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‘खाने में मिलावट कैसे पहचानें और उपाय ?’ विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद !

खाने के पदार्थों में मिलावट प्राप्त होने पर ‘FSSAI’ से शिकायत करें ! – श्री. मोहन केंबळकर, सहायक आयुक्त, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग

खाद्यपदार्थों में मिलावट युक्त पदार्थों का उपयोग किया हो, पैकबंद खाद्य पदार्थों के ‘पैक’ पर अनुचित ‘लेबल’ हो, खाद्यपदार्थों के विषय में लोगों को भ्रमित करनेवाले अनुचित विज्ञापन प्रसारित किए गए हो, तो खाद्य सुरक्षा के विषय में विद्यमान कानूनों के अनुसार दोषियों को दंड दिए जाने का प्रावधान अस्तित्व में है । इस स्तर के अपराधों के लिए आर्थिक दंड, कारावास इत्यादि दंड है । अनेक बार दूध में पानी, यूरिया, स्टार्च, डिटर्जंट इत्यादि पदार्थों की मिलावट की जाती है । ‘मिलावट कैसे पहचानें ?’, यह ‘भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण’ के (FSSAI के) जालस्थल (वेबसाइट) पर उपलब्ध है । दूध अथवा किसी भी खाद्यपदार्थ में मिलावट ध्यान में आने पर ‘FSSAI’ को दूरभाष, ऑनलाइन अथवा प्रत्यक्ष पत्रव्यवहार द्वारा परिवाद (शिकायत) सूचित कर सकते हैं । परिवाद प्राप्त होने पर ‘खाद्य सुरक्षा दल’ के अधिकारी परिवादी को कार्यवाही के विषय में यथोचित जानकारी देते हैं । खाद्य पदार्थों में मिलावट पाए जाने पर जागरूक नागरिक ‘भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण’ अर्थात ‘FSSAI’ को परिवाद सूचित करें, ऐसा आवाहन कोल्हापुर के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त श्री. मोहन केंबळकर ने किया । वे ‘आरोग्य साहाय्य समिति’ और ‘सुराज्य अभियान’ की ओर से आयोजित ‘खाने में मिलावट कैसे पहचानें और उपाय ?’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में बोल रहे थे ।

इस कार्यक्रम में सातारा और कोल्हापुर के जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला के कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी श्री. सुनील पाखरे ने दूध, चाय पाऊडर, दाल इत्यादि पदार्थों में मिलावट कैसे पहचानें, यह प्रत्यक्ष प्रदर्शन द्वारा दिखाया । यह कार्यक्रम Hindujagruti.org के जालस्थल (वेबसाइट), साथ ही समिति के ‘HinduJagruti’ इस ‘यू-ट्यूब’ चैनल और समिति के ट्विटर हैंडल द्वारा प्रसारित किया गया । यह चर्चासत्र, साथ ही 20 अक्टूबर को प्रसारित होनेवाले कार्यक्रम का अगला भाग नागरिक अवश्य देखें तथा ‘मिलावट’ की समस्या के विषय में संघर्ष करने के लिए ‘सुराज्य अभियान’ से संपर्क करें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. नरेंद्र सुर्वे ने किया ।

श्री. केंबळकर ने आगे कहा कि अनेक स्थानों पर केमिकल का उपयोग कर कृत्रिम पद्धति से फल पकाए जाते हैं । साथ ही शरबत में भी विविध प्रकार के रंगों का उपयोग कर मिलावट की जाती है । नागरिकों को किसी भी प्रकार की मिलावट प्राप्त होने पर वे इस विषय में ‘FSSAI’ के केंद्रीय विभाग को 18000112100 इन टोल फ्री क्रमांक पर परिवाद करें । स्वच्छता के मापदंड का पालन न करनेवाले स्थानों से, साथ ही खुले पदार्थ नागरिक न खाएं ।

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