छत्रपति शिवाजी महाराज की नीति का अनुसरण करते हुए ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाने के लिए संगठित हों – प्रमोद मुतालिक, अध्यक्ष, श्रीराम सेना
श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक ने प्रतिपादित किया कि मुगलों के अत्याचार से जनता पीडित हो रही थी, महिलाओं पर अत्याचार हो रहे थे । उस समय छत्रपति शिवाजी महाराज ने बाल्यावस्था में ही सामान्य जनता, श्रमिक, किसानों आदि को संगठित कर उनकी सेना बनाई । उनमें देव, देश और धर्म की रक्षा के लिए स्वाभिमान जागृत किया । उनमें से ही आगे चलकर तानाजी और सूर्याजी जैसे शूरवीर बने । चातुर्य और कुशलता के बल पर उन्होंने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की । आज हमें भी उसी नीति का अनुसरण करना पडेगा; क्योंकि आज भारत पर कट्टरपंथी जिहादी, ईसाई मिशनरी, राष्ट्रविरोधी कम्युनिस्ट और भ्रष्टाचारी आदि का आक्रमण चल रहा है । उसका एक ही उत्तर है और वह है छत्रपति शिवाजी महाराज का मार्ग ! शिवाजी महाराज की नीतियों का अनुसरण कर देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए हम सभी को संगठित होना पडेगा ।
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘शिवराज्याभिषेक दिवस’ के उपलक्ष्य में 6 जून को ‘छत्रपति शिवाजी महाराज का हिन्दू राष्ट्र’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद का आयोजन किया गया था । इस अवसर पर ‘सुदर्शन न्यूज’ के अध्यक्ष और प्रमुख संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी और समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने भी उपस्थित दर्शकों को संबोधित किया । कार्यक्रम के आरंभ में सनातन संस्था के पू. रमानंद गौडाजी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति पर पुष्पहार अर्पण किया । कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने हिन्दू राष्ट्र के लिए सक्रिय रहने की शपथ ली । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुमित सागवेकर ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया । ‘फेसबुक’ और ‘यू-ट्यूब’ के माध्यम से सीधा प्रसारित यह कार्यक्रम 42 हजार लोगों ने प्रत्यक्ष देखा तथा 1 लाख 7 हजार लोगों तक यह कार्यक्रम पहुंचा ।
छत्रपति शिवाजी महाराज ‘सेक्युलरवादी’ नहीं, अपितु खरे हिन्दू धर्मरक्षक ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे
समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने प्रतिपादित किया कि व्यक्तिगत जीवन में छत्रपति शिवाजी महाराज धर्मपरायण थे तथा उनका राजधर्म भी सनातन हिन्दू धर्म के मूल्यों पर आधारित था । वे ‘सेक्युलरवादी’ नहीं, अपितु हिन्दू धर्मरक्षक थे । छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक समारोह वैदिक पद्धति से संपन्न हुआ था । काशी के ब्राह्मणों द्वारा राज्याभिषेक, अष्टप्रधान मंडल की रचना, संस्कृत में राजमुद्रा, विदेशी शब्द हटाने के लिए राजव्यवहारकोष, श्री रायरेश्वर के मंदिर में हिन्दवी स्वराज्य की शपथ लेना आदि कृत्य क्या कभी ‘सेक्युलर’ विचारधारा का राजा करेगा ? इससे यही सिद्ध होता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज हिन्दू साम्राज्य के सम्राट और हिन्दू धर्मरक्षक थे ।
हिन्दुओं पर अन्याय करनेवाली संविधान की व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए संघर्ष करें ! – सुरेश चव्हाणके
‘सुदर्शन न्यूज’ के संस्थापक-संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके ने आवाहन किया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की; परंतु स्वतंत्रता के पश्चात हम महाराज को अपेक्षित राष्ट्र बनाने में बहुत कम पडे । स्वतंत्रता के पश्चात हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा को छोड दिया गया । इसलिए आज देशभर में अनेक स्थानों पर धर्मांधों द्वारा हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, अनेक ‘मिनी पाकिस्तान’ बन गए हैं । यह छत्रपति शिवाजी महाराज को अपेक्षित नहीं है । जब देश में हिन्दुत्व और राष्ट्रीयत्व से भारित वातावरण बनता है, तब हिन्दूविरोधी जनप्रतिनिधियों को भी ‘हिन्दू कार्ड’ खेलना पडता है । यह ध्यान में रखकर हिन्दुओं पर अन्याय करनेवाली संविधान की व्यवस्थाओं में सुधार करने के लिए जनमत का रेला निर्माण करना आवश्यक है ।
चलचित्र तथा धारावाहिकों में शिवाजी महाराज की सेना में अनेक मुसलमान दिखाकर विकृतीकरण ! – रमेश शिंदे
छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में अनेक मुसलमान थे, बार-बार हिन्दुओं के मन पर ऐसा अंकित कर महाराज को ‘सेक्युलर’वादी कहा जा रहा है । तब इस तर्क के अनुसार औरंगजेब की सेना में भी हिन्दू सरदार थे; क्या इसलिए औरंगजेब को ‘सेक्युलर’ कह सकते हैं ? स्वयं छत्रपति संभाजी महाराज ने 27 अगस्त 1680 को दिए हुए दानपत्र में शिवाजी महाराज का उल्लेख ‘म्लेच्छक्षयदीक्षित’ इस प्रकार किया है । छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वयं के बंधु व्यंकोजीराजे को सितंबर 1677 में लिखे पत्र में उनकी सेना में मुसलमान सैनिकों को भरने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है । छत्रपति शिवाजी महाराज ने धर्मांतरण करनेवाले गोवा के पादरियों का शिरच्छेद किया था । बलपूर्वक मुसलमान बनाए गए नेताजी पालकर और अन्य धर्मांतरितों का पुनः शुद्धीकरण कर उन्हें हिन्दू धर्म में प्रवेश दिया गया था । छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तव में हिन्दू राजा थे, तब भी वर्तमान में धारावाहिक, चलचित्र आदि माध्यमों से शिवचरित्र के प्रसंग दिखाते समय मुसलमानों का उदात्तीकरण किया जाता है । यह विकृत इतिहास रोकने की आवश्यकता है, श्री. शिंदे ने ऐसा भी कहा ।