‘देहली दंगे’ और ‘शाहीनबाग आंदोलन’ शहरी नक्सलवादियों और जिहादियों का देशविरोधी षड्यंत्र ! – कपिल मिश्रा, पूर्व विधायक, देहली
जिले का नाम – भारतीय संसद से केवल 10 किलोमीटर दूर हिंसक आंदोलन कर भारत में ‘इस्लामी शासन’ लागू करने हेतु भडकाऊ भाषण किए गए । विदेशी धन के बल पर अनेक पुलिसकर्मियों को लक्ष्य बनाया गया, अनेक हिन्दुओं की हत्या की गई, ‘सीएनजी’ की अनेक बसें जलाकर उसके द्वार विस्फोट करने की बडी योजना बनाई गई । इन दंगाईयों का समर्थन करने का काम देश के आधुनिक और वामपंथी विचारों के पत्रकार, प्रसारमाध्यम, अधिवक्ता, लेखक, विचारक आदि ने किया । देहली दंगे और शाहीनबाग आंदोलन शहरी नक्सलवादियों और जिहादियों द्वारा भारत में अराजकता फैलाने के लिए नियोजनपूर्वक किया गया बडा देशविरोधी षड्यंत्र था । जो अब ‘आम आदमी पार्टी’ के पार्षद ताहिर हुसैन द्वारा देहली दंगों में सम्मिलित होने की स्वीकृति देने के कारण स्पष्ट हो गया है, यह तथ्य देहली के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने उजागर किया । वे नवम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में बोल रहे थे ।
यह ‘ऑनलाइन’ अधिवेशन हिन्दू जनजागृति समिति के ‘यू-ट्यूब’ चैनल और ‘हिन्दू अधिवेशन’ इस ‘फेसबुक पेज’द्वारा लाइव प्रसारित हो रहा है 56 हजार से अधिक लोगों ने इसका सीधा प्रसारण देखा, जबकि 2 लाख से अधिक लोगों तक यह विषय पहुंचा । इस समय मुंबई स्थित ‘लष्कर-ए-हिन्द’ के संस्थापक अध्यक्ष श्री. ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल ने ‘अर्बन नक्सलवाद : समस्या और उपाय’ इस विषय पर बोलते हुए शहरी नक्सलवादियों के षड्यंत्र की कलई खोल दी और हिन्दुओं को संगठित रूप से प्रतिकार करने का आवाहन किया, जबकि हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्वी एवं उत्तरपूर्वी भारत मार्गदर्शक पू. नीलेश सिंगबाळ जी ने ‘हिन्दू राष्ट्र का प्रसार करने हेतु चलाए जानेवाले उपक्रम’ इस विषय पर बोलते हुए हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु किस प्रकार प्रसार करें, इस विषय में प्रभावी मार्गदर्शन किया ।
‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता एवं दिशा’ परिसंवाद में मान्यवरों का हिन्दू राष्ट्र विचार मंथन !
आज समानता और धर्मनिरपेक्षता इन सिद्धांतों का उल्लेख कर शासन हिन्दुओं के मंदिरों का अधिग्रहण करता है; परंतु किसी भी मस्जिद अथवा चर्च का अधिग्रहण नहीं करता । हिन्दुओं को धार्मिक यात्राओं के लिए अनुदान नहीं दिया जाता; परंतु हज यात्रा के लिए करोडों रुपयों का अनुदान दिया जाता है । हिन्दुओं को धार्मिक शिक्षा देने का अधिकार नहीं है; परंतु अल्पसंख्यकों को धार्मिक शिक्षा के लिए अनुदान दिया जाता है । यह बहुसंख्यक हिन्दुओं पर किया गया घोर अन्याय है । यह अन्याय दूर करने हेतु हिन्दू राष्ट्र-स्थापना की आवश्यकता है, ऐसा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने इस समय कहा ।
इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता तथा ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता एड्. विष्णु शंकर जैन ने कहा, हिन्दू राष्ट्र की मांग संवैधानिक ही है; क्योंकि भारत के मूल संविधान की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्ष (सेक्युलर) और समाजवाद ये दोनों शब्द नहीं थे । आपातकाल में विरोधी दल जब जेल में था, उस समय बिना किसी चर्चा के असंवैधानिक रूप से ये शब्द संविधान में जोडे गए । जैसे जोडे जा सकते हैं, वैसे ही वे निकाले भी जा सकते हैं । इस समय विचारक और लेखक श्री. विकास सारस्वत ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा, हमें सर्वप्रथम शिष्य बनना होगा ।