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प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों के विरोध में स्वदेशी एक ‘कू’ के अभियान का प्रचुर मात्रा में प्रत्युत्तर !

  • अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री, नेता एवं खिलाडी भी सहभागी !
  • प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों का उपयोग न करने का आवाहन !

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से विगत १६ से भी अधिक वर्षों से प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों का उपयोग न करने हेतु चलाए जा रहे उद्बोधक अभियान ने आज राष्ट्रीय स्वरूप ले लिया है, इसके लिए समिति की जितनी प्रशंसा की जाए, अल्प ही है !

नई देहली : प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों के उपयोग के विरोध में चलाए जा रहे अभियान का स्वदेशी ‘कू’ एप पर अच्छा प्रत्युत्तर प्राप्त हो रहा है । इस एप पर कुछ मुख्यमंत्री, मंत्री, नेता, खिलाडी एवं प्रसिद्ध व्यक्तियों ने प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों का उपयोग न करने की शपथ ली, साथ ही जनता से कागद एवं कपडे से बने राष्ट्रध्वजों के उपयोग का आवाहन किया गया । #SayNoToPlasticTiranga एवं #PledgeOnKoo नाम से हैशटैग (किसी एक विषय पर चर्चा करवाना) भी चलाया गया और ट्रेंड (चर्चा में बना रहा विषय) चलाए गए ।

१. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके खाते से यह आवाहन करते हुए कहा कि पर्यावरण की रक्षा एवं राष्ट्रहित हेतु प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों का उपयोग न करने की शपथ लें और प्लास्टिकमुक्त भारत बनाने का प्रयास कीजिए ।

२. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी इस एप पर कागद एवं कपडे से बने राष्ट्रध्वजों का उपयोग करने का आवाहन किया ।

३. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कार्यालय के खाते से भी देश को स्वच्छ रखने हेतु प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों का उपयोग टालने का आवाहन किया गया ।

४. हिमाचार प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन्. बीरेन सिंह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लवकुमार देव, छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, राजस्थान के पर्यावरणमंत्री सुखराम बिश्‍नोई, लोकजनशक्ति दल के चिराग पासवान एवं टोकियो ओलिंपिक में कुश्ती में रजतपदक प्राप्त करनेवाले खिलाडी रविकुमार दहिया ने भी प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों का उपयोग न करने का आवाहन किया ।

केंद्रीय गृहमंत्रालय से दिशानिर्देश

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इस संदर्भ में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर प्लास्टिक के ध्वजों का उपयोग न करने का निर्देश दिया, साथ ही केवल कागद एवं कपडे से बने राष्ट्रध्वजों का ही उपयोग करने का आवाहन किया ।

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