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पश्‍चिम महाराष्ट्र एवं गोवा राज्य के युवा साधकों के लिए ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन

युवकों, आदर्श हिन्दू संगठक बनने हेतु अल्पायु में ही साधना कर धर्म की रक्षा कीजिए – सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

पुणे : अब कोरोना महामारी के साथ ही प्राकृतिक आपदाएं आनी आरंभ हुई हैं । इसके साथ ही हम तीसरे विश्‍वयुद्ध की दहलीजतक भी पहुंच गए हैं । इस भीषण संकटकाल में जीवित रहने हेतु हमें साधना करना आवश्यक है । इस शिविर में सम्मिलित युवकों को अल्पायु में ही साधना समझ में आई है, यह प्रशंसनीय है । अनेक संत और क्रांतिकारियों ने अल्पायु में ही साधना कर धर्म की रक्षा की है, साथ में हमें हिन्दूसंगठन करना है । अब विद्यालय-महाविद्यालय कब आरंभ होंगे, यह कह नहीं सकते । अतः इसके आगे आप अपना समय व्यर्थ न कर साधना के लिए अधिकाधिक समय दीजिए और हिन्दू राष्ट्र स्थापना के केवल साक्षी ही नहीं, अपितु भागीदार बनिए । सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु (श्रीमती) स्वाती खाडयेजी ने यह मार्गदर्शन किया । सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त आयोजन में हाल ही में पुणे, सोलापुर, सातारा, सांगली, कोल्हापुर एवं गोवा राज्य के युवा साधकों के लिए ऑनलाइन कार्यशाला ली गई । उसमें मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रही थीं ।

युवा साधकों में संघभाव बढे और वे संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में सम्मिलित हों, इसके लिए इस कार्यशाला को ‘संघे शक्तिः कलौ युगे’ । (कलियुग में संगठन में ही सामर्थ्य होता है) नाम दिया गया था । इस कार्यशाला का सूत्रसंचालन हिन्दू जनजागृति समिति की कु. प्राची शिंत्रे ने किया । श्री. कौशल कोठावळष ने कार्यशाला का उद्देश्य बताया । इस कार्यशाला में १९० से अधिक युवा साधकों ने भाग लिया । इस अवसर पर सम्मिलित युवा साधकों ने कार्यशाला से प्रेरणा लेकर धर्मकार्य करने का निश्‍चय किया ।

उपलब्ध समय का उचित उपयोग कर अपने मित्रोंको साधना के प्रवाह में लाने का प्रयास कीजिए ! – मनोज खाडये, कोंकण, पश्‍चिम महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

अनेक देश अपनी-अपनी सीमा पर सैनिकों की नियुक्ति बढा रहे हैं । यह तीसरे विश्‍वयुद्ध की आहट है । इस युद्ध के परिणाम में भयंकर होनेवाले हैं । इसके उपरांत के समय में युवा वर्ग अपना दायित्व समझ लेकर हिन्दू राष्ट्र स्थापना की कार्य में सम्मिलित हों । उनके लिए यह स्वर्णिम अवसर है । अतः उपलब्ध समय का उचित उपयोग कर अपने मित्रों को भी साधना के प्रवाह में लाने हेतु प्रयास करें । आधुनिक विज्ञान मन की भययुक्त स्थितिसे बाहर निकलने का मार्ग नहीं सिखा सकता । विद्यालयीन अध्ययन करते समय हम जिस प्रकार अच्छे अंक प्राप्त होने हेतु समर्पितभावना से प्रयास करते हैं, उसी प्रकार हम स्वयं को हिन्दू राष्ट्र के कार्य में समर्पित होकर इस स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाएंगे । इसके साथ ही हमें साधना की गुणवत्ता को बढाने हेतु प्रतिदिन करने चाहिएं ।

सामाजिक माध्यमों के द्वारा समाजतक हिन्दू राष्ट्र का विचार पहुंचाने का प्रयास कीजिए ! – सम्राट देशपांडे, हिन्दू जनजागृति समिति

प्रसारमाध्यम हिन्दुओं के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज नहीं उठाते; परंतु सामाजिक माध्यमों के द्वारा हिन्दू राष्ट्र के विचार समाजतक पहुंचाए जा सकते हैं । अतः हम वॉट्स एप, फेसबुक और ट्वीटर जैसे माध्यमों से हिन्दुओं में जागृति लाने का प्रयास करेंगे ।

विशेषतापूर्ण

१. इस कार्यशाला में सम्मिलित ५ युवा साधकों ने पूर्णकालीन साधना करने का निश्‍चय किया, तो अन्य युवा साधकों ने व्यष्टि एवं समष्टि सेवा के लिए अधिक समय देने का निश्‍चय किया ।

२. कार्यशाला में सम्मिलित ३३ युवा साधकों ने प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण लेकर उससे संबधित सेवा करने का निश्‍चय व्यक्त किया ।

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