग्रेस लगातार इसकी आलोचना करती है और क्या वाकई सावरकर ने जेल से छूटने के लिए अंग्रेजों से माफी मांगी थी ?
इतिहासकार और लेखक विक्रम संपथ ने सावरकर की आत्मकथा लिखी है । उन्होंने अपनी किताब ‘सावरकर- इकोज़ फ्रॉम अ फॉरगॉटन पास्ट’ में सावरकर के जीवन के कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया है । इसमें अंग्रेजों को लिखी गई दया याचिका (British congress apology) पर भी विस्तार से चर्चा की गई है । सावरकर को लेकर यह बहुत बड़ा भ्रम फैलाया जाता है कि उन्होंने दया याचिका दायर कर अंग्रेजों से माफी मांगी थी । सच तो यह है कि ये कोई दया याचिका नहीं थी, ये सिर्फ एक याचिका थी । जिस तरह हर राजबंदी को एक वकील करके अपना मुकदमा लड़ने की छूट होती है उसी तरह सारे राजबंदियों को याचिका देने की छूट दी गई थी । वे एक वकील था जो उन्हें पता था कि जेल से छूटने के लिए कानून का किस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं ।
उनको 50 साल का आजीवन कारावास सुना दिया गया था, तब वह 28 साल के थे । अगर सावरकर जिंदा वहां से लौटते तो 78 साल के हो जाते । इसके बाद क्या होता? न तो वह परिवार को आगे बढ़ा पाते और न ही देश की आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दे पाते । उनकी मंशा थी कि किसी तरह जेल से छूटकर देश के लिए कुछ किया जाए । 1920 में उनके छोटे भाई नारायण ने महात्मा गांधी से बात की थी और कहा था कि आप पैरवी कीजिए कि कैसे भी ये छूट जाएं । गांधी जी ने खुद कहा था कि आप बोलो सावरकर को कि वह एक याचिका भेजें अंग्रेज सरकार को और मैं उसकी सिफारिश करूंगा । गांधी ने लिखा था कि सावरकर मेरे साथ ही शांति के रास्ते पर चलकर काम करेंगे तो इनको आप रिहा कर दीजिए । ऐसे में याचिका की एक लाइन लेकर उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है ।
अधिक जानकारी हेतु यहां क्लिक करे ।
यह भी पढे : बड़ा खुलासा : क्या वीर सावरकर ने वाकई अंग्रेजों से माफी मांगी थी ?
वीर सावरकर के विषय में जानकारी देनेवाला व्हिडियो
वीर सावरकर के खिलाफ राहुल गाँधी के बयान पर हाई कोर्ट में केस करेंगे: रंजीत सावरकर
वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करूंगा । उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस करने की भी बात कही है ।
Ranjeet Savarkar, grandson of Veer Savarkar on Rahul Gandhi's 'My name is not Rahul Savarkar. I will never apologise for truth' remark: No one should say disrespectful words about him (Veer Savarkar). The government should take criminal action against Rahul Gandhi. pic.twitter.com/NLtGwMhw0y
— ANI (@ANI) December 15, 2019