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मानचित्र का विकृतिकरण रोकें !

देश में हाल ही में संपन्न स्वतंत्रतादिवस के उपलक्ष्य में कुछ समाजविरोधियों ने विशेषरूप से राजनेताआें द्वारा जनता को शुभकामनएं देने के संदर्भ में एक अलग ही गंभीर पद्धति सामने आई । पहली घटना में गोवा प्रदेश महिला कांग्रेस समिति की अध्यक्ष प्रतिमा कुतिन्हों ने सामाजिक माध्यमों में भारत के स्वतंत्रतादिवस के उपलक्ष्य में शुभकामनाएं देनेवाली पोस्ट प्रसारित करते समय उसमें भारत का मानचित्र कश्मीर के बिना दिखाया । दूसरी एक घटना में अलपुजा (केरल) की कांग्रेस की ही विधायक शनिमोल उस्मान ने स्वतंत्रता दिवस के दिन फेसबुकपर पोस्ट कर शुभकामनाएं देते समय भारत के मानचित्र से कश्मीर को हटाया । केवल इतना ही नहीं, अपितु उस मानचित्र में राष्ट्रध्वज और अशोकचक्र को अलग दिखाया । तिसरी घटना में प्रसिद्ध केशरचनाकर्ता जावेद हबीब ने अपने केशकर्तनालय के विज्ञापन में भारत के मानचित्र में जम्मू-कश्मीर को नहीं दिखाया । इससे पूर्व भी जावेद हबीब के केशकर्तनालय के एक विज्ञापन में हिन्दुआें के देवता उनके केशकर्तनालय में अपने केश कटवाने आए हैं, ऐसा दिखाया गया था । जिसके पश्‍चात उन्हें क्षमा भी मांगनी पडी थी । उक्त सभी घटनाआें में समानता यह है कि ये सभी अल्पसंख्यक समुदाय के हैं । उनमें से २ घटनाआें में समानता यह है कि ये दोनों महिलाएं कांग्रेस की नेता हैं । आजतक कांग्रेस ने अपना संपूर्ण कार्यकाल अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण में खर्च किया है । उसके आड से उसने देशपर अनेक दशकोंतक राज्य किया । ‘अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय हो रहा है, उनकी आवाज दबाई जा रही है और लोकतंत्र संकट में है’, ये आक्रोश कांग्रेस सदैव ही करती आई है; परंतु ऐसा करते समय क्या उसने की उक्त प्रवृत्तियों को उनके राष्ट्रकर्तव्य का कभी भान कराया है ? कांग्रेस ऐसा करती, तो आज यह चित्र देखना नहीं पडता । ऐसे लोगों को उसका भान करा देना अथवा उनके विरुद्ध दल के अंतर्गत कार्यवाही करना तो दूर ही रहा; परंतु इस प्रकार खुलेआम राष्ट्रद्रोह करनेवालों को कांग्रेस ने भी समझाया भी हो, ऐसा कभी सुनने में नहीं आया है । संपूर्ण देश के कांग्रेस के एक भी नेता ने प्रतिमा कुतिन्हो और शनिमोल उस्मान की निंदा नहीं की है । इससे यही अर्थ निकलता है कि कश्मीर को हटाए गए इन मानचित्रों के लिए कांग्रेसियों का समर्थन है ।

कांग्रेस के कारण ही भारतीय भूभाग पाकिस्तान और चीन के नियंत्रण में !

वास्तव में कांग्रेस के कारण ही कश्मीर का बहुत बडा भूभाग पाकिस्तान और चीन ने हडप लिया है । विगत ६ दशकों से कांग्रेस ने इस भूभाग को वापस लेने के लिए कुछ भी नहीं किया । जो कांग्रेस अपने सत्ताकाल में देश का इतना बडा भूभाग शत्रुराष्ट्र के नियंत्रण में जाकर भी उसके संदर्भ में एक शब्द भी नहीं बोलती, वह कांग्रेस देश के मानचित्र में देश के भूभाग को हटानेवाले अपने नेताआें के ंसंदर्भ में क्या बोल सकती है ?, यह भी एक सच्चाई ही है । आजकल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भाजपा ने ही भारतीय भूभाग को चीन के हाथ में देने का हास्यास्पद आरोप लगा रहे हैं, तथापि अपने ही दल के विधायकों ने देश के मानचित्र में संपूर्ण कश्मीर को ही पाकिस्तान के हाथ में सौंपे जाने के संदर्भ में राहुल गांधी चुप क्यों हैं ?, यह वास्तविक प्रश्‍न है । स्वयं के कृत्य के लिए कुतिन्हो ने क्षमा तो मांगी; परंतु क्या इतने बडे राष्ट्रद्रोह के लिए केवल २ शब्दों में क्षमा मांगना पर्याप्त है ?, इसपर भी विचार होना चाहिए । केरल की विधायक उस्मान ने तो अभीतक क्षमा मांगने का परिश्रम भी नहीं उठाया है । इसका अर्थ उनका कृत्य अनुचित है, ऐसा उन्हें नहीं लगता । इसके साथ ही जावेद हबीब ने भी क्षमा मांगी है, ऐसा सुनने में नहीं आया है ।

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से शिकायत प्रविष्ट

मानचित्र में कश्मीर न दिखाने का का अर्थ ‘कश्मीर हमारा नहीं है’, यह स्वीकार करने जैसा है । इस भूभाग को शत्रुराष्ट्र पाकिस्तान को सौंपने की इच्छा ही इससे दिखाई देती है । ऐसे लोग पाकिस्तान का काम सरल बना रहे हैं । मानचित्र के कश्मीर को हटाए जाने के प्रकरण में हिन्दू जनजागृति समिति ने प्रतिमा कुतिन्हो और जावेद हबीब हेयर स्टुडिओ’ के विरुद्ध पुलिस थाने में शिकायत प्रविष्ट की है । केरल की विधायक शनिमोल उस्मान के इस कृत्य के विरुद्ध केरल के ही राष्ट्रप्रेमी श्री. बिनील सोमसुंदरम् ने ‘प्रिवेंशन ऑफ इन्सल्ट टू नैशनल ऑनर एक्ट’ के अंतर्गत मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेश से शिकायत कर विधायक उस्मान के विरुद्ध विधिजन्य कार्यवाही करने की मांग की है । वास्तव में भाजपा सरकार को स्वयं ही ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करना अपेक्षित था; परंतु भाजपा के गोवा के केवल एक ही नेता ने कुतिन्हो का विरोध किया । जावेद हबीब और शनिमोल उस्मान प्रकरण में भाजपा द्वारा किसी भी प्रकार से निंदा किए जाने का सुनने में नहीं आया है । इसके कारण ही उक्त राष्ट्रद्रोही प्रवृत्तियों को खुली छूट मिलती है और वो ऐसे कृत्य करते रहते हैं । भाजपा नेताआें के लिए केवल निंदा करना अथवा आलोचना करना अपेक्षित नहीं है, अपितु सरकार को ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए बाध्य बनाने अपेक्षित है । आजतक क्रमिक पुस्तकों से लेकर अनेक व्यक्तियों द्वारा विविध घटनाआें में देश के मानचित्र से कश्मीर को हटाने की चूक हुई है; परंतु तब भी इसके कारण आजतक एक भी व्यक्ति के विरुद्ध तुरंत कार्यवाही की गई हो, ऐसा सुनने में नहीं आया है । वास्तव में केंद्र की राष्ट्रवादी सरकार को यह राष्ट्रद्रोह कदापि सहन नहीं करना चाहिए; क्योंकि ऐसा किया, तो एक ओर हम ही स्वतंत्रता दिवस के दिन देश के लिए बलिदान देनेवाले क्रांतिकारियों को श्रद्धांजली देते हैं, तो दूसरी ओर देश का भूभाग शत्रुराष्ट्र को सौंपनेवालों का राष्ट्रद्रोह हम सहन करते हैं, ऐसा होगा । यह क्रांतिकारियों का घोर अनादर है । कोई भी उठता है और कभी क्रांतिकारियों का, तो कभी हिन्दू देवताआें का अनादर करता है; यह चित्र सरकारी तंत्रों के लिए, साथ ही देशवासियों के लिए लज्जाप्रद है । इसे बदलना ही पडेगा । राष्ट्र एवं धर्म के विरुद्ध ऐसे कृत्य करनेवालों के विरुद्ध सरकार को कठोर कार्यवाही कर उन्हें कारागार में बंद कर देना चाहिए, तभी जाकर ऐसे दुष्कृत्य करनेवालों का साहस कोई नहीं दिखाएगा ।

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