गोहत्या रोकने के लिए कठोर अध्यादेश लानेवाली उत्तर प्रदेश की ‘योगी सरकार’ का अभिनंदन !
उत्तर प्रदेश की ‘योगी सरकार’ ने गोहत्या रोकने के लिए नया अध्यादेश जारी किया है । इसके अनुसार गोहत्या करनेवालों को 10 वर्ष का कारावास और 5 लाख रुपए दंड होगा । ‘योगी सरकार’ का यह निर्णय अत्यंत सराहनीय है, हिन्दू जनजागृति समिति इसका स्वागत करती है ! हाल ही में केरल में एक गर्भिणी हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिलाया गया था, जिससे वह गंभीररूप से घायल हुई और अंत में तडप-तडप कर मर गई । इस घटना को दो ही दिन बीते होंगे कि हिमाचल प्रदेश में गाय को विस्फोटक खिलाया गया, जिससे वह गंभीररूप से घायल हुई । देश में प्राणियों और गोमाता पर होनेवाले अत्याचार तथा हत्याएं रोकने के लिए कठोर कानून नहीं है । इसीलिए, क्रूरतापूर्ण अमानवीय कृत्य करने का दुस्साहस बढ रहा है । इतना ही नहीं, अनेक गोरक्षकों की दिन दहाडे हत्या हो रही है । अनेक बार जांच में ढिलाई बरतते हुए पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी धर्मांध कसाईयों की सहायता करता है । ऐसी स्थिति में, उत्तर प्रदेश सरकार ने जो यह अध्यादेश जारी किया है, वह गोरक्षा के लिए अर्थात संतों-महंतों, हिन्दुत्वनिष्ठों, गोरक्षकों से सर्वसामान्य गोप्रेमियों तक सबके लिए आशा की एक किरण है । गोमाता की रक्षा के लिए केवल उत्तर प्रदेश नहीं, अपितु पूरे देश में ऐसा कठोर कानून लागू हो, यह मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने की है ।
वर्ष 1947 में 90 करोड देशी गोधन था, जो अब घटकर 2-3 करोड रह गया है । आज देश के 29 राज्यों में केवल 20 में गोहत्या के विरुद्ध नियम बने हैं; परंतु इन कानूनों में दंडव्यवस्था कठोर न होने के कारण गोहत्यारों को भय नहीं लगता । अधिकतर प्रकरणों में अभियुक्त जमानत पर तुरंत छूट जाते हैं और पुनः वही कानून विरोधी कृत्य करने लगते हैं । अनेक स्थानों पर पशुवधगृहों और वाहनों पर पुलिस और गोरक्षकों ने मिलकर छापे मारे । तब, बडी मात्रा में गोमांस जप्त हुआ । परंतु, इसके आगे कोई कार्यवाही नहीं होती । यदि यह रोकना है, तो राष्ट्रीय स्तर पर सभी राज्यों के लिए एक कठोर कानून बनाना आवश्यक है । उसी के साथ गोपालन के लिए गोमूत्र, गोबर, पंचगव्य आदि से बननेवाले उत्पादों को तथा गो-चिकित्सा को बढावा देना चाहिए । इस विषय में बडी मात्रा में शोध की और अन्य विशेष योजनाएं चलाने की आवश्यकता है । इसके लिए स्वतंत्र ‘गो-मंत्रालय’ स्थापित हो, यह मांग समिति ने की है ।
गोहत्या पर 10 वर्ष का कारावास, 5 लाख का जुर्माना : गोवंश संरक्षण के लिए सख्त हुई योगी सरकार
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गोहत्या पर पूर्ण लगाम लगाने के लिए ‘Cow-Slaughter Prevention (Amendment) Ordinance, 2020’ को पास कर दिया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘उत्तर प्रदेश गो वध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020’ को मंजूरी दे दी गई। दरअसल, योगी सरकार ने 1956 में लागू हुए गोवध निवारण अधिनियम में बदलाव किया है। इसमें संशोधन कर के इसे और सख्त बनाया गया है।
इससे पहले गोहत्या के आरोपित 7 साल के कारावास की सज़ा के प्रावधान के कारण जमानत पाने में सफल हो जाते थे। इसे ध्यान में रखते हुए सज़ा को अधिकतम 10 साल कर दिया गया है। साथ ही गोहत्या पर लगने वाले जुर्माने को भी 3 लाख रुपए से बढ़ा कर 5 लाख रुपए कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में अब जो भी गोहत्या या जो-तस्करी में संलिप्त होगा, उसके फोटो भी सार्वजनिक रूप से चस्पाए जाएँगे। मंगलवार (जून 9, 2020) को यूपी कैबिनेट ने ये फ़ैसला लिया।
इसके अलावा अवैध परिवहन से गो-तस्करी में लिप्त लोगों को पकड़े जाने के बाद वाहन चालक और तस्करी में शामिल लोग, बल्कि वाहन के मालिक के खिलाफ भी मुकदमा चलाया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि गोकशी की घटनाओं को पूर्णतः रोकना उसका लक्ष्य है और गोवंशीय जानवरों के संरक्षण के लिए ये फ़ैसला लिया गया है। इससे पहले इस अधिनियम की नियमावली में 1964 और 1979 में संशोधन किया जा चुका है।
गोहत्या पर अब दस साल की कैद
पाँच लाख तक जुर्माना, गो-वध निवारण अध्यादेश में संशोधन को मंजूरी
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— Government of UP (@UPGovt) June 10, 2020
एक और ख़ास प्रावधान ये है कि अगर कोई आरोपित इन अपराधों में दोबारा लिप्त पाया जाता है तो सज़ा भी दोगुनी मिलेगी। अर्थात, 20 वर्ष की क़ैद भुगतनी पड़ेगी और 10 लाख बतौर जुर्माना वसूला जाएगा। इस अधिनियम में 1958, 61, 79 और 2002 में इससे पहले संशोधन किया जा चुका है। इन सबके बावजूद प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से गोवंशीय पशुओं की तस्करी और हत्या की वारदातें सामने आती रहती थीं। इसीलिए इसे सख्त बनाया गया।
सबसे बड़ी बात ये है कि इस अधिनियम में भी योगी सरकार ने आरोपितों से ख़र्चा वसूलने वाली सोच पर अमल किया है। गो-तस्करी में लिप्त पाए गए आरोपितों से उन गायों के एक वर्ष के भरण-पोषण का ख़र्च भी वसूला जाएगा। सरकार ने लगातार इन अपराधों के सम्बन्ध में मिल रही शिकायतों के कारण ये क़दम उठाया है। अगर कोई व्यक्ति गोवंश को नुकसान पहुँचाने के इरादे से उसे भोजन-पानी नहीं देता है तो वो भी 1 वर्ष के लिए जेल जाएगा।
अभी तक गोवंश के परिवहन के दौरान किसी भी प्रकार की सज़ा का प्रावधान नहीं था। ताज़ा प्रावधान के बाद गोवंशीय पशुओं के अनियमित परिवहन पर रोक लगेगी, ऐसी उम्मीद जताई गई है। गोवंश से संबंधित अपराधों के आरोपितों के मोहल्ले में ही इनके नाम के साथ फोटो चस्पाई जाएगी। इससे पहले सरकार बनने के तुरंत बाद योगी सरकार ने गोहत्या को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया था। योगी सरकार के ताज़ा फ़ैसले का हिंदूवादी संगठनों ने स्वागत किया है।