हिन्दू जनजागृति समिति की मांग
पालघर में पुलिसकर्मियों के सामने ही दो संतों का ‘मॉब लिंचिंग’ करना, यह महाराष्ट्र को कलंकित करनेवाली घटना
पालघर में हिंसक भीड ने पुलिसकर्मियों के सामने ही अमानुषिक मारपीट कर ‘श्री पंच दशनाम जुना अखाडा’ के संत कल्पवृक्षगिरी महाराज एवं सुशीलगिरी महाराज, साथ ही उनके वाहनचालक की निर्मम हत्या की है । इस संदर्भ में सामने आए वीडियो में पुलिसकर्मियों द्वारा ही उन वयोवृद्ध संतों को हिंसक भीड के हाथों सौंपने और पुलिसकर्मियों के सामने ही उनकी निर्मम हत्या किए जाने का भीषण सत्य उजागर हुआ है । जिन पर जनता की सुरक्षा का दायित्व है, वे पुलिसकर्मी ही यदि हत्या करनेवालों की सहायता करते हों, तो अब जनता किसके भरोसे रहेगी ? इससे पहले भी ठाणे के पुलिसकर्मियों द्वारा एक हिन्दुत्वनिष्ठ को उसके घर से उठाकर मंत्री के बंगले पर ले जाना और वहां उसके साथ अमानुषिक मारपीट होने की घटना सामने आई थी । तुकाराम ओंबळे जैसे पुलिसकर्मी के बलिदान से बढा महाराष्ट्र पुलिस बल का गौरव ऐसी घटनाओं से कलंकित होकर पतन की ओर जा रहा है । ये घटनाएं संतों की भूमि कहलानेवाले महाराष्ट्र को कलंकित कर रही हैं । बार-बार हिन्दुओं को लक्ष्य बनानेवाली ऐसी हिंसक घटनाओं को रोकने हेतु दोषियों के विरुद्ध कठोर कारवाई करने की आवश्यकता है । पालघर के प्रकरण में उच्चस्तरीय जांच कर दोषी हिंसक भीड सहित संबंधित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भी धारा ३०२ के अंतर्गत प्राथमिकी प्रविष्ट की जानी चाहिए, साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों को पुलिस विभाग की सेवा से हटाया जाए, यह हमारी मांग है ।
पालघर में पुलिसकर्मियों के सामने ही दो संतों का 'मॉब लिंचिंग' करना, यह महाराष्ट्र को कलंकित करनेवाली घटना
शासन संबंधित पुलिसकर्मियों सहित दोषियों के विरुद्ध कठोर कारवाई करे ! : हिन्दू जनजागृति समिति की मांग@CMOMaharashtra @MahaPolice
#पालघर_के_गुनहगार #JusticeForSadhus pic.twitter.com/JLNmYrOWNx
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) April 20, 2020
सरकार को इस संदर्भ में जनता के सामने सच्चाई रखनी चाहिए । ‘लॉकडाऊन’ में यातायात बंदी के समय पालघर में रात के समय सैकडों लोगों की हिंसक भीड लाठियों के साथ बाहर आती है और संतों द्वारा पुलिसकर्मियों से संरक्षण की गुहार लगाने के पश्चात भी यह भीड उनकी निर्मम हत्या कर देता है, यह स्ंतभित करनेवाला दृश्य है । ‘श्री पंच दशनाम जुना आखाडा’ देश के १३ अखाडों में से सबसे बडा अखाडा है । इस कारण देशभर में रोष व्यक्त किया जा रहा है । इसलिए सरकार इस प्रकरण में तुरंत कारवाई करे, यह हमारी मांग है ।
19 अप्रैल 2020
महाराष्ट्र के पालघर में उन्मादी भीड द्वारा 2 संतों की बर्बरता से हत्या !
महाराष्ट्र के पालघर स्थित तलासरी में अहमदाबाद हाईवे पर साधु-संतों की गाड़ी पर कुछ संदिग्ध लोगों ने भीषण हमला किया कि उसमे २ संतो की हत्या हो गई और उन्हें ले जा रहा ड्राइवर भी उसी हमले में मारा गया है ।
Maharashtra: 3 people lynched on suspicion of theft in Gadchinchle village of Palghar. Kailas Shinde, Collector says, "They were declared brought dead at the hospital. About 110 villagers have been brought to police stations for questioning. Further probe underway". (17.4.20) pic.twitter.com/A7rWWwPSqX
— ANI (@ANI) April 18, 2020
सुदर्शन न्यूज के अनुसार इस मामले से मचे हडकम्प के बाद अब तक पुलिस ने कुल 110 दोषियों पर अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही की है । दो दिन पहले मुंबई के दहिसर से दो संत जो आपने गुरुभाई संत रामगिरी महाराज जी का सूरत मे उनके आश्रम में निधन हो गया । उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उनके श्रीसुशील गिरी व उनके ज्येष्ठ गुरु चिकना बाबा अपने ड्राइवर के साथ अहमदाबाद नेशनल हाईवे इलाके से गुज़र रहे थे कि आगे पालघर स्थित तलासरी कासा गांव में गाड़ी रुकवा कर कुछ लोगों ने चोर – चोर चिल्लाकर उन संतो को धारदार हथियार,लकड़ी, तलवार से हमला करना शुरू कर दिया ।
महाराष्ट्र के पालघर में 2 संत और उनके ड्राइवर को बड़े ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया।ये घटना वीरवार की है।आज तक सारे liberals पूरी तरह से ख़ामोश है।
कोई लोकतंत्र या संबिधान की दुहाई नहीं दे रहा।
देंगे भी क्यों ..ये तो संतो की मृत्यु हुई है
कौन पूछता है संतो को?? pic.twitter.com/iAyE0Fberz— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 19, 2020
जागरण रिपोर्ट के अनुसार ये तीनों लोग मुंबई से सूरत किसी की अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे, वहीं पालघर जिले में लगभग 100 लोगों की भीड़ इन पर टूट पड़ी। दरअसल ग्रामीण इन लोगों को चोर समझ बैठे और ताबड़तोड़ हमला करते चले गये। ग्रामीण इतने उत्तेजित थे कि उन्होंने पुलिस की गाड़ी पर भी हमला कर दिया। ये तीनों लोग कार से सूरत जा रहे थे, इन ग्रामीणों ने इनकी कार रोकी और तीनों को कार से बाहर खींच लिया।
लिस अधिकारी के अनुसार जैसे ही हमें घटना की जानकारी मिली हम वहां पहुंचे लेकिन हमलावर ग्रामीणों की संख्या इतनी अधिक थी कि हम पीड़ितों को बचा नहीं सके। हमलावरों ने पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया ये वीभत्स घटना वीरवार रात की है।
सुदर्शन के रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जब शोर ज्यादा मचा तो घटना स्थल परपहुंच कर पुलिस ने उन संतो को कुछ देर तक स्थानीय पुलिस चौकी में रखा फिर अपनी जीप में बिठाया । फिर भी हमलावरों ने पोलिस से हाथापाई कर सभी संतो को हथियारों से तबतक मारा जब तक उनके प्राण पखेरू नहीं उड़ गये । बताया ये भी जा रहा है कि पुलिस अगर उन दोनों संतो को और कुछ समय तक पुलिस चौकी के अंदर बैठा कर रखती और कंट्रोल रूम से अतिरिक्त पुलिस बल की मदद मांगती तो उन सभी संतो की जान बच सकती थी । इसी के चलते कहीं न कहीं इस घटना मे महाराष्ट्र पुलिस की भूमिका के ऊपर भी एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है ।
संतो के लिए सुरक्षित नहीं रहा महाराष्ट्र ? #पालघर में 2 संतों की निर्ममता से हत्या के बाद दहल उठा देश#Palghar@CMOMaharashtra @MahaDGIPR@DGPMaharashtra @OfficeofUT@ShivSena @Palghar_Police @mnsadhikrut @Dev_Fadnavishttps://t.co/t9GKSCsdmd
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) April 19, 2020
महाराष्ट्र में संतों के हत्यारों को गिरफतार करने की अखाडा परिषद की मांग
महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाडे के दो साधुओं की निर्मम हत्या किए जाने की अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने रविवार को कडे शब्दों में निंदा की और चेतावनी दी कि अगर हत्यारों की शीघ्र गिरफतारी नहीं की गयी तो महाराष्ट्र सरकार के विरूद्ध आंदोलन किया जाएगा । प्रयागराज में प्रवास कर रहे अखाडा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में ब्रहमलीन संत को समाधि देने जाते साधु —संतों पर पुलिस की मौजूदगी में एक धर्म विशेष के लोगों ने हमला कर दो साधुओं की कथित हत्या कर दी थी । उन्होंने बताया कि पालघर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर अखाडा परिषद ने अपना विरोध जता दिया है और आरोपियों की गिरफतारी की मांग की है ।
महंत गिरी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद अखाडा परिषद हरिद्वार में बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाएगी । उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को चेताया कि यदि सरकार ने हत्यारों के विरूद्ध कारवाई नहीं की तो सभी अखाडे बैठक कर महाराष्ट्र सरकार के विरूद्ध आंदालन का शंखनाद करेंगे। उन्होंने भक्तों से लॉकडाउन में बह्रमलीन हुए किसी साधु को समाधि देने जाते समय सीमित संख्या में ही जाने की अपील की है ।
इन निर्मम हत्याओं के कारण ट्विटर पर ट्रेंड चल रहा है #Palghar
Seeing the visuals that have come out, Palghar incident of mob lynching is shocking & inhuman.
It is more disturbing especially when we are going through such tough times otherwise too.
I urge the State Government to immediately set up a High Level Enquiry and…
(1/2)— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 19, 2020
The names of the two Hindu saints who were beaten to death in Palghar in the presence of @Palghar_Police were Kalpavriksh Giri and Sushil Giri. Their driver’s name was Nilesh Telgade. Indian media will NOT tell you these names, as their names weren’t Tabrez, Akhlaq or Pehlu!! pic.twitter.com/6DXr3tasu0
— Shefali Vaidya. (@ShefVaidya) April 19, 2020
.@OfficeofUT &his consort @RahulGandhi,need to see this video&answer two things?
Despite #lockdown,how could a mob of over 110 manic people gather at #Palghar& #lynch 3 people,including 2 #Sadhus,to death?
More importantly,why were Police men present there,mute spectators?Why? pic.twitter.com/EvXYjNsdH7
— Sanju Verma (@Sanju_Verma_) April 19, 2020
Is this the way #Hindus are going to be butchered under your rule. This is a visual from #Palghar near Mumbai. @OfficeofUT @AnilDeshmukhNCP @PawarSpeaks @RahulGandhi @milinddeora
Please suspend all these police officers & initiate an high power inquiry & arrest the criminals. https://t.co/mXGMT0vPJN— Ashoke Pandit (@ashokepandit) April 19, 2020
Horrific video of a mob lynching in cops’ presence in #Palghar Maharashtra, run by @OfficeofUT whr a few days ago a cop & doctor had been assaulted.
Media downplayed, said “mistaken suspicion as robbers” & suppressed that they were in Hindu religious robes.
Why this hypocrisy?
— Baijayant Jay Panda (@PandaJay) April 19, 2020