१. तळे (महाराष्ट्र)
हिन्दू राष्ट्र स्थापना तथा संकटकाल में रक्षा हेतु ‘शौर्य जागरण’ एवं ‘साधना’ आवश्यक – श्री. निरंजन चोडणकर, युवा संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति
खेड : धर्म की शिक्षा न मिलने से और शौर्य की उपासना न करने से आज की युवा पीढी भटक गई है। हमारा हिन्दू धर्म व्यापक है और वह समस्त विश्व का विचार करता है। अब हमें राष्ट्र के सामने खडी चुनौतियां और समस्याओं के समाधान के लिए कमर कसनी चाहिए। कोई भक्त केवल ईश्वर के आशीर्वाद से ही आगामी संकटकाल में पार हो सकता है। वर्ष २०२३ के पश्चात ईश्वर की कृपा से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होकर रहेगी; परंतु उसके लिए हमें साधना बढानी चाहिए। हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु शौर्य जागरण और संकटकाल में रक्षा हेतु साधना की आवश्यकता है। हिन्दू जनजागृति समिति के युवा संगठक श्री. निरंजन चोडणकर ने ऐसा प्रतिपादित किया। तहसिल के तळे, देऊळवाडी के श्री वाघजाईदेवी मंदिर में ६ फरवरी को हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से शौर्यजागरण उपक्रम के अंतर्गत आयोजित प्रवचन में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर समिति के प्रा. ओंकार जरळी ने हिन्दू राष्ट्र के संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा किए गए कार्य की सभी को जानकारी दी।
प्रवचन के आरंभ में ग्रामदेवी श्री वाघजाईदेवी को श्रीफल एवं पुष्पमाला समर्पित की गई। मार्गदर्शन के पश्चात हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. अक्षय कदम एवं प्रा. ओंकार जरळी ने उपस्थित युवाओं को स्वरक्षा के प्रत्यक्षिक दर्शाए। श्रीमती सुजाता सामंत ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया। प्रवचन के पश्चात आयोजित गुटचर्चा में युवकों ने उत्स्फूर्तता से सहभाग लिया। इस गुटचर्चा में तळे में धर्मशिक्षावर्ग और स्वरक्षा प्रशिक्षणवर्ग का आरंभ करना सुनिश्चित किया गया।
२. रुखी (तहसील दापोली, जनपद रत्नागिरी, महाराष्ट्र)
शौर्य की उपासना एवं साधना के सामर्थ्य से ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो सकती है – सुमित सागवेकर, हिन्दू जनजागृति समिति
दापोली : ब्रिटीशों ने जब हिन्दुओं को उनका धर्म और संस्कृति से तोडनेवाली मेकॉलेप्रणीत शिक्षापद्धति लागू कर भारतपर राज्य किया । उन्होंने इस देश को छोडते हुए बताया कि आगे जाकर हिन्दुओं को उनका धर्म एवं संस्कृति का आचरण करने में लज्जा प्रतीत होगी और वास्तव में भी आज इसी प्रकार की स्थिति देखने को मिल रहा है । आज घर-घर में विविध प्रकार की ‘डे’ विकृति पहुंच गई हैं । आज हमें कहीं भी त्योहार, उत्सव, उपासना, शास्त्र, धर्मशिक्षा आदि के संदर्भ में सिखाया नहीं जाता । हमारे विद्यालय-महाविद्यालयों में हमें शौर्य की कहानियां नहीं बताई जातीं । यह सब उसी का परिणाम है । आज छोटे-छोटे लालच की बलि चढकर हिन्दू अपना धर्म त्याग रहे हैं । औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज का ४२ दिनोंतक अनन्वित उत्पीडन किया; परंतु उन्होंने अपना धर्म नहीं छोडा । छत्रपति शिवाजी महाराज ने कुलदेवता एवं संतों के आशीर्वाद से हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की । अतः शौर्य की उपासना एवं साधना के सामर्थ्य से ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो सकती है । हिन्दू जनजागृति समिति के युवा संगठक श्री. सुमित सागवेकर ने ऐसा प्रतिपादित किया । तहसील के रुखी गांव के श्री गणेश मंदिर में ‘हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता और शौर्य जागरण’ विषयपर आयोजित प्रवचन में वे ऐसा बोल रहे हैं । इस अवसरपर सरपंच श्रीमती प्राची मांडवकर, रुखी गांव के अध्यक्ष श्री. अनंत मांडवकर, गांव के सचिव श्री. बाबू मांडवकर, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. परेश गुजराथी और श्री. दिनेश कडवसहित गांव के १२५ धर्मप्रेमी उपस्थित थे । कार्यक्रम का सूत्रसंचालन श्री. सूरज चव्हाण ने किया ।
साथ ही आनेवाले आपातकाल का सामना करने हेतु हमें भगवान का भक्त बनना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन हिंदू जनजागृति समिति के युवा संगठक निरंजन चोडणकर ने किया ।
३. वशेणी (जनपद रायगढ)
निस्वार्थभाव से कार्य करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति हमारे लिए आधार है ! – उपस्थित धर्मप्रेमी
वशेणी (उरण,महाराष्ट्र) : यहां के श्रीराम मंदिर में गांव के धर्मप्रेमी युवकों के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ७ दिवसीय शौर्य जागरण कार्यशाला का आयोजन किया गया था । इसमें धर्मशिक्षा का महत्त्व, हिन्दुओं का गौरवशाली एवं प्रेरणादायी इतिहास की जानकारी देकर और क्रांतिकारियों के उदाहरण देकर युवाओं में शौर्य जागरण किया गया । साथ ही स्वरक्षा हेतु कराटे, लाठी और दंडशृंखला के विविध तंत्रों की जानकारी देकर उसके प्रदर्शन करवा लिए गए । इस कार्यशाला में उपस्थित युवाओं ने स्वरक्षा प्रशिक्षणवर्ग आरंभ करने की मांग की । इस अवसरपर समिति के राजेंद्र पावसकर ने युवाओं का मार्गदर्शन किया । अंत में सभी ने अपने मनोगत में समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए ‘निस्वार्थभाव से कार्य करनेवाली समिति हमारा आधार है’, यह प्रतिक्रिया दी ।
धर्मप्रेमियों द्वारा व्यक्त मनोगत …
१. पहले समाज में होनेवाली घटनाओं को देखकर हमें अकेले जाने में भय प्रतीत होता था; परंतु अब हमारा आत्मविश्वास बढा है ।
२. हम हमारी बहनों को भी स्वरक्षा प्रशिक्षण सिखाएंगे । समाज में इस प्रशिक्षण की बहुत आवश्यकता है ।
३. हम स्वयं सिखेंगे और समाज में अधिकाधिक स्थानोंपर भी स्वरक्षा प्रशिक्षण देने का प्रयास करेंगे ।
४. इतिहास से सिखकर नित्य जीवन में उसका उपयोग कैसे करना चाहिए, यह सिखने को मिला और धर्मशिक्षा से धर्माचरण का भाग सिखने का अवसर मिला ।
४. काळाचौकी (मुंबई)
मुंबई – काळाचौकी के न्यू परशुराम क्रीडा मंडल में हिंदू जनजागृति समिति की ओर से शौर्य जागरण शिबिर का आयोजन किया गया था । शिबिर के समापन के समय हिंदू जनजागृति समिति के श्री. बळवंत पाठक आणि श्री. प्रसाद मानकर इन्होंने मार्गदर्शन किया. इस समय ‘आज के क्षण से हमने हमारे मन तथा जीवन में हिंदू राष्ट्र की स्थापना की है’, ऐसे शिबिरार्थींयों ने उत्स्फूर्तता से बताया ।
धर्मबंधुओं को जागृत करने का दायित्व लेना चाहिए ! – श्री. बलवंत पाठक, हिंदू जनजागृति समिति
उज्ज्वल भविष्य के लिए इतिहास के गलतियों का अभ्यास आवश्यक ! – प्रसाद मानकर, हिंदू जनजागृति समिति