शिवसेना-भाजपा गठबंधन शासन के काल में आरंभ की गई ‘महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन निगम’ की ‘विठाई’ बस सेवा लोकप्रिय हुई और उसका पूरे राज्य में विस्तार किया गया । भगवान विठ्ठल के नाम से आरंभ की गई यह बस सेवा प्रशंसनीय है । इस माध्यम से शासन ने वारकरियों की श्रद्धा का सम्मान किया है; परंतु विगत कुछ दिनों से हमें इस बस के सामने के भाग में लगे भगवान विठ्ठल के चित्र पर धूल, थूक के धब्बे, कीचड के धब्बे दिखाई देने लगे, यह एक प्रकार से श्री विठ्ठल के चित्र का अनादर ही है । असावधानीवश ही क्यों न हो, श्री विठ्ठल की प्रतिमा मलिन हो रही है । यह श्री विठ्ठल का अनादर है । यह अनादर रोकने के लिए ‘विठाई’ बस के बाहर लगाए गए श्री विठ्ठल के चित्र तत्काल हटाए जाएं, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने की है । इस पर उपाय के रूप में श्री विठ्ठल का चित्र प्रत्येक बस के भीतरी भाग में लगाकर प्रतिदिन उस चित्र का पूजन कर उसकी पवित्रता बनाएं रखें, ऐसी विनती रूपी सुझाव भी समिति ने दिया है ।
इस संदर्भ में राज्य के परिवहन मंत्री श्री. अनिल परब, परिवहन सचिव, सोलापुर जिले के पालकमंत्री और सोलापुर के जिलाधिकारी को आज निवेदन दिया गया है । इस निवेदन में कहा है कि, बस के यात्री जानबूझकर यह अनादर नहीं करते । असावधानीवश ही सही, खिडकियों से बाहर थूकना, कुल्ला करना, मुंह धोना, उल्टी करना इत्यादि कृत्य करते समय भगवान विठ्ठल के चित्र पर उसके छींटे उडते हैं । साथ ही अभी वर्षाऋतु होने के कारण अनेक बार सडकों का कीचड भी भगवान विठ्ठल पर उडता है । प्रतिदिन जिस विठ्ठल की पूजा की जाती है, उन्हें गंदगी में लिप्त देखना अत्यंत वेदनादायी है ।
अध्यात्म शास्त्रानुसार, ‘शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध और उससे संबंधित शक्ति एकत्रित होती है’, अर्थात ‘जहां देवता का नाम और रूप (अर्थात चित्र) है, वहां देवता की शक्ति कार्यरत होती है (अर्थात प्रत्यक्ष देवता ही होते हैं ।)’ इसलिए जहां श्री विठ्ठल का चित्र है, वहां साक्षात भगवान विठ्ठल ही हैं; इसलिए ‘विठाई’ बस के बाहर लगाई गई श्री विठ्ठल की प्रतिमा का अनादर तत्काल रोका जाए, ऐसा विनतीपूर्वक आवाहन समिति ने किया है ।