ढोंगी बाबाओं का चेहरा सामने लाने के लिए क्या इन्हें केवल हिन्दू बाबा ही मिले ? ऐसी ही फिल्म किसी पादरी या मौलवी को लेकर भी कर सकते थे । किंतु बॉलीवूड का काम तो केवल हिन्दुओं को बदनाम करना है । ऐसी फिल्मों का हिन्दुओं ने संगठित विरोध कर इसपर प्रतिबन्ध की मांग करनी चाहिए ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
बॉलीवुड का हिन्दूफोबिया थमता नहीं दिख रहा है। अभी महेश भट्ट की ‘सडक-2’ को लेकर विवाद समाप्त भी नहीं हुआ था कि, प्रकाश झा की नई सीरीज ‘आश्रम’ का ट्रेलर सामने आया है। इसमें वे एक हिन्दू बाबा को विलेन बना कर आस्था और अपराध के संयोग को दिखाने का दावा कर रहे हैं।
इस सीरीज में मुख्य भूमिका बॉबी देओल की है, जिन्होंने एक बाबा का किरदार निभाया है। इसके ट्रेलर की शुरुआत में ही बाबा का भव्य आश्रम दिखाया जाता है, जहां वो कह रहा होता है, “एक रूप, महास्वरूप ! मैं आप सबको मोक्ष की राह पर लेकर जाऊंगा। जापनाम ! जापनाम !” इसके बाद बाबा और आश्रम की भव्यता और जनता में उनके प्रभाव को लेकर ये दिखाया जाता है कि अंधविश्वासी है।
ट्रेलर में ‘हमारे देश में जब लोग विश्वास करना शुरू करते हैं तो बाढ सी आ जाती है” डायलॉग के जरिए ये दिखाने की कोशिश की गई है कि हिन्दुओं में साधु-संतों के सारे शिष्य या अनुयायी मूर्ख होते हैं। बाबा को अलग-अलग तरीके से दिखाया गया है। बाबा को सिंहासन पर बैठे और लोगों को उनके पांव छूते दिखाया गया है। एक व्यक्ति कहता है कि, जब तक बाबा जैसे लोग हैं, हमारे समाज को आगे जाने से कोई नहीं रोक सकता।
इसके बाद फिर बॉलीवुड के उसी घिसे-पिटे ढर्रे पर चलते हुए कहानी में कुछ राजनेताओं की एंट्री होती है और बाबा के बारे में राजनीतिक हलकों में चर्चा होती है। साथ ही बाबा के डायलॉग ‘मैं उपदेश नहीं, सन्देश देता हूं – शांति का‘ के जरिए उसे डरावना दिखाने का प्रयास किया गया है। इसके बाद बाबा को ‘गॉडमैन’ की जगह ‘कॉनमैन’ कह कर बताया गया है कि वो कितना बडा अपराधी है।
दिलचस्प बात ये है कि बाबा को दिखाया तो गया है सूफी वाले पहराव में लेकिन आश्रम में यज्ञाग्नि, शुद्ध हिंदी और उसके अनुयायियों को देख कर स्पष्ट पता चलता है कि ये सीरीज हिन्दुओं और हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने के लिए बनाई गई है। इसके बाद बाबा को बलात्कारी और खूनी दिखाया जाता है। 9 लडकियां गायब होती हैं और बाबा को अव्वल दर्जे का व्यभिचारी दिखाया जाता है, जो बलात्कार कर के लडकियों का खून कर देता है।
साथ ही बताया गया है कि आश्रम में आने वाली लडकियों का बलात्कार किया जाता है और फिर मार डाला जाता है। इसके बाद ‘भक्ति और भ्रष्टाचार’ जैसे टैगलाइन्स देकर बाबा को ज्यादा से ज्यादा बुरा दिखाने की कोशिश होती है। जल अर्पण करती महिलाओं से लेकर बाबा के बोलचाल तक, स्पष्ट पता चलता है कि ये हिन्दुओं को बदनाम करने की साजिश है। ये सीरीज एमेक्स प्लेयर पर २८ अगस्त को रिलीज होगी।
बॉलीवुड में अक्सर पंडितों और साधु-संतों को धोखेबाज और बलात्कारी दिखाया जाता रहा है, जबकि मुस्लिम किरदारों को ईमानदार और देश के लिए मर-मिटने वाला प्रदर्शित किया जाता रहा है। इसी तरह ‘सड़क-2’ में भी महेश भट्ट एक ऐसी कहानी लेकर आ रहे हैं, जिसमें एक साधु को बुरा दिखाया जाएगा और उसके काले कृत्यों का खुलासा किया जाएगा। इसमें भी एक डरावने बाबा को विलेन दिखाया गया है। फ़िलहाल इसका ट्रेलर यूट्यूब पर डिसलाइक का रिकॉर्ड बना रहा है।
स्त्रोत : opindia